नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन- WHO ने गुरुवार को देशों से नमक का सेवन कम करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास करने का आह्वान किया, जिससे हृदय की समस्याओं, स्ट्रोक और कैंसर के खतरे को रोका जा सके. सोडियम सेवन में कमी पर अपनी तरह की पहली वैश्विक रिपोर्ट में, वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि दुनिया 2025 तक सोडियम सेवन को 30 प्रतिशत तक कम करने के अपने वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रही है.
WHO report से पता चलता है कि केवल 5 प्रतिशत देश अनिवार्य और व्यापक सोडियम कटौती नीतियों ( mandatory and comprehensive sodium reduction policies ) द्वारा संरक्षित हैं, जबकि भारत सहित 73 प्रतिशत देशों में ऐसी नीतियों के कार्यान्वयन की पूरी श्रृंखला का अभाव है. Report ने कहा कि अत्यधिक लागत प्रभावी Sodium reduction policy को लागू करने से 2030 तक विश्व स्तर पर अनुमानित सात मिलियन लोगों की जान बचाई जा सकती है.
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ और NAPI - Nutrition Advocacy in Public Interest ( न्यूट्रिशन एडवोकेसी इन पब्लिक इंटरेस्ट ) के संयोजक डॉ अरुण गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "हर देश को सोडियम सेवन कम करने का लक्ष्य रखना चाहिए, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चीनी और कार्बोहाइड्रेट ( sugar and carbohydrates ) का सेवन कम करें, जो इंसुलिन प्रतिरोध के लिए जिम्मेदार हैं.
एक दिन में इतना नमक करें इस्तेमाल
सोडियम एक आवश्यक पोषक तत्व है, लेकिन बहुत अधिक नमक खाने से यह आहार और पोषण संबंधी मौतों के लिए शीर्ष जोखिम कारक बन जाता है. सोडियम का मुख्य स्रोत टेबल सॉल्ट ( Sodium Chloride ) है, लेकिन यह सोडियम ग्लूटामेट जैसे अन्य मसालों में भी पाया जाता है. वैश्विक औसत Table salt का सेवन प्रति दिन 10.8 ग्राम होने का अनुमान है, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रति दिन 5 ग्राम से कम नमक (एक चम्मच) की सिफारिश के दोगुने से भी अधिक है.
बढ़ सकता है मौत का खतरा
कई अध्ययनों से पता चला है कि खाद्य पदार्थों में अधिक नमक का सेवन करने से समय से पहले मौत का खतरा बढ़ सकता है. उभरते सबूत भी उच्च सोडियम सेवन ( high sodium intake side effects ) और गैस्ट्रिक कैंसर, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस और गुर्दे की बीमारी जैसी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के बढ़ते जोखिम को जोड़ते हैं. डॉ. गुप्ता और NAPI इस बात की वकालत करते रहे हैं कि सभी प्री-पैकेज्ड खाद्य उत्पादों में जनता को चेतावनी देने के लिए नमक, चीनी और संतृप्त वसा सामग्री को इंगित करने के लिए फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग- FOPL होती है. FOPL को सबसे प्रभावी नीति समाधान माना जाता है, जो उपभोक्ताओं को चीनी, सोडियम और संतृप्त वसा के उच्च स्तर के बारे में समझने में आसान तरीके से सूचित कर सकता है और अस्वास्थ्यकर पैकेज्ड भोजन की खरीद को हतोत्साहित कर सकता है.
WHO Director General Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus ( डब्ल्यूएचओ महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ) ने एक बयान में कहा, "अस्वास्थ्यकर आहार विश्व स्तर पर मृत्यु और बीमारी का एक प्रमुख कारण है और अत्यधिक सोडियम का सेवन मुख्य दोषियों में से एक है." इस बीच, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट ने खाद्य निर्माताओं से भोजन में सोडियम सामग्री के लिए डब्ल्यूएचओ के बेंचमार्क को लागू करने का भी आह्वान किया. उस ने कहा, अनिवार्य सोडियम कमी नीतियां ( mandatory sodium reduction policies ) अधिक प्रभावी हैं क्योंकि वे खाद्य निर्माताओं के लिए समान खेल का मैदान प्रदान करते हुए व्यावसायिक हितों के खिलाफ व्यापक कवरेज और सुरक्षा प्राप्त करते हैं.
(आईएएनएस)
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