सालों से, हमारी दादी नानी की रसोई में , खाने वाले बीजों का एक विशेष महत्व रहा है। खाना चाहे नमकीन हो या मिठाई , खाद्य बीजों का इस्तेमाल हमेशा उसके स्वाद और पोषण को बढ़ाने का कार्य करता है। लेकिन हाल फिलहाल में जब विभिन्न प्रकार की डाइट के तरीकों तथा भोजन फूड फैशन का हिस्सा बनने लगे हैं, फलों सब्जियों में मिलने वाले तथा खाने वाले बीजों का इस्तेमाल भी फूड फैशन के सबसे चर्चित ट्रेंड बन गया है। वर्तमान समय में नाश्ते से लेकर डेसर्ट तक, बिस्कुट से लेकर सलाद तक, विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में इस बीजों का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है। हैं।
खाद्य बीजों को सूपरफूड की श्रेणी में क्यों रखा जाता है इस बारे में ज्यादा जानकारी लाने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने सनशाइन होम्योपैथी क्लिनिक, मुंबई में अभ्यास करने वाली होम्योपैथ चिकित्सक और पोषण विशेषज्ञ डॉ कृति एस धीरवानी से बात की।
सूपरफूड हैं खाद्यबीज
डॉ कृति बताती हैं की खाद्य बीज विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट के साथ फाइबर, प्रोटीन और मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा के बड़े स्रोत हैं, जो दिल तथा पाचन तंत्र सहित पूरे शरीर को पोषण तथा ऊर्जा देते हैं। शरीर को अलग अलग तरीकों से फायदा पहुँचने वाले कुछ बीज तथा उनके फायदे इस प्रकार हैं।
पटसन या अलसी के बीज
फ्लैक्ससीड्स यानी आलसी के बीजों में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ऊर्जा के मुख्य स्त्रोते में से एक माने जाने वाले आलसी के बीजों में फाइबर भी उच्च मात्रा में पाया जाता है। हमारे देश में सबसे प्रचलित मुखवासो में से एक माने जाने आलसी के बीजों में प्रोटीन और फाइबर के अलावा, ओमेगा -3 वसा, विशेष रूप से अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
डॉ कृती बताती है की अलसी को अपने आहार में शामिल करके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायी जा सकती है , साथ ही मांसपेशियों और हड्डियों का विकास होता है और थकान कम होती हैं। आलसी के बीजों में पौधों के यौगिक होते हैं जो कुछ लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं और प्रारंभिक गर्भावस्था में उच्च खुराक की खपत के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं।
आलसी के बीजों को किसी भी भोजन में लगभग एक चम्मच यानी लगभग 10 ग्राम मात्रा में मिलाया जा सकता है। इसे सूप, दलिया, सलाद, कुकीज़ / बिस्कुट में मिलाया जा सकता है।
अलसी के सेवन से पाचन संबंधी हल्की समस्याएं हो सकती हैं।
निजेला यानी कलौंजी के बीज
कलौंजी के बीज या कलौंजी अपने विविध पाक उपयोगों और औषधीय गुणों के लिए जानी जाती हैं।
परंपरागत रूप से भी कलौंजी का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जुड़े घरेलू इलाज में किया जाता है।
स्वाद और सुगंध के अतिरिक्त कलौंजी विटामिन, अमीनो एसिड, सैपोनिन, कच्चे फाइबर, प्रोटीन, और फैटी एसिड जैसे लिनोलेनिक और ओलिक एसिड, वाष्पशील तेल, अल्कलॉइड, लोहा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम से भरी होती है। कलौंजी के इस्तेमाल से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं।
•मुँहासे से लड़ती है।
• रक्त शर्करा के स्तर को बेहतर करती है की जिससे स्वास्थ्य बेहतर रहे। लेकिन बहुत जरूरी है की मरीज अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराते रहे।
• याददाश्त बढ़ाती है और अस्थमा को कम करती है।
• वजन घटना
• जोड़ों के दर्द को कम करना
- उच्च रक्तचाप में फायदा पहुंचाता है।
कलौंजी ज्यादातर लोगों के लिए तब तक सुरक्षित है जब तक इसे कम मात्रा में लिया जाता हों। हालांकि, यदि इसका सेवन जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाता है तो यह रक्तचाप और शर्करा के स्तर को कम कर सकता है जो जीवन के लिए जोखिम पैदा कर सकता है। इसके अलावा, कलौंजी के बीज गर्भाशय के संकुचन को उत्तेजित कर सकते हैं और भ्रूण के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इससे बचने का सुझाव दिया जाता है।
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज, मोनोअनसैचुरेटेड फैट, ओमेगा -6 वसा और अन्य आवश्यक विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत होते हैं। उनमें रोगाणुरोधी गुण होते हैं और यह कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं जो मस्तिष्क के बेहतर विकास, बेहतर यकृत स्वास्थ्य, बेहतर हृदय स्वास्थ्य और मूत्र समस्यायों में फायदा पहुंचाते हैं।
डॉ कृति बताती हैं की ताजा भुने हुए कद्दू के बीज में व्यक्ति की दैनिक आयरन की जरूरत का 16% पोषण पाया जाता है साथ ही इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में मिलता है। कद्दू के बीज ज्यादा मात्रा में खाने से कब्ज और वजन बढ़ सकता है।
चिया बीज
चिया सीड्स ने हाल के वर्षों में भारत में काफी लोकप्रियता हासिल की है। इसके छोटे बीजों को 'सुपरफूड' कहा जाता है क्योंकि वे उच्च मात्रा में फाइबर, ओमेगा -3 फैटी एसिड, जिंक, प्रोटीन और अन्य खनिजों से भरे होते हैं।
डॉ कृति बताती हैं की 1 ग्राम चिया सीड्स में सैल्मन से 8 गुना ज्यादा ओमेगा-3, पालक से 3 गुना ज्यादा आयरन और दूध से 5 गुना ज्यादा कैल्शियम होता है!
चिया बीज दो प्रकार के होते हैं - काला और सफेद। वहीं चिया सीड्स को पानी में भिगोने से वे अपने वजन का 9 गुना पानी सोख लेते हैं और जैल में बदल जाते हैं। आप इस जेल को अनाज, कुकीज, मिल्कशेक, सलाद, और कई अन्य व्यंजनों सहित अपने सभी भोजन में शामिल कर सकते हैं
बहुत जरूरी है की बच्चों को कच्चे, बिना भिगोए और बिना पके चिया बीज न दें, इसका ध्यान रखें, क्योंकि इन्हें कच्चा खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
तरबूज के बीज
इस प्रकार के बीजों में यह सबसे अधिक उपेक्षित बीज हैं। लेकिन तरबूज के बीजों में मैग्नीशियम और आयरन , प्रोटीन और अमीनो एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो बालों को मजबूत बनाते हैं। डॉ कृति बताती हैं की एक दिन में लगभग आधा कप तरबूज के बीजों का सेवन सुरक्षित रूप से किया जा सकता है।
पढ़ें : पोषण से भरपूर होते हैं कद्दू और उसके बीज
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