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भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर एक त्रासदी : डॉ विवेक मूर्ति - health

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए सभी देशों को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। टीकों की आपूर्ति से लेकर अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करनी है। भारत की स्थिति को देखते हुए अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने इसे एक त्रासदी कहा है।

The second wave of the COVID-19 pandemic
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर
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Published : May 7, 2021, 5:28 PM IST

अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने संकट के समय सभी देशों द्वारा एक दूसरे की मदद करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर एक त्रासदी है।

भारतीय मूल के अमेरिकी मूर्ति ने एक समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘कोविड-19 ने हमें यही सिखाया है कि इस महामारी से निपटने के लिए हमें एकजुट होना होगा। पूरी दुनिया के रूप में हमें एक दूसरे की मदद करने की आवश्यकता है। टीकों के संदर्भ में दुनियाभर में उसकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी है, ताकि लोगों को उपचार उपलब्ध हो, उन्हें पीपीई किट की आपूर्ति हो क्योंकि दुनिया में कहीं भी कोविड-19 का खतरा अंतत: हर देश के लिए खतरा है।’’

भारत में मौजूदा कोविड-19 संकट पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका भी ऐसी स्थिति का सामना कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा ही इसकी संभावना रहेगी और हमें सतर्क रहना होगा। मुझे आशा है कि अगर हम टीकाकरण अभियान के प्रयासों को जारी रखें तो हम देश में अच्छा करेंगे।’’

मूर्ति ने कहा, ‘‘भारत में जो कुछ हो रहा है वह एक त्रासदी है। भारत के सामने दो या कई सारी चुनौतियां हैं, लेकिन वहां अभी वायरस का जो नया स्वरूप बी 117 मौजूद है वह पहले यहां अमेरिका में भी तबाही मचा चुका है और हम जानते हैं कि वायरस का यह स्वरूप पिछले साल अमेरिका में मौजूद स्वरूप से 50 प्रतिशत अधिक तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है।’’

उन्होंने कहा कि वायरस के 617 स्वरूप अधिक घातक हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं। डॉक्टर अब भी इन्हें समझने का प्रयास कर रहे हैं।

(भाषा)

अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने संकट के समय सभी देशों द्वारा एक दूसरे की मदद करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर एक त्रासदी है।

भारतीय मूल के अमेरिकी मूर्ति ने एक समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘कोविड-19 ने हमें यही सिखाया है कि इस महामारी से निपटने के लिए हमें एकजुट होना होगा। पूरी दुनिया के रूप में हमें एक दूसरे की मदद करने की आवश्यकता है। टीकों के संदर्भ में दुनियाभर में उसकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी है, ताकि लोगों को उपचार उपलब्ध हो, उन्हें पीपीई किट की आपूर्ति हो क्योंकि दुनिया में कहीं भी कोविड-19 का खतरा अंतत: हर देश के लिए खतरा है।’’

भारत में मौजूदा कोविड-19 संकट पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका भी ऐसी स्थिति का सामना कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा ही इसकी संभावना रहेगी और हमें सतर्क रहना होगा। मुझे आशा है कि अगर हम टीकाकरण अभियान के प्रयासों को जारी रखें तो हम देश में अच्छा करेंगे।’’

मूर्ति ने कहा, ‘‘भारत में जो कुछ हो रहा है वह एक त्रासदी है। भारत के सामने दो या कई सारी चुनौतियां हैं, लेकिन वहां अभी वायरस का जो नया स्वरूप बी 117 मौजूद है वह पहले यहां अमेरिका में भी तबाही मचा चुका है और हम जानते हैं कि वायरस का यह स्वरूप पिछले साल अमेरिका में मौजूद स्वरूप से 50 प्रतिशत अधिक तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है।’’

उन्होंने कहा कि वायरस के 617 स्वरूप अधिक घातक हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं। डॉक्टर अब भी इन्हें समझने का प्रयास कर रहे हैं।

(भाषा)

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