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ओमीक्रोन वेरिएंट के मद्देनजर सावधानी बरतना ना छोड़े जनता

कोरोना के नए वेरिएंट ‘बी.1.1.1.529’ ओमीक्रोन ने एक बार फिर से लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खींचनी शुरू कर दी हैं . ना सिर्फ सरकारी प्रणाली बल्कि चिकित्सक भी इस नए वेरिएंट के संभावित खतरों को लेकर चिंता जता रहे हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि लोग एक बार फिर से सचेत हो जाएं और कोरोना से जुड़ी तमाम सावधानियों का पालन करना पुनः अपनी आदतों में शामिल कर लें.

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ओमीक्रोन वेरिएंट
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Published : Dec 1, 2021, 5:30 PM IST

बड़ी मुश्किल से कोरोना संक्रमण के साएं तथा डर से बाहर निकलकर लोग अब धीरे-धीरे अपने सामान्य जीवन की ओर वापस हो रहे थे, लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने एक बार फिर से उनके मन में चिंताएं उत्पन्न करनी शुरू कर दी हैं . यूं तो चिकित्सकों द्वारा बार-बार इस बात की चेतावनी दी जाती रही है कि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से समाप्त नही हुआ है तथा संक्रमण किसी नए वेरिएंट के स्वरूप में वापस आ सकता है. लेकिन संक्रमण के कम होते असर तथा वैक्सीन की सुरक्षा मिलने के चलते लोगों के मन से कोरोना संक्रमण का डर पिछले कुछ समय में धीरे-धीरे कम होने लगा था. जिसके चलते स्कूल और दफ्तर के नियमित खुलने के साथ ही बाजार, शपिंग मॅाल तथा मल्टीप्लेस पर लगी पाबंदी हटते ही वहाँ फिर से पहले की भांति भीड़ नजर आने लगी थी. लेकिन अब ‘बी.1.1.1.529’ ओमीक्रोन के संभावित खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने लगभग सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. जिसके चलते विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच भी की जा रही है.

सरकार द्वारा समय-समय पर जारी सूचनाओं की मानें तो अभी तक भारत में ओमीक्रोन संक्रमण ने अपने पाँव नही पसारे हैं लेकिन यह भी सत्य है कि पिछले कुछ समय में जैसे-जैसे स्कूल, बाजार तथा अन्य स्थानों पर से सुरक्षा पाबंदियां हटाई गई हैं, कोरोना संक्रमण के पीड़ितों की संख्या में पुनः बढ़ोतरी नजर आने लगी है.

सुरक्षा मानकों को अपनाया जाना जरूरी

दिल्ली के वरिष्ठ जनरल फिजिशियन (सेवानिवृत) डॉ अशोक सिंह बताते हैं कि आजकल केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों द्वारा ओमीक्रोन से सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी, सामाजिक तथा व्यक्तिगत रूप से लोगों को पूरी एहतियात बरतने की सलाह दी जारी है. लेकिन हमारे देश में अभी भी कोरोना के पिछले वेरिएन्ट (डेल्टा) के मामले सामने आ रहे हैं. बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोगों ने विशेषकर, उन लोगों ने जिन्हे वैक्सीन के दोनों टीके या कम से कम एक टीका लग चुका है मास्क जैसी सुरक्षा का उपयोग न के बराबर कर दिया है. जो बिल्कुल सही नही है. कोरोना के किसी भी वेरिएंट से सुरक्षा के लिए ना सिर्फ मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग बहुत जरूरी है बल्कि लोगों से निर्धारित दूरी बनाए रखना, जहां तक संभव हो सार्वजनिक भीड़भाड़ वाले स्थलों पर जाने से बचना तथा सर्दी-जुखाम या बुखार जैसे हल्के से भी लक्षण नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श करना, इस समय की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक बन गया है.

वैसे भी आजकल देश भर में शादियों के भारी साएं चल रहे हैं. और लोग तमाम सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर बगैर मास्क तथा अन्य सुरक्षा साधनों के इन समारोहों का हिस्सा बन रहे हैं. जिससे कोरोना के मामलों में वृद्धि की वैसे ही आशंका जताई जा रही है. यही नही पिछले कुछ समय में देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी भी देखी जा रही है.

ऐसे में बहुत जरूरी हो गया है की विभिन्न माध्यमों से सामाजिक तथा व्यक्तिगत स्तर पर लोगों को पुनः कोरोना संक्रमण के चलते तमाम सुरक्षा मानकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए.

दूसरा टीका शीघ्र लगवाएं

डॉ अशोक सिंह बताते हैं कि ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने अलग-अलग कारणों से कोरोना वैक्सीन का दूसरा टीका अभी तक नहीं लगवाया हैं. लोगों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि कोरोना की गंभीरता से बचाव तथा कोरोना वैक्सीन की सफलता तभी संभव है जब दोनों टीके लगवाए जाएं. इसलिए जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन का दूसरा टीका नहीं लगवाया है वे जल्द से जल्द टीके लगवा लें.

गौरतलब है कि कोरोनावायरस के इस नए वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्तर पर चेतावनी जारी की है. दरअसल दुनिया के कई देशों में यह वेरिएंट काफी तेजी से अपना असर दिखा रहा है. डॉ अशोक सिंह बताते हैं कि कोरोना संक्रमण का यह नया रूप या कोइ भी वेरिएन्ट पूर्व की भांति हमारे समक्ष एक बड़ा संकट बन कर ना उभरे इसके लिए बहुत जरूरी है कि लोग व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर अभी से सुरक्षा बरतनी शुरू कर दें. क्योंकि उपचार से हमेशा सावधानी बेहतर होती है.

पढ़ें: एमआरएनए वैक्सीन जनित प्रतिरक्षा भविष्य में देती है ज्यादा सुरक्षा

बड़ी मुश्किल से कोरोना संक्रमण के साएं तथा डर से बाहर निकलकर लोग अब धीरे-धीरे अपने सामान्य जीवन की ओर वापस हो रहे थे, लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने एक बार फिर से उनके मन में चिंताएं उत्पन्न करनी शुरू कर दी हैं . यूं तो चिकित्सकों द्वारा बार-बार इस बात की चेतावनी दी जाती रही है कि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से समाप्त नही हुआ है तथा संक्रमण किसी नए वेरिएंट के स्वरूप में वापस आ सकता है. लेकिन संक्रमण के कम होते असर तथा वैक्सीन की सुरक्षा मिलने के चलते लोगों के मन से कोरोना संक्रमण का डर पिछले कुछ समय में धीरे-धीरे कम होने लगा था. जिसके चलते स्कूल और दफ्तर के नियमित खुलने के साथ ही बाजार, शपिंग मॅाल तथा मल्टीप्लेस पर लगी पाबंदी हटते ही वहाँ फिर से पहले की भांति भीड़ नजर आने लगी थी. लेकिन अब ‘बी.1.1.1.529’ ओमीक्रोन के संभावित खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने लगभग सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. जिसके चलते विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच भी की जा रही है.

सरकार द्वारा समय-समय पर जारी सूचनाओं की मानें तो अभी तक भारत में ओमीक्रोन संक्रमण ने अपने पाँव नही पसारे हैं लेकिन यह भी सत्य है कि पिछले कुछ समय में जैसे-जैसे स्कूल, बाजार तथा अन्य स्थानों पर से सुरक्षा पाबंदियां हटाई गई हैं, कोरोना संक्रमण के पीड़ितों की संख्या में पुनः बढ़ोतरी नजर आने लगी है.

सुरक्षा मानकों को अपनाया जाना जरूरी

दिल्ली के वरिष्ठ जनरल फिजिशियन (सेवानिवृत) डॉ अशोक सिंह बताते हैं कि आजकल केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों द्वारा ओमीक्रोन से सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी, सामाजिक तथा व्यक्तिगत रूप से लोगों को पूरी एहतियात बरतने की सलाह दी जारी है. लेकिन हमारे देश में अभी भी कोरोना के पिछले वेरिएन्ट (डेल्टा) के मामले सामने आ रहे हैं. बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोगों ने विशेषकर, उन लोगों ने जिन्हे वैक्सीन के दोनों टीके या कम से कम एक टीका लग चुका है मास्क जैसी सुरक्षा का उपयोग न के बराबर कर दिया है. जो बिल्कुल सही नही है. कोरोना के किसी भी वेरिएंट से सुरक्षा के लिए ना सिर्फ मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग बहुत जरूरी है बल्कि लोगों से निर्धारित दूरी बनाए रखना, जहां तक संभव हो सार्वजनिक भीड़भाड़ वाले स्थलों पर जाने से बचना तथा सर्दी-जुखाम या बुखार जैसे हल्के से भी लक्षण नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श करना, इस समय की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक बन गया है.

वैसे भी आजकल देश भर में शादियों के भारी साएं चल रहे हैं. और लोग तमाम सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर बगैर मास्क तथा अन्य सुरक्षा साधनों के इन समारोहों का हिस्सा बन रहे हैं. जिससे कोरोना के मामलों में वृद्धि की वैसे ही आशंका जताई जा रही है. यही नही पिछले कुछ समय में देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी भी देखी जा रही है.

ऐसे में बहुत जरूरी हो गया है की विभिन्न माध्यमों से सामाजिक तथा व्यक्तिगत स्तर पर लोगों को पुनः कोरोना संक्रमण के चलते तमाम सुरक्षा मानकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए.

दूसरा टीका शीघ्र लगवाएं

डॉ अशोक सिंह बताते हैं कि ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने अलग-अलग कारणों से कोरोना वैक्सीन का दूसरा टीका अभी तक नहीं लगवाया हैं. लोगों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि कोरोना की गंभीरता से बचाव तथा कोरोना वैक्सीन की सफलता तभी संभव है जब दोनों टीके लगवाए जाएं. इसलिए जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन का दूसरा टीका नहीं लगवाया है वे जल्द से जल्द टीके लगवा लें.

गौरतलब है कि कोरोनावायरस के इस नए वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्तर पर चेतावनी जारी की है. दरअसल दुनिया के कई देशों में यह वेरिएंट काफी तेजी से अपना असर दिखा रहा है. डॉ अशोक सिंह बताते हैं कि कोरोना संक्रमण का यह नया रूप या कोइ भी वेरिएन्ट पूर्व की भांति हमारे समक्ष एक बड़ा संकट बन कर ना उभरे इसके लिए बहुत जरूरी है कि लोग व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर अभी से सुरक्षा बरतनी शुरू कर दें. क्योंकि उपचार से हमेशा सावधानी बेहतर होती है.

पढ़ें: एमआरएनए वैक्सीन जनित प्रतिरक्षा भविष्य में देती है ज्यादा सुरक्षा

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