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रूस भारत में करेगा स्पुतनिक-5 वैक्सीन का उत्पादन

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Published : Nov 28, 2020, 12:15 PM IST

रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-5 के उत्पादन को लेकर भारत की जेनेरिक दवा कंपनी हेटेरो को रूसी डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के अंतर्गत सहमति मिल गई है. अगले साल से वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया जाएगा. यह वैक्सीन 95 फीसदी तक असरदार पाया गया है.

Russian vaccine production in India
भारत में रूसी वैक्सीन का उत्पादन

भारत की जेनेरिक दवा कंपनियों में से एक हेटेरो और रूसी डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने भारत में प्रति साल के हिसाब से स्पुतनिक-5 कोविड वैक्सीन की दस करोड़ से अधिक खुराक के उत्पादन को अपनी सहमति दे दी है. इनका इरादा अगले साल की शुरूआत से स्पुतनिक-5 का उत्पादन करने का है.

हेटेरो लैब में इंटरनेशनल मार्केटिंग के निदेशक मुरली कृष्णा रेड्डी के अपने एक बयान में कहा, 'हम कोविड-19 के उपचार के लिए सबसे अधिक प्रत्याशित स्पुतनिक-5 के उत्पादन के लिए आरडीआईएफ के साथ भागीदारी कर खुश हैं. यह सहयोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमारी प्रतिबद्धताओं की ओर एक और कदम है और साथ ही 'मेक इन इंडिया' के उद्देश्य को भी साकार करना है, जिसकी कल्पना हमारे प्रधानमंत्री द्वारा की गई है.'

आरडीआईएफ के मुताबिक, वैक्सीन के अंतरिम नैदानिक परीक्षण के परिणाम में देखा गया कि इसकी पहली खुराक के बाद 42वें दिन पर ये 95 फीसदी तक असरदार है.

वर्तमान में वैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण को मंजूरी दे दी गई है, जिस पर बेलारूस, संयुक्त अरब अमीरात, वेनेजुएला और बाकी देशों में काम जारी है, जबकि भारत में दूसरे-तीसरे चरणों पर काम चल रहा है.

स्पुतनिक-5 के 120 करोड़ से अधिक खुराकों के लिए अब तक 50 से अधिक देशों से अनुरोध आ चुके हैं.

भारत की जेनेरिक दवा कंपनियों में से एक हेटेरो और रूसी डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने भारत में प्रति साल के हिसाब से स्पुतनिक-5 कोविड वैक्सीन की दस करोड़ से अधिक खुराक के उत्पादन को अपनी सहमति दे दी है. इनका इरादा अगले साल की शुरूआत से स्पुतनिक-5 का उत्पादन करने का है.

हेटेरो लैब में इंटरनेशनल मार्केटिंग के निदेशक मुरली कृष्णा रेड्डी के अपने एक बयान में कहा, 'हम कोविड-19 के उपचार के लिए सबसे अधिक प्रत्याशित स्पुतनिक-5 के उत्पादन के लिए आरडीआईएफ के साथ भागीदारी कर खुश हैं. यह सहयोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमारी प्रतिबद्धताओं की ओर एक और कदम है और साथ ही 'मेक इन इंडिया' के उद्देश्य को भी साकार करना है, जिसकी कल्पना हमारे प्रधानमंत्री द्वारा की गई है.'

आरडीआईएफ के मुताबिक, वैक्सीन के अंतरिम नैदानिक परीक्षण के परिणाम में देखा गया कि इसकी पहली खुराक के बाद 42वें दिन पर ये 95 फीसदी तक असरदार है.

वर्तमान में वैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण को मंजूरी दे दी गई है, जिस पर बेलारूस, संयुक्त अरब अमीरात, वेनेजुएला और बाकी देशों में काम जारी है, जबकि भारत में दूसरे-तीसरे चरणों पर काम चल रहा है.

स्पुतनिक-5 के 120 करोड़ से अधिक खुराकों के लिए अब तक 50 से अधिक देशों से अनुरोध आ चुके हैं.

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