क्या आपको भी सोते समय तेज आवाज में खर्राटे लेने की आदत है? यदि हां तो थोड़ा सजग हो जाइए क्योंकि यह किसी शारीरिक समस्या या अवस्था के कारण हो सकता है। क्यों व्यक्ति खर्राटे लेते हैं और क्या यह किसी गंभीर समस्या के निशानी होती है, साथ ही खर्राटे की समस्या होने पर व्यक्ति किस तरह से उसका निवारण कर सकता है इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए ETV भारत सुखी भव एप्पल हॉस्पिटल इंदौर के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर संजय जैन से बात की।
खर्राटों का कारण
डॉक्टर जैन बताते हैं आमतौर पर मोटापा, किसी दवाई के असर स्वरूप, साइनस, नाक में किसी प्रकार का संक्रमण होना या स्लीप एपनिया जैसी समस्यायें लोगों में खर्राटे लेने का कारण बनती हैं। इसके अतिरिक्त गर्भवती महिलाओं में भी खराटे लेने की समस्या देखने में आती है। दरअसल हमारे गले की टिशूज में कंपन के कारण व्यक्ति खर्राटें लेते हैं। इस प्रक्रिया में परिणाम स्वरूप व्यक्ति की नाक से तीव्र आवाज निकलती है। यदि किसी व्यक्ति को खर्राटे लेने की समस्या है तो वह कुछ बातों को ध्यान में रखकर काफी हद तक इस समस्या से छुटकारा पा सकता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।
- सोने की अवस्था
डॉक्टर जैन बताते हैं कि आमतौर पर जब लोग पीठ के बल सोते हैं तो उस समय वे ज्यादा तेज आवाज में खर्राटे लेते हैं । दरअसल जब हम पीठ के बल सोते हैं तो कभी-कभी हमारी जबान हमारे मुंह में घूमती रहती है ऐसे में वह गले में वायु मार्ग में बाधा उत्पन्न करती है। इसलिए खर्राटे ज्यादा आने की समस्या होने पर पेट के बल सोने की वजह करवट से सोने का प्रयास करें इसके लिए कई बार आप बॉडी पिलो यानी गोल मसन्द की भी मदद ले सकते हैं।
- वजन घटाएं
खर्राटे लेने के सबसे बड़े कारणों में से एक होता है जरूरत से ज्यादा वजन या मोटापा। ऐसे लोग जिनका वजन ज्यादा हो और वह खर्राटे लेते हो तो उन्हें अपना वजन कम करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसी अवस्था में नियमित व्यायाम तथा संतुलित पौष्टिक आहार काफी मददगार साबित होता है।
- अल्कोहल से परहेज करें
सोने से ठीक पहले शराब का सेवन भी खर्राटों की गति तथा उनकी तीव्रता को बढ़ा सकता है। दरअसल शराब हमारे गले की मांसपेशियों को आराम देती है जोकि खर्राटे लेने का कारण बनती हैं। इसलिए जहां तक संभव हो सोने से कम से कम 2 घंटे पहले तक शराब के सेवन नहीं करना चाहिए।
- सिर को ऊंचा रखकर सोये
सोते समय सर के नीचे एक अतिरिक्त तकिया रखने से भी खर्राटे लेने की रफ्तार और उसकी आवाज में कमी आ सकती है। डॉ जैन बताते हैं कि यदि सोते समय सिर को बाकी शरीर के मुकाबले सिर्फ 4 इंच भी ऊपर रखा जाए तो यह हमारे वायु मार्गो को खोलता है। लेकिन यहां यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि ऊंचे तकिए से कहीं व्यक्ति की गर्दन या कमर में दर्द ना हो।
- स्वयं को हाइड्रेट रखें
शरीर में पानी की कमी होने पर कफ का निर्माण ज्यादा होता है, जो ज्यादा तेज आवाज में खर्राटे लेने का कारण बन सकता है। इसलिए पूरे दिन जरूरी मात्रा में पानी तथा अन्य पेय पदार्थ पीते रहे। लेकिन यहां यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि सोने से ठीक पहले पानी नहीं पीना चाहिए अन्यथा यह नींद को बाधित कर सकता है।
- अच्छी नींद लें
सिर्फ खर्राटों के लिए ही नहीं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य तथा अच्छी जीवनशैली के लिए भी अच्छी गुणवत्ता वाली नींद बहुत जरूरी है। डॉ जैन बताते हैं कि रात में 7 से लेकर 9 घंटे की नींद व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी होती है। इसके अतिरिक्त जो लोग नींद के लिए दवाइयों का उपयोग करते हैं उन्हें भी आमतौर पर खर्राटों की समस्या का सामना करना पड़ता है। इतने जहां तक संभव हो प्राकृतिक तरीके से अच्छी नींद के लिए लोगों को हर संभव प्रयास करना चाहिए।
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डॉक्टर संजय जैन बताते हैं कि एक अच्छी तथा स्वस्थ जीवन शैली ना सिर्फ खर्राटों की अवस्था में बल्कि सभी प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं को दूर करने में काफी अहम भूमिका निभाती है। वहीं यदि इन प्राकृतिक तरीकों से व्यक्ति के खर्राटों की समस्या दूर ना हो तो उसे चिकित्सक की मदद लेनी चाहिए क्योंकि कई बार तेज आवाज के खर्राटे किसी दवाई के प्रभाव स्वरूप या फिर किसी शारीरिक व मानसिक समस्या के कारण हो सकती है।