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सही आहार से नियंत्रित करें पीसीओएस। - ETV भारत सुखीभवा

पीसीओएस आज महिलाओं की आम समस्याओं में से एक है। इस हार्मोनल डिसऑर्डर से कई लोगों का वजन बढ़ जाता है, ETV भारत सुखीभवा ने दिल्ली के मयूर विहार में क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रेणु गर्ग से बातचीत की और उन्होंने कहा कि सही खानपान और नियमित व्यायाम से इस विकार को व्यवस्थित किया जा सकता है।

Proper Diet for PCOS
पीसीओएस के लिए उचित डायट
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Published : Mar 22, 2021, 2:51 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 4:05 PM IST

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) प्रसव उम्र की महिलाओं में सबसे आम हार्मोनल विकार है। पीसीओएस के कारण वजन क्यों बढ़ता है? पीसीओएस शरीर के लिए हार्मोन इंसुलिन के उपयोग को कठिन बनाता है, जो आम तौर पर शर्करा और स्टार्च को भोजन से ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है। इंसुलिन प्रतिरोध नामक इस स्थिति से रक्तप्रवाह में इंसुलिन और चीनी - ग्लूकोज का निर्माण होता है। उच्च इंसुलिन का स्तर एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। ये शरीर के बालों की वृद्धि, मुंहासे, अनियमित पीरियड्स और वजन बढ़ने जैसे लक्षणों को जन्म देते हैं। क्योंकि वजन बढ़ने का कारण पुरुष हार्मोन है, यह आमतौर पर पेट में होता है। पेट की चर्बी सबसे खतरनाक प्रकार की वसा होती है और यह हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के बढ़ते जोखिम के लिए जिम्मेदार होती है।

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे कि स्टार्च और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों में उच्च आहार इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकता है, और इसलिए वजन कम करना अधिक कठिन हो जाता है। क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ. रेणु गर्ग ने इस संबंध में ETV भारत सुखीभवा को खास जानकारी सांझा की है।

इन खाद्य पदार्थों से बचें :

1. उच्च रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे सफेद ब्रेड, मफिन, पास्ता, नूडल्स, सूजी, पिज्जा, सफेद चावल, सफेद आटे से बनी कोई भी चीज कार्ब्स में उच्च और फाइबर में कम होती है। (गेहूं के आटे के बजाय सेमी या मसूर के आटे से बना पास्ता एक अच्छा विकल्प है).

2. शक्कर युक्त नाश्ता और पेय - पेस्ट्री, डेसर्ट, सोडा और जूस, बोतलबंद स्मूदी और एनर्जी ट्रिंक। केक, कैंडी, कुकीज़, मीठे अनाज, दही में शक्कर । खाद्य पदार्थो के लेबल पढ़ते समय, चीनी के विभिन्न नामों जैसे सुक्रोज, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, डेक्सट्रोज की मात्रा सुनिश्चित करें।

3. उत्तेजक खाद्य पदार्थ जैसे प्रोसेस्ड फूड और रेड मीट जैसे हॉट-डॉग और सॉसेज। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सूजन का कारण बनते हैं, इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं, इसलिए इससे बचना चाहिए या सीमित रूप से सेवन करना चाहिए।

⦁ पीसीओएस में आनुवंशिक रूप से मोडिफाइड खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें। जब आप इस प्रकार का भोजन करते हैं, तो आप रासायन (हर्बिसाइड / कीटनाशक) की एक छोटी खुराक को निगलते हैं। ये रसायन हार्मोन के कार्य में हस्तक्षेप करते हैं और विषाक्त होते हैं।

⦁ तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे पकौड़े, पूड़ी के नियमित सेवन से बचना चाहिए, जो खराब वसा से भरपूर होते हैं, यह एस्ट्रोजेन उत्पादन बढ़ा सकते हैं, जो आपके पीसीओएस के लक्षणों को प्रभावित कर सकते हैं।

⦁ कृत्रिम या भारी प्रोसेसंड चीज़, अतिरिक्त चीनी के साथ दही, मीठी अल्कोहल वाले आइसक्रीम जैसे डेयरी उत्पाद को सीमित करें।

⦁ शराब को सीमित करें, क्योंकि शराब लिवर और आंत के लिए जहर है, इसलिए इसे फैटी लिवर के प्रबंधन के लिए सीमित किया जाता है।

स्वस्थ खाएं :

⦁ उच्च फाइबर आहार लें। फलों, सब्जियों और साबुत अनाज पर जोर दें। उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ जैसे ब्रोकोली, फूलगोभी और अंकुरित ब्रसेल्स , हरी और लाल मिर्च, बीन्स और दाल, बादाम, बेरीज, शकरकंद, कद्दू आदि को आहार में शामिल करें।

⦁ दिन भर में 4-6 छोटे आहार लें, यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाएं रखने में मदद करेगा।

⦁ लीन प्रोटीन जैसे मछली (सामन और सार्डिन), चिकन और टोफू आहार में शामिल करें।

⦁ आहार में हल्दी और टमाटर, केल, पालक, बादाम और अखरोट जैसे एंटी इंफ्लामेटरी खाद्य पदार्थ और मसाले शामिल करें। ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे फल खाएं।

⦁ अपने आहार में स्वस्थ वसा शामिल करें। स्वस्थ वसा में मछली, एवोकैडो और जैतून का तेल शामिल हैं। पीसीओएस के लक्षणों के प्रबंधन में असंतृप्त वसा आवश्यक है। आवश्यक फैटी एसिड हार्मोन को पुन: संतुलित करने और वजन बनाए रखने में मदद करते हैं।

⦁ आहार में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें, क्योंकि मैग्नीशियम की कमी इंसुलिन प्रतिरोध के बढ़ते जोखिम से संबंधित है, जैसे कि पत्तेदार साग, सूखे मेवे और बीज (जैसे-सूरजमुखी, कद्दू, आदि)।

⦁ ताजे फल फाइबर से भरपूर होते हैं और विटामिन और खनिजों के लिए आवश्यक होते हैं। कम जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) वाले फलों में चेरी, प्लम, खुबानी, सूखा आलूबुखारा और सेब शामिल हैं।

⦁ बिना प्रोसेस्ड और गैर-आनुवंशिक संशोधित सोया खाद्य पदार्थ को चुनें।

ऐसा कोई विशिष्ट आहार नहीं है, जो पीसीओएस को रोक सके या उसका इलाज कर सके। लेकिन, अच्छी तरह से खाने और सक्रिय होने से पीसीओएस की कुछ दीर्घकालिक जटिलताओं के प्रबंधन में मदद मिल सकती है।

पढे़ : मासिक चक्र अनियमित: पीसीओडी हो सकता हैं कारण

पीसीओएस के लिए डायट प्लान आप एक योग्य पोषण विशेषज्ञ से प्राप्त कर सकते हैं, इससे आपका वजन नियंत्रण में रहेगा साथ ही आप मधुमेह और हृदय रोग के दीर्घकालिक जोखिमों को कम कर सकते हैं। इसलिए, अगर आप पीसीओएस से पीड़ित है, तो एक अच्छे आहार विशेषज्ञ से संपर्क करें।

अधिक जानकारी के लिए न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ. रेणु गर्ग से rghomoeo@yahoo.co.in पर संपर्क कर सकते हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) प्रसव उम्र की महिलाओं में सबसे आम हार्मोनल विकार है। पीसीओएस के कारण वजन क्यों बढ़ता है? पीसीओएस शरीर के लिए हार्मोन इंसुलिन के उपयोग को कठिन बनाता है, जो आम तौर पर शर्करा और स्टार्च को भोजन से ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है। इंसुलिन प्रतिरोध नामक इस स्थिति से रक्तप्रवाह में इंसुलिन और चीनी - ग्लूकोज का निर्माण होता है। उच्च इंसुलिन का स्तर एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। ये शरीर के बालों की वृद्धि, मुंहासे, अनियमित पीरियड्स और वजन बढ़ने जैसे लक्षणों को जन्म देते हैं। क्योंकि वजन बढ़ने का कारण पुरुष हार्मोन है, यह आमतौर पर पेट में होता है। पेट की चर्बी सबसे खतरनाक प्रकार की वसा होती है और यह हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के बढ़ते जोखिम के लिए जिम्मेदार होती है।

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे कि स्टार्च और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों में उच्च आहार इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकता है, और इसलिए वजन कम करना अधिक कठिन हो जाता है। क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ. रेणु गर्ग ने इस संबंध में ETV भारत सुखीभवा को खास जानकारी सांझा की है।

इन खाद्य पदार्थों से बचें :

1. उच्च रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे सफेद ब्रेड, मफिन, पास्ता, नूडल्स, सूजी, पिज्जा, सफेद चावल, सफेद आटे से बनी कोई भी चीज कार्ब्स में उच्च और फाइबर में कम होती है। (गेहूं के आटे के बजाय सेमी या मसूर के आटे से बना पास्ता एक अच्छा विकल्प है).

2. शक्कर युक्त नाश्ता और पेय - पेस्ट्री, डेसर्ट, सोडा और जूस, बोतलबंद स्मूदी और एनर्जी ट्रिंक। केक, कैंडी, कुकीज़, मीठे अनाज, दही में शक्कर । खाद्य पदार्थो के लेबल पढ़ते समय, चीनी के विभिन्न नामों जैसे सुक्रोज, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, डेक्सट्रोज की मात्रा सुनिश्चित करें।

3. उत्तेजक खाद्य पदार्थ जैसे प्रोसेस्ड फूड और रेड मीट जैसे हॉट-डॉग और सॉसेज। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सूजन का कारण बनते हैं, इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं, इसलिए इससे बचना चाहिए या सीमित रूप से सेवन करना चाहिए।

⦁ पीसीओएस में आनुवंशिक रूप से मोडिफाइड खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें। जब आप इस प्रकार का भोजन करते हैं, तो आप रासायन (हर्बिसाइड / कीटनाशक) की एक छोटी खुराक को निगलते हैं। ये रसायन हार्मोन के कार्य में हस्तक्षेप करते हैं और विषाक्त होते हैं।

⦁ तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे पकौड़े, पूड़ी के नियमित सेवन से बचना चाहिए, जो खराब वसा से भरपूर होते हैं, यह एस्ट्रोजेन उत्पादन बढ़ा सकते हैं, जो आपके पीसीओएस के लक्षणों को प्रभावित कर सकते हैं।

⦁ कृत्रिम या भारी प्रोसेसंड चीज़, अतिरिक्त चीनी के साथ दही, मीठी अल्कोहल वाले आइसक्रीम जैसे डेयरी उत्पाद को सीमित करें।

⦁ शराब को सीमित करें, क्योंकि शराब लिवर और आंत के लिए जहर है, इसलिए इसे फैटी लिवर के प्रबंधन के लिए सीमित किया जाता है।

स्वस्थ खाएं :

⦁ उच्च फाइबर आहार लें। फलों, सब्जियों और साबुत अनाज पर जोर दें। उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ जैसे ब्रोकोली, फूलगोभी और अंकुरित ब्रसेल्स , हरी और लाल मिर्च, बीन्स और दाल, बादाम, बेरीज, शकरकंद, कद्दू आदि को आहार में शामिल करें।

⦁ दिन भर में 4-6 छोटे आहार लें, यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाएं रखने में मदद करेगा।

⦁ लीन प्रोटीन जैसे मछली (सामन और सार्डिन), चिकन और टोफू आहार में शामिल करें।

⦁ आहार में हल्दी और टमाटर, केल, पालक, बादाम और अखरोट जैसे एंटी इंफ्लामेटरी खाद्य पदार्थ और मसाले शामिल करें। ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे फल खाएं।

⦁ अपने आहार में स्वस्थ वसा शामिल करें। स्वस्थ वसा में मछली, एवोकैडो और जैतून का तेल शामिल हैं। पीसीओएस के लक्षणों के प्रबंधन में असंतृप्त वसा आवश्यक है। आवश्यक फैटी एसिड हार्मोन को पुन: संतुलित करने और वजन बनाए रखने में मदद करते हैं।

⦁ आहार में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें, क्योंकि मैग्नीशियम की कमी इंसुलिन प्रतिरोध के बढ़ते जोखिम से संबंधित है, जैसे कि पत्तेदार साग, सूखे मेवे और बीज (जैसे-सूरजमुखी, कद्दू, आदि)।

⦁ ताजे फल फाइबर से भरपूर होते हैं और विटामिन और खनिजों के लिए आवश्यक होते हैं। कम जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) वाले फलों में चेरी, प्लम, खुबानी, सूखा आलूबुखारा और सेब शामिल हैं।

⦁ बिना प्रोसेस्ड और गैर-आनुवंशिक संशोधित सोया खाद्य पदार्थ को चुनें।

ऐसा कोई विशिष्ट आहार नहीं है, जो पीसीओएस को रोक सके या उसका इलाज कर सके। लेकिन, अच्छी तरह से खाने और सक्रिय होने से पीसीओएस की कुछ दीर्घकालिक जटिलताओं के प्रबंधन में मदद मिल सकती है।

पढे़ : मासिक चक्र अनियमित: पीसीओडी हो सकता हैं कारण

पीसीओएस के लिए डायट प्लान आप एक योग्य पोषण विशेषज्ञ से प्राप्त कर सकते हैं, इससे आपका वजन नियंत्रण में रहेगा साथ ही आप मधुमेह और हृदय रोग के दीर्घकालिक जोखिमों को कम कर सकते हैं। इसलिए, अगर आप पीसीओएस से पीड़ित है, तो एक अच्छे आहार विशेषज्ञ से संपर्क करें।

अधिक जानकारी के लिए न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ. रेणु गर्ग से rghomoeo@yahoo.co.in पर संपर्क कर सकते हैं।

Last Updated : Mar 22, 2021, 4:05 PM IST
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