ETV Bharat / sukhibhava

मस्तिष्क की तरंगों पर आधारित होती हैं हमारी नींद - Effect of sleep on health

क्या आपने कभी सोचा है की हमें नींद क्यों और कैसे आती है? कैसी होती है नींद की वह दुनिया, जो कुछ घंटों के लिया हमें सब कुछ भूला देती है. दरअसल नींद का आधार मानसिक तरंगे होती हैं, जो हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करती है और हमें सपनों की दुनिया में ले जाती है.

sleep pattern
सोने का तरीका
author img

By

Published : Jan 18, 2021, 5:57 PM IST

लोग आमतौर पर शिकायत करते हैं की 'अरे आज अच्छी नींद नहीं आई, या नींद बार-बार टूट रही थी' ,वहीं कई बार हम लोगों को यह भी कहते हुए सुनते है की उनकी नींद बहुत कच्ची है. यही नहीं कई बार हम लोगों को नींद में बोलते या बड़बड़ाते हुए भी सुनते है. विशेषकर छोटे बच्चे तो आमतौर पर नींद में हंसते तथा रोते भी नजर आते हैं, इस दौरान कई बार उनके आंखों की पुतलियां लगातार हिलती रहती हैं, उस समय ऐसा लगता है की वे किसी अलग ही दुनिया में है.

नींद कैसे और क्यों आती है तथा अच्छी नींद का आधार क्या होता हैं. इस बारे में ETV सुखीभवा को विस्तार से जानकारी देते हुए वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. वीणा कृष्णन बताती हैं की नींद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो मस्तिष्क में उत्पन्न तरंगों पर आधारित होती है. यह प्रक्रिया पांच चरणों में पूरी होती है.

नींद के चरण

डॉ. कृष्णन बताती हैं की नींद की प्रक्रिया मानसिक तरंगों पर आधारित होती है. पांच चरणों में पूरी होने वाली इस प्रक्रिया का कोई भी चरण यदि सही तरीके से पूरा नहीं हो पाता है, तो ना सिर्फ हमारी पूरी नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ता है बल्कि नींद के दौरान हमारे शरीर में होने वाले विकास कार्यों तथा स्वतः मरम्मत के कार्यों पर भी असर पड़ता हैं. यही नहीं यदि खराब गुणवत्ता वाली नींद या नींद ना आने की समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो व्यक्ति को गंभीर रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है.

  1. नींद का प्रथम चरण : नींद के पहले चरण में हम उनींदा महसूस करते है. इस अवस्था में दिमाग में अल्फा और थीटा तरंगे उत्पन्न होना शुरू होती है और धीरे-धीरे सक्रिय होने लगती है. यह तरंगे मस्तिष्क को प्रभावित करती है और धीरे-धीरे व्यक्ति नींद के आगोश में जाने लगता है. इस अवस्था को सकारात्मक मायोक्लोनस के रूप में भी जाना जाता है.
  2. चरण 2 : यह एक हल्की नींद की अवधि होती है. इस अवस्था में थीटा तरंगों की सक्रियता पहले चरण से थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है. लेकिन इतनी भी सक्रिय नहीं होती है की मस्तिष्क को नियंत्रण में ले सके. इसलिए कई बार इस अवस्था में थोड़ा सा शोर या असहजता होने पर नींद खुल जाती है. इस अवस्था में दिमाग की तरंगें ऊपर और नीचे की ओर फैलती हैं, जिससे 'स्लीप स्पिंडल' का निर्माण होता है.
  3. चरण 3 और 4 : इन चरणों में नींद सबसे गहरी होती है. इस दौरान शरीर पूरी तरह से आराम करता है. डेल्टा दिमागी तरंगें सक्रिय हो जाती हैं. इसीलिए इन चरणों को धीमी गति, या डेल्टा नींद के रूप में भी जाना जाता है. स्वास्थ्य के लिहाज से यह नींद का सबसे बेहतरीन चरण होता है, क्योंकि हमारे स्वास्थ्य संबंधी सभी विकास तथा शरीर की स्वतः होने वाली मरम्मत प्रक्रियाएं इसी चरण में होती है. जैसे मांसपेशियों की मरम्मत, विकास और सेल का पुनर्जनन तथा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का सुदृढ़ होना.
  4. चरण 5 : यह चरण आरईएम यानी रेपिड आई मूवमेंट के नाम से जाना जाता है. इस चरण में हम सजीव सपने देखते है. आमतौर पर छोटे बच्चों में नींद के दौरान उनकी आंखों की पुतली की सक्रियता को महसूस किया जाता है. गहरी नींद के दौरान कभी वह मुसकुराते है, तो कभी रोने जैसा मुंह बनाते है. इस अवस्थता में कई बार उनकी आंखें अधखुली होती है और आंखों की पुतलियां लगातार हिलती रहती है. रेपिड आई मूवमेंट अवस्था अलग-अलग स्तरों में पूरी होती है. जैसे इस अवस्था के पहले स्तर में नींद का प्राथमिक सपना देखने का चरण शुरू होता है, जो लगभग 10 मिनट से शुरू होकर हर चक्र के साथ लगातार बढ़ता जाता है. आरईएम नींद का अंतिम चक्र या स्तर लगभग 60 मिनट तक रहता है. रेपिड आई मूवमेंट के सभी स्तरों के दौरान आंखों की गति तेज रहती है. श्वास और दिल के धड़कने की गति बढ़ जाती है. शरीर की मांसपेशियां अस्थायी रूप से शिथिल हो जाती हैं, लेकिन दिमाग की गतिविधि बढ़ जाती है.

लोग आमतौर पर शिकायत करते हैं की 'अरे आज अच्छी नींद नहीं आई, या नींद बार-बार टूट रही थी' ,वहीं कई बार हम लोगों को यह भी कहते हुए सुनते है की उनकी नींद बहुत कच्ची है. यही नहीं कई बार हम लोगों को नींद में बोलते या बड़बड़ाते हुए भी सुनते है. विशेषकर छोटे बच्चे तो आमतौर पर नींद में हंसते तथा रोते भी नजर आते हैं, इस दौरान कई बार उनके आंखों की पुतलियां लगातार हिलती रहती हैं, उस समय ऐसा लगता है की वे किसी अलग ही दुनिया में है.

नींद कैसे और क्यों आती है तथा अच्छी नींद का आधार क्या होता हैं. इस बारे में ETV सुखीभवा को विस्तार से जानकारी देते हुए वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. वीणा कृष्णन बताती हैं की नींद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो मस्तिष्क में उत्पन्न तरंगों पर आधारित होती है. यह प्रक्रिया पांच चरणों में पूरी होती है.

नींद के चरण

डॉ. कृष्णन बताती हैं की नींद की प्रक्रिया मानसिक तरंगों पर आधारित होती है. पांच चरणों में पूरी होने वाली इस प्रक्रिया का कोई भी चरण यदि सही तरीके से पूरा नहीं हो पाता है, तो ना सिर्फ हमारी पूरी नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ता है बल्कि नींद के दौरान हमारे शरीर में होने वाले विकास कार्यों तथा स्वतः मरम्मत के कार्यों पर भी असर पड़ता हैं. यही नहीं यदि खराब गुणवत्ता वाली नींद या नींद ना आने की समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो व्यक्ति को गंभीर रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है.

  1. नींद का प्रथम चरण : नींद के पहले चरण में हम उनींदा महसूस करते है. इस अवस्था में दिमाग में अल्फा और थीटा तरंगे उत्पन्न होना शुरू होती है और धीरे-धीरे सक्रिय होने लगती है. यह तरंगे मस्तिष्क को प्रभावित करती है और धीरे-धीरे व्यक्ति नींद के आगोश में जाने लगता है. इस अवस्था को सकारात्मक मायोक्लोनस के रूप में भी जाना जाता है.
  2. चरण 2 : यह एक हल्की नींद की अवधि होती है. इस अवस्था में थीटा तरंगों की सक्रियता पहले चरण से थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है. लेकिन इतनी भी सक्रिय नहीं होती है की मस्तिष्क को नियंत्रण में ले सके. इसलिए कई बार इस अवस्था में थोड़ा सा शोर या असहजता होने पर नींद खुल जाती है. इस अवस्था में दिमाग की तरंगें ऊपर और नीचे की ओर फैलती हैं, जिससे 'स्लीप स्पिंडल' का निर्माण होता है.
  3. चरण 3 और 4 : इन चरणों में नींद सबसे गहरी होती है. इस दौरान शरीर पूरी तरह से आराम करता है. डेल्टा दिमागी तरंगें सक्रिय हो जाती हैं. इसीलिए इन चरणों को धीमी गति, या डेल्टा नींद के रूप में भी जाना जाता है. स्वास्थ्य के लिहाज से यह नींद का सबसे बेहतरीन चरण होता है, क्योंकि हमारे स्वास्थ्य संबंधी सभी विकास तथा शरीर की स्वतः होने वाली मरम्मत प्रक्रियाएं इसी चरण में होती है. जैसे मांसपेशियों की मरम्मत, विकास और सेल का पुनर्जनन तथा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का सुदृढ़ होना.
  4. चरण 5 : यह चरण आरईएम यानी रेपिड आई मूवमेंट के नाम से जाना जाता है. इस चरण में हम सजीव सपने देखते है. आमतौर पर छोटे बच्चों में नींद के दौरान उनकी आंखों की पुतली की सक्रियता को महसूस किया जाता है. गहरी नींद के दौरान कभी वह मुसकुराते है, तो कभी रोने जैसा मुंह बनाते है. इस अवस्थता में कई बार उनकी आंखें अधखुली होती है और आंखों की पुतलियां लगातार हिलती रहती है. रेपिड आई मूवमेंट अवस्था अलग-अलग स्तरों में पूरी होती है. जैसे इस अवस्था के पहले स्तर में नींद का प्राथमिक सपना देखने का चरण शुरू होता है, जो लगभग 10 मिनट से शुरू होकर हर चक्र के साथ लगातार बढ़ता जाता है. आरईएम नींद का अंतिम चक्र या स्तर लगभग 60 मिनट तक रहता है. रेपिड आई मूवमेंट के सभी स्तरों के दौरान आंखों की गति तेज रहती है. श्वास और दिल के धड़कने की गति बढ़ जाती है. शरीर की मांसपेशियां अस्थायी रूप से शिथिल हो जाती हैं, लेकिन दिमाग की गतिविधि बढ़ जाती है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.