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सिर्फ गोलियां ही नहीं, अन्य गर्भनिरोधक भी बचा सकते हैं अनचाही गर्भावस्था से - अनचाही गर्भावस्था से बचने के उपाय

अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए वैसे तो बाजार में कई तरह के गर्भनिरोधक मिलते हैं, वहीं कई अन्य तरीके भी हैं जिनसे गर्भावस्था से बचा जा सकता है. लेकिन बड़ी संख्या में महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का ही इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि अन्य गर्भनिरोधक साधनों के बारे में या तो उन्हें जानकारी नहीं होती है या फिर उन्हें लेकर महिलाओं में ज्यादा भ्रम या डर होता है.

unwanted pregnancy
अनचाही गर्भावस्था से बचने के उपाय
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Published : Apr 10, 2022, 9:24 AM IST

हमारे देश में आज भी ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का ही इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि अधिकांश महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों के अलावा अन्य गर्भनिरोधक साधनों के बारे में नहीं जानती हैं. ETV भारत सुखीभवा आज अपने पाठकों के साथ गर्भनिरोधक गोलियों के अलावा अन्य प्रकार के ऐसे साधनों तथा उपायों के बारे में जानकारी साझा कर रहा है, जिनसे अनचाही गर्भावस्था से बचा जा सकता है.

अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए वैसे तो बाजार में कई तरह के गर्भनिरोधक मिलते हैं, वहीं कई अन्य तरीके भी हैं जिनसे गर्भावस्था से बचा जा सकता है. लेकिन बड़ी संख्या में महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का ही इस्तेमाल करती हैं. जिसका कारण है कि अन्य गर्भनिरोधक साधनों के बारे में या तो उन्हें जानकारी नहीं होती है या फिर उन्हें लेकर महिलाओं में ज्यादा भ्रम या डर होता है.

वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजय लक्ष्मी बताती हैं कि ज्यादातर मामलों में ऐसी महिलाएं जो अनचाही गर्भावस्था से बचना चाहती हैं, फिर भले ही वो चाहे पहले कभी मां न बनी हों या फिर एक बच्चे के जन्म के बाद दूसरे बच्चे को जन्म देने से पहले कुछ समय इंतजार करना चाहती हों, गर्भनिरोधक के रूप में गर्भनिरोधक गोलियों को ही प्राथमिकता देती हैं. गर्भनिरोधक गोलियों के प्रचलित होने का एक कारण उनका सस्ता होना, ज्यादातर मामलों में सुरक्षित होना तथा सरलता से उपलब्ध होना तो है ही, साथ ही महिलाओं का अन्य गर्भनिरोधक साधनों के बारे में ज्यादा जागरूक न होना भी है.

अन्य गर्भनिरोधक
गोलियों के अलावा भी बाजार में कई प्रकार के गर्भनिरोधक मिलते हैं. वहीं कुछ अन्य उपाय भी हैं जिनके माध्यम से अनचाही गर्भावस्था से बचा जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-

कंडोम
ज्यादातर लोगों को लगता है कि कंडोम सिर्फ पुरुषों के इस्तेमाल में आने वाला गर्भनिरोधक होता है. जबकि बाजार में महिलाओं के लिए भी कंडोम उपलब्ध है. कंडोम एक आसानी से इस्तेमाल होने वाला गर्भनिरोधक है, साथ ही उसका शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव भी नजर नहीं आता है. वहीं कंडोम सेक्सुअली ट्रांसमिटेड रोग जैसे एचआईवी एड्स आदि से भी सुरक्षा करते हैं. लेकिन यदि कंडोम की गुणवत्ता अच्छी न हो, उसका इस्तेमाल सही तरह से न किया गया हो या शारीरिक संबंध बनाते समय ध्यान न रखा जाए तो उसके फटने का खतरा हो सकता है, जिससे महिला गर्भ भी धारण कर सकती है.

मॉर्निंग आफ्टर पिल्स
मॉर्निंग आफ्टर पिल को इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां भी कहा जाता है. इनका सेवन नियमित रूप से नहीं बल्कि आपात स्तिथि में किया जाता है. शारीरिक संबंध बनाने के दौरान यदि कंडोम फट जाए, या महिला द्वारा किसी अन्य गर्भनिरोधक का इस्तेमाल न किया गया हो, तो संबंध बनाने के 72 घंटे के अंदर इसे लिया जा सकता है, ताकि महिला गर्भवती न हो.

कॉपर टी
अंग्रेजी के 'टी' अक्षर के आकार का यह छोटा सा उपकरण, गर्भनिरोधक के रूप में उन महिलाओं के लिए आदर्श माना जाता है जो पहले से मां बन चुकी हैं तथा दूसरे बच्चे के जन्म से पहले कुछ समय गर्भावस्था से बचना चाहती हैं. कॉपर टी को चिकित्सक, महिला के यूट्रस में लगाते हैं. और जब भी महिला दोबारा मां बनने के लिए प्रयास करना चाहती है वह इसे निकलवा सकती है.

बर्थ कंट्रोल शॉट्स
गर्भनिरोधक शॉट प्रोजेस्टिन से बने होते हैं. इस इंजेक्शन को 3 से 4 महीने के अंतराल पर लगाया जा सकता है. यह महिलाओं में ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को रोकता है. इसे गर्भनिरोधक गोलियों से ज्यादा बेहतर माना जाता है, क्योंकि इसके विपरीत प्रभाव अपेक्षाकृत काफी कम होते हैं तथा इसे सामान्यतः वे महिलाएं भी ले सकती हैं जो नई मां हों और बच्चे को दूध पिला रही हों.

वेजाइनल रिंग
यह इस्तेमाल किया जाने वाला गर्भनिरोधक होता है जिससे महिलाओं को तकरीबन तीन हफ्तों तक अपनी योनि में लगा कर रखना होता है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह होती है कि हर महीने माहवारी के दौरान इसे योनि से निकाल देना चाहिए तथा महावारी समाप्त होने के बाद उन्हें इसे लगा लेना चाहिए. यह आकार में गोल होता है तथा इसका इस्तेमाल करने में महिलाओं को ज्यादा असुविधा नहीं होती है.

यह भी पढ़ें- गर्भधारण की कोशिश करने वाली महिलाओं को रहना चाहिए अन्य महंगी प्रक्रियाओं से दूर

हमारे देश में आज भी ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का ही इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि अधिकांश महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों के अलावा अन्य गर्भनिरोधक साधनों के बारे में नहीं जानती हैं. ETV भारत सुखीभवा आज अपने पाठकों के साथ गर्भनिरोधक गोलियों के अलावा अन्य प्रकार के ऐसे साधनों तथा उपायों के बारे में जानकारी साझा कर रहा है, जिनसे अनचाही गर्भावस्था से बचा जा सकता है.

अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए वैसे तो बाजार में कई तरह के गर्भनिरोधक मिलते हैं, वहीं कई अन्य तरीके भी हैं जिनसे गर्भावस्था से बचा जा सकता है. लेकिन बड़ी संख्या में महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का ही इस्तेमाल करती हैं. जिसका कारण है कि अन्य गर्भनिरोधक साधनों के बारे में या तो उन्हें जानकारी नहीं होती है या फिर उन्हें लेकर महिलाओं में ज्यादा भ्रम या डर होता है.

वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजय लक्ष्मी बताती हैं कि ज्यादातर मामलों में ऐसी महिलाएं जो अनचाही गर्भावस्था से बचना चाहती हैं, फिर भले ही वो चाहे पहले कभी मां न बनी हों या फिर एक बच्चे के जन्म के बाद दूसरे बच्चे को जन्म देने से पहले कुछ समय इंतजार करना चाहती हों, गर्भनिरोधक के रूप में गर्भनिरोधक गोलियों को ही प्राथमिकता देती हैं. गर्भनिरोधक गोलियों के प्रचलित होने का एक कारण उनका सस्ता होना, ज्यादातर मामलों में सुरक्षित होना तथा सरलता से उपलब्ध होना तो है ही, साथ ही महिलाओं का अन्य गर्भनिरोधक साधनों के बारे में ज्यादा जागरूक न होना भी है.

अन्य गर्भनिरोधक
गोलियों के अलावा भी बाजार में कई प्रकार के गर्भनिरोधक मिलते हैं. वहीं कुछ अन्य उपाय भी हैं जिनके माध्यम से अनचाही गर्भावस्था से बचा जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-

कंडोम
ज्यादातर लोगों को लगता है कि कंडोम सिर्फ पुरुषों के इस्तेमाल में आने वाला गर्भनिरोधक होता है. जबकि बाजार में महिलाओं के लिए भी कंडोम उपलब्ध है. कंडोम एक आसानी से इस्तेमाल होने वाला गर्भनिरोधक है, साथ ही उसका शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव भी नजर नहीं आता है. वहीं कंडोम सेक्सुअली ट्रांसमिटेड रोग जैसे एचआईवी एड्स आदि से भी सुरक्षा करते हैं. लेकिन यदि कंडोम की गुणवत्ता अच्छी न हो, उसका इस्तेमाल सही तरह से न किया गया हो या शारीरिक संबंध बनाते समय ध्यान न रखा जाए तो उसके फटने का खतरा हो सकता है, जिससे महिला गर्भ भी धारण कर सकती है.

मॉर्निंग आफ्टर पिल्स
मॉर्निंग आफ्टर पिल को इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां भी कहा जाता है. इनका सेवन नियमित रूप से नहीं बल्कि आपात स्तिथि में किया जाता है. शारीरिक संबंध बनाने के दौरान यदि कंडोम फट जाए, या महिला द्वारा किसी अन्य गर्भनिरोधक का इस्तेमाल न किया गया हो, तो संबंध बनाने के 72 घंटे के अंदर इसे लिया जा सकता है, ताकि महिला गर्भवती न हो.

कॉपर टी
अंग्रेजी के 'टी' अक्षर के आकार का यह छोटा सा उपकरण, गर्भनिरोधक के रूप में उन महिलाओं के लिए आदर्श माना जाता है जो पहले से मां बन चुकी हैं तथा दूसरे बच्चे के जन्म से पहले कुछ समय गर्भावस्था से बचना चाहती हैं. कॉपर टी को चिकित्सक, महिला के यूट्रस में लगाते हैं. और जब भी महिला दोबारा मां बनने के लिए प्रयास करना चाहती है वह इसे निकलवा सकती है.

बर्थ कंट्रोल शॉट्स
गर्भनिरोधक शॉट प्रोजेस्टिन से बने होते हैं. इस इंजेक्शन को 3 से 4 महीने के अंतराल पर लगाया जा सकता है. यह महिलाओं में ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को रोकता है. इसे गर्भनिरोधक गोलियों से ज्यादा बेहतर माना जाता है, क्योंकि इसके विपरीत प्रभाव अपेक्षाकृत काफी कम होते हैं तथा इसे सामान्यतः वे महिलाएं भी ले सकती हैं जो नई मां हों और बच्चे को दूध पिला रही हों.

वेजाइनल रिंग
यह इस्तेमाल किया जाने वाला गर्भनिरोधक होता है जिससे महिलाओं को तकरीबन तीन हफ्तों तक अपनी योनि में लगा कर रखना होता है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह होती है कि हर महीने माहवारी के दौरान इसे योनि से निकाल देना चाहिए तथा महावारी समाप्त होने के बाद उन्हें इसे लगा लेना चाहिए. यह आकार में गोल होता है तथा इसका इस्तेमाल करने में महिलाओं को ज्यादा असुविधा नहीं होती है.

यह भी पढ़ें- गर्भधारण की कोशिश करने वाली महिलाओं को रहना चाहिए अन्य महंगी प्रक्रियाओं से दूर

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