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Oil Pulling : कवलधारण हो या गंडूशा , हर तरह से मुंह की सेहत के लिए फायदेमंद - डॉ सुनील शास्त्री

ऑयल पुलिंग मुंह की सेहत दुरुस्त रखने के लिए काफी लाभकारी मानी जाती है क्योंकि इस शुद्धिकरण Oil pulling क्रिया से प्राकृतिक रूप से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया मुंह से बाहर निकल जाते हैं. oral health problems . oil pulling beneficial for oral health . ayurvedic treatment kaval dharan . gandusha . oil pulling is beneficial for mouth problems . ayurvedic method oil pulling .

Oil Pulling Kaval Dharan or Gandusha is beneficial for oral health ayurvedic treatment for mouth problems
ऑयल पुलिंग - कवलधारण हो या गंडूशा - कॉन्सेप्ट इमेज
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Published : Dec 30, 2022, 11:54 AM IST

आयुर्वेद में शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने के लिए कई प्रकार की शोधन क्रियाओं का उपयोग किया जाता है जैसे पंचकर्म आदि. ऐसी ही एक क्रिया है ऑयल पुलिंग जिसे मुंह के शुद्धिकरण यानि मुंह को कीटाणु रहित बनाने के लिए उपयोगी माना जाता है. आयुर्वेदाचार्य मानते हैं Oil pulling ( Kavaldharan or Gandusha ) से प्राकृतिक तौर पर दांत व मसूड़ों सहित सम्पूर्ण मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने में काफी मदद मिलती है. oil pulling beneficial for oral health . ayurvedic treatment kaval dharan . gandusha . ayurvedic treatment for mouth problems . oral health problems .

क्या है ऑयल पुलिंग और उसके फायदे
हरिद्वार उत्तराखंड स्थित Ayurveda Shala के Dr Sunil Shastri Haridwar (आयुर्वेद शाला के चिकित्सक डॉ सुनील शास्त्री )बताते हैं कि यह एक बहुत पुरानी पद्धति है जिसका उल्लेख चरक संहिता में भी मिलता है. आयुर्वेद में ऑयल पुलिंग की मुख्यतः दो क्रियाएं प्रचलित हैं, Kavaldharan and Gandush or Gandusha ( कवलधारण और गंडूष या गंडूशा ). मुंह की देखभाल के लिए Kavaldharan or Gandusha दोनों प्रक्रियाएं ही काफी लाभकारी मानी जाती हैं. दोनों ही प्रक्रिया लगभग एक जैसी हैं इन दोनों में अंतर बस इतना है कि Gandusha में मुंह में तेल को भर कर कुछ मिनटों के लिए छोड़ा जाता है. उसे मुंह में हिलाया-डुलाया नहीं जाता है, और फिर उसे निकाल दिया जाता है और Kavaldharan में मुंह में तेल भर कर उससे कुछ मिनटों तक कुल्ला किया जाता है.

Oil Pulling Kaval Dharan or Gandusha is beneficial for oral health ayurvedic treatment for mouth problems
ऑयल पुलिंग - कवलधारण - गंडूशा - कॉन्सेप्ट इमेज

Dr Sunil Shastri Haridwar बताते हैं कि इन दोनों ही क्रियाओं को करने के लिए सबसे आदर्श समय सुबह का माना जाता है. सुबह खाली पेट oil pulling करने से मुंह में मौजूद कीटाणु साफ हो जाते हैं. सही तरह से यह प्रक्रिया करने से ना सिर्फ teeth and gums health ( दांतों व मसूड़ों का स्वास्थ्य ) बना रहता है बल्कि cavity, teeth yellowing and pyorrhea ( कैविटी, दांतों का पीलापन और पायरिया ) जैसी समस्या से बचाव होता है, teeth shine ( दांतों की चमक ) बनी रहती है, mouth bad smell ( मुंह से दुर्गंध की समस्या ) कम होती है, ( Throat infection ) गले के संक्रमण व ( ENT Problems ) नाक- कान की समस्‍याओं से बचाव होता है, तथा face glow ( चेहरे का निखार ) बढ़ता है.

इसके अलावा oil pulling करने पाचन संबंधी समस्याओं से भी बचाव होता है. दरअसल हम कुछ भी खाते हैं या पीते है सबसे पहले हमारे मुंह से होकर ही हमारे शरीर में प्रवेश करता है. ऐसे में कई बार मुंह की सफाई सही तरह से ना होने से दांतों या मुंह के किनारों में आहार लगा या फंसा रह जाता है जो समय के साथ सड़ने लगता है. ऐसी स्थिति में या मुंह में किसी रोग या किसी अन्य समस्या के होने पर मुंह में रोग पैदा करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया उत्पन्न होने लगते हैं. जो कई बार मुंह में पहले से मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के हनन या कमी का कारण भी बनने लगते हैं. जिसके चलते मुंह में दांतों व मसूड़ों में सड़न, दर्द, मुंह में बदबू तथा लार संबंधी समस्या जैसी बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती हैं. इसके अलावा ऐसे में जब आहार मुंह से गुजरता है तो उसके साथ हानिकारक बैक्टीरिया भी शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जो शरीर में कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकते है. इसलिए हमेशा मुंह साफ सफाई तथा उसकी सेहत को दुरुस्त रखने की सलाह दी जाती है. oil pulling इस काम में काफी उपयोगी होती है क्योंकि जब इस प्रक्रिया में जब तेल से कुल्ला किया जाता है तब तेल के साथ मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणु भी मुंह से बाहर निकल जाते हैं और मुंह अच्छे से साफ हो जाता हैं.

ऑयल पुलिंग करने का सही तरीका
Dr Sunil Shastri बताते हैं कि बहुत जरूरी है कि ऑयल पुलिंग सही तरीके से तथा सभी सावधानियों को जानने के बाद किया जाए जैसे कुल्ला सही व ताजे तेल से हो, कुल्ला करते समय या बाद में तेल पेट में ना जा पाए आदि. वह बताते हैं कि वैसे तो ऑयल पुलिंग के लिए नारियल के तेल तथा तिल के तेल को आदर्श माना जाता है लेकिन इसके लिए ऑलिव ऑयल, सूरजमुखी का तेल या किसी भी खाद्य तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है

Oil Pulling के सही तरीके के बारें में बताते हुए वह बताते हैं कि कवलधारण में एक बड़े चम्मच तेल से 15 से 20 मिनट के लिए वैसे ही कुल्ला करना चाहिए जैसे हम ब्रश करने के बाद पानी के साथ करते हैं. कुल्ला करने के दौरान जब मुंह में तेल जब पतला और हल्के सफेद रंग का होने लगे तो मुंह से बाहर निकाल देना चाहिए . वहीं गंडूशा में मुंह में तेल भर 5-10 तक बिना मुंह हिलाए छोड़ देना चाहिए. उसके बाद मुंह से तेल बाहर निकाल देना चाहिए. दोनों ही प्रक्रियाओं के बाद हल्के गुनगुने पानी से अच्छी तरह कुल्ला कर लेना चाहिए . वह बताते हैं कि oil pulling के लिए हमेशा शुद्ध तथा ताजे तेल का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा छोटे बच्चों को तथा ऐसे लोग जिन्हे तेलों से एलर्जी हो या मुंह में कोई रोग हो , ऑयल पुलिंग नहीं करनी चाहिए.

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आयुर्वेद में शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने के लिए कई प्रकार की शोधन क्रियाओं का उपयोग किया जाता है जैसे पंचकर्म आदि. ऐसी ही एक क्रिया है ऑयल पुलिंग जिसे मुंह के शुद्धिकरण यानि मुंह को कीटाणु रहित बनाने के लिए उपयोगी माना जाता है. आयुर्वेदाचार्य मानते हैं Oil pulling ( Kavaldharan or Gandusha ) से प्राकृतिक तौर पर दांत व मसूड़ों सहित सम्पूर्ण मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने में काफी मदद मिलती है. oil pulling beneficial for oral health . ayurvedic treatment kaval dharan . gandusha . ayurvedic treatment for mouth problems . oral health problems .

क्या है ऑयल पुलिंग और उसके फायदे
हरिद्वार उत्तराखंड स्थित Ayurveda Shala के Dr Sunil Shastri Haridwar (आयुर्वेद शाला के चिकित्सक डॉ सुनील शास्त्री )बताते हैं कि यह एक बहुत पुरानी पद्धति है जिसका उल्लेख चरक संहिता में भी मिलता है. आयुर्वेद में ऑयल पुलिंग की मुख्यतः दो क्रियाएं प्रचलित हैं, Kavaldharan and Gandush or Gandusha ( कवलधारण और गंडूष या गंडूशा ). मुंह की देखभाल के लिए Kavaldharan or Gandusha दोनों प्रक्रियाएं ही काफी लाभकारी मानी जाती हैं. दोनों ही प्रक्रिया लगभग एक जैसी हैं इन दोनों में अंतर बस इतना है कि Gandusha में मुंह में तेल को भर कर कुछ मिनटों के लिए छोड़ा जाता है. उसे मुंह में हिलाया-डुलाया नहीं जाता है, और फिर उसे निकाल दिया जाता है और Kavaldharan में मुंह में तेल भर कर उससे कुछ मिनटों तक कुल्ला किया जाता है.

Oil Pulling Kaval Dharan or Gandusha is beneficial for oral health ayurvedic treatment for mouth problems
ऑयल पुलिंग - कवलधारण - गंडूशा - कॉन्सेप्ट इमेज

Dr Sunil Shastri Haridwar बताते हैं कि इन दोनों ही क्रियाओं को करने के लिए सबसे आदर्श समय सुबह का माना जाता है. सुबह खाली पेट oil pulling करने से मुंह में मौजूद कीटाणु साफ हो जाते हैं. सही तरह से यह प्रक्रिया करने से ना सिर्फ teeth and gums health ( दांतों व मसूड़ों का स्वास्थ्य ) बना रहता है बल्कि cavity, teeth yellowing and pyorrhea ( कैविटी, दांतों का पीलापन और पायरिया ) जैसी समस्या से बचाव होता है, teeth shine ( दांतों की चमक ) बनी रहती है, mouth bad smell ( मुंह से दुर्गंध की समस्या ) कम होती है, ( Throat infection ) गले के संक्रमण व ( ENT Problems ) नाक- कान की समस्‍याओं से बचाव होता है, तथा face glow ( चेहरे का निखार ) बढ़ता है.

इसके अलावा oil pulling करने पाचन संबंधी समस्याओं से भी बचाव होता है. दरअसल हम कुछ भी खाते हैं या पीते है सबसे पहले हमारे मुंह से होकर ही हमारे शरीर में प्रवेश करता है. ऐसे में कई बार मुंह की सफाई सही तरह से ना होने से दांतों या मुंह के किनारों में आहार लगा या फंसा रह जाता है जो समय के साथ सड़ने लगता है. ऐसी स्थिति में या मुंह में किसी रोग या किसी अन्य समस्या के होने पर मुंह में रोग पैदा करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया उत्पन्न होने लगते हैं. जो कई बार मुंह में पहले से मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के हनन या कमी का कारण भी बनने लगते हैं. जिसके चलते मुंह में दांतों व मसूड़ों में सड़न, दर्द, मुंह में बदबू तथा लार संबंधी समस्या जैसी बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती हैं. इसके अलावा ऐसे में जब आहार मुंह से गुजरता है तो उसके साथ हानिकारक बैक्टीरिया भी शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जो शरीर में कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकते है. इसलिए हमेशा मुंह साफ सफाई तथा उसकी सेहत को दुरुस्त रखने की सलाह दी जाती है. oil pulling इस काम में काफी उपयोगी होती है क्योंकि जब इस प्रक्रिया में जब तेल से कुल्ला किया जाता है तब तेल के साथ मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणु भी मुंह से बाहर निकल जाते हैं और मुंह अच्छे से साफ हो जाता हैं.

ऑयल पुलिंग करने का सही तरीका
Dr Sunil Shastri बताते हैं कि बहुत जरूरी है कि ऑयल पुलिंग सही तरीके से तथा सभी सावधानियों को जानने के बाद किया जाए जैसे कुल्ला सही व ताजे तेल से हो, कुल्ला करते समय या बाद में तेल पेट में ना जा पाए आदि. वह बताते हैं कि वैसे तो ऑयल पुलिंग के लिए नारियल के तेल तथा तिल के तेल को आदर्श माना जाता है लेकिन इसके लिए ऑलिव ऑयल, सूरजमुखी का तेल या किसी भी खाद्य तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है

Oil Pulling के सही तरीके के बारें में बताते हुए वह बताते हैं कि कवलधारण में एक बड़े चम्मच तेल से 15 से 20 मिनट के लिए वैसे ही कुल्ला करना चाहिए जैसे हम ब्रश करने के बाद पानी के साथ करते हैं. कुल्ला करने के दौरान जब मुंह में तेल जब पतला और हल्के सफेद रंग का होने लगे तो मुंह से बाहर निकाल देना चाहिए . वहीं गंडूशा में मुंह में तेल भर 5-10 तक बिना मुंह हिलाए छोड़ देना चाहिए. उसके बाद मुंह से तेल बाहर निकाल देना चाहिए. दोनों ही प्रक्रियाओं के बाद हल्के गुनगुने पानी से अच्छी तरह कुल्ला कर लेना चाहिए . वह बताते हैं कि oil pulling के लिए हमेशा शुद्ध तथा ताजे तेल का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा छोटे बच्चों को तथा ऐसे लोग जिन्हे तेलों से एलर्जी हो या मुंह में कोई रोग हो , ऑयल पुलिंग नहीं करनी चाहिए.

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