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साबुत अनाज यानी मिल्लेट्स से कम करें हृदय रोग का खतरा

मिल्लेट्स जैसे की बाजरा, जौ, ज्वार, रागी वगैरह आपके कोलेस्ट्रॉल ट्राइग्लिसराइड्स और बी एम् आई (BMI) के स्तर को कम करने में काफी कारगर साबित हुए हैं| इस तथ्य की पुष्टि एक शोध में की गई जिसमे 19, शोधों के परिणामों और 900 लोगों का डाटा शामिल था।

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मिल्लेट्स
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Published : Sep 6, 2021, 5:18 PM IST

यह शोध ५ संस्थाओं ने मिल कर किया जिसमें अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की अग्रणी भूमिका थी।

फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित परिणाम के अनुसार वैज्ञानिक रूप से अब ये बात साबित हो चुकी है की मिल्लेट्स स्वस्थ्य के लिए एक सही विकल्प हैं, और इसे हम अपने नियमित आहार में भी शामिल कर सकते हैं। मिल्लेट्स बच्चों, युवाओं और व्यस्कों में होने वाले मोटापे की समस्या को दूर करनें में भी कारगर साबित हुए है।

शोध के अनुसार मिल्लेट्स को दैनिक आहार में शामिल करने से, जिन लोगो में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा उच्च से सामान्य स्तर में पायी गयी हैं वह ८% तक कम हो गए हैं। वही लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल जिसे ख़राब वसा या कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, उसकी मात्रा रक्त में १०% तक कमी पायी गई है। इसके अलावा मिल्लेट्स की वजह से जिन लोगों को डायस्टोलिक रक्तचाप (बीपी रीडिंग में सबसे नीचे की संख्या) के साथ रक्तचाप में 5 प्रतिशत की कमी आई।

अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की वरिष्ठ पोषण विशेष्ज्ञ और शोध की प्रमखु शोधकर्ता, एस. अनीता का कहना है की ,"हमें बहुत आश्चर्य हुआ कि हृदय रोगों को प्रभावित करने वाले तत्वों पर मिल्लेट्स के प्रभाव पर मनुष्यों पर पहले से ही कितने अध्ययन किए जा चुके हैं, और यह पहली बार है जब किसी ने इन सभी अध्ययनों को एकत्रित किया है और प्रभाव के महत्व का परीक्षण करने के लिए अपने डेटा का विश्लेषण किया है। हमने एक मेटा-विश्लेषण का उपयोग किया, और हृदय रोग के जोखिम कारकों पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव दिखाने के लिए परिणाम बहुत दृढ़ता से सामने आए|”

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मिल्लेट्स

शोध में यह भी सामने आया की जो लोग मोटापे का शिकार हैं, उन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 8% तक घटा है ( 28.5 (+/-2.4) से 26.7(+/- 1.8) किलोग्राम/ मीटर2 ), इस बात से यह भी साबित हुआ है की इन लोगो का बी एम् आई समान्य स्तर पर पहुंच सकता हैं मिल्लेट्स के नियमित सेवन से। ये सारे परिणाम हर रोज़ 50-200 ग्राम मिल्लेट्स २१ दिन से ४ महीने तक खाने के बाद आये हैं।

यह परिणाम इस निष्कर्ष पर भी निकाले गए हैं की मिल्लेट्स में अधिक मात्रा में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता हैं जो की साबुत आनाज, गेहूं और पॉलिशड चावल के मुकाबले २ से १० गुना अधिक हैं।

"मोटापा और अधिक वजन दुनिया भर में अमीर और गरीब दोनों देशों में बढ़ रहा है, इसलिए स्वस्थ आहार पर आधारित समाधान की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। मिल्लेट्स के स्वास्थ्य लाभों पर यह नई जानकारी, अनाज में अधिक निवेश करने की आवश्यकता का समर्थन करती है, जिसमें इसकी संपूर्णता भी शामिल है। ICRISAT के महानिदेशक, डॉ. जैकलीन ह्यूजेस ने कहा, "कृषि व्यवसाय विकास के माध्यम से किसानों के लिए बेहतर मिल्लेट्स की किस्मों को उगना एक व्यसायिक विकल्प भी उभर कर आया है।"

आईएएनएस

पढ़ें: आइए जाने, कौन-कौन से पोषक तत्व बनाते हैं शरीर को स्वस्थ

यह शोध ५ संस्थाओं ने मिल कर किया जिसमें अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की अग्रणी भूमिका थी।

फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित परिणाम के अनुसार वैज्ञानिक रूप से अब ये बात साबित हो चुकी है की मिल्लेट्स स्वस्थ्य के लिए एक सही विकल्प हैं, और इसे हम अपने नियमित आहार में भी शामिल कर सकते हैं। मिल्लेट्स बच्चों, युवाओं और व्यस्कों में होने वाले मोटापे की समस्या को दूर करनें में भी कारगर साबित हुए है।

शोध के अनुसार मिल्लेट्स को दैनिक आहार में शामिल करने से, जिन लोगो में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा उच्च से सामान्य स्तर में पायी गयी हैं वह ८% तक कम हो गए हैं। वही लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल जिसे ख़राब वसा या कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, उसकी मात्रा रक्त में १०% तक कमी पायी गई है। इसके अलावा मिल्लेट्स की वजह से जिन लोगों को डायस्टोलिक रक्तचाप (बीपी रीडिंग में सबसे नीचे की संख्या) के साथ रक्तचाप में 5 प्रतिशत की कमी आई।

अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की वरिष्ठ पोषण विशेष्ज्ञ और शोध की प्रमखु शोधकर्ता, एस. अनीता का कहना है की ,"हमें बहुत आश्चर्य हुआ कि हृदय रोगों को प्रभावित करने वाले तत्वों पर मिल्लेट्स के प्रभाव पर मनुष्यों पर पहले से ही कितने अध्ययन किए जा चुके हैं, और यह पहली बार है जब किसी ने इन सभी अध्ययनों को एकत्रित किया है और प्रभाव के महत्व का परीक्षण करने के लिए अपने डेटा का विश्लेषण किया है। हमने एक मेटा-विश्लेषण का उपयोग किया, और हृदय रोग के जोखिम कारकों पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव दिखाने के लिए परिणाम बहुत दृढ़ता से सामने आए|”

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मिल्लेट्स

शोध में यह भी सामने आया की जो लोग मोटापे का शिकार हैं, उन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 8% तक घटा है ( 28.5 (+/-2.4) से 26.7(+/- 1.8) किलोग्राम/ मीटर2 ), इस बात से यह भी साबित हुआ है की इन लोगो का बी एम् आई समान्य स्तर पर पहुंच सकता हैं मिल्लेट्स के नियमित सेवन से। ये सारे परिणाम हर रोज़ 50-200 ग्राम मिल्लेट्स २१ दिन से ४ महीने तक खाने के बाद आये हैं।

यह परिणाम इस निष्कर्ष पर भी निकाले गए हैं की मिल्लेट्स में अधिक मात्रा में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता हैं जो की साबुत आनाज, गेहूं और पॉलिशड चावल के मुकाबले २ से १० गुना अधिक हैं।

"मोटापा और अधिक वजन दुनिया भर में अमीर और गरीब दोनों देशों में बढ़ रहा है, इसलिए स्वस्थ आहार पर आधारित समाधान की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। मिल्लेट्स के स्वास्थ्य लाभों पर यह नई जानकारी, अनाज में अधिक निवेश करने की आवश्यकता का समर्थन करती है, जिसमें इसकी संपूर्णता भी शामिल है। ICRISAT के महानिदेशक, डॉ. जैकलीन ह्यूजेस ने कहा, "कृषि व्यवसाय विकास के माध्यम से किसानों के लिए बेहतर मिल्लेट्स की किस्मों को उगना एक व्यसायिक विकल्प भी उभर कर आया है।"

आईएएनएस

पढ़ें: आइए जाने, कौन-कौन से पोषक तत्व बनाते हैं शरीर को स्वस्थ

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