नोवल कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर से अपने पांव फैला रहा है। भारत के लगभग हर राज्य से कोरोनावायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। जनवरी माह से लगातार चल रहे टीकाकरण अभियान की सफलता और कोरोना के मामलों में कमी के चलते उम्मीद जताई जा रही थी की जल्द ही इस संक्रमण से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन कोरोना की इस नई लहर ने लोगों को एक बार फिर से चिंता में डाल दिया है। आंकड़ों की माने तो वर्तमान समय में संक्रमण से पीड़ितों का आंकड़ा 5,84,055 तक पहुंच चुका है, जो की भारत में अब तक पाए जाने वाले सक्रिय कोरोना संक्रमण मामलों का 4.78 प्रतिशत है। कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के आधार पर भारत में 8 राज्यों को सबसे ज्यादा संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।
महाराष्ट्र सबसे अधिक संवेदनशील
पिछले साल जब कोरोना की शुरुआत हुई थी, तब भी महाराष्ट्र सबसे ज्यादा संवेदनशील राज्यों में से गिना जा रहा था। क्योंकि वहां कोरोना संक्रमण से पीड़ितों की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा थी। लेकिन अब कोविड-19 की दूसरी लहर में भी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामलें सामने आ रहें हैं। महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, केरला, छत्तीसगढ़ और पंजाब को संक्रमण के बढ़ते मामलों के आधार पर सबसे ज्यादा संवेदनशील राज्यों की श्रेणी में रखा गया है। इन सभी राज्यों में सामने आई कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या पूरे देश में कोरोना के कुल मामलों का 78.9 प्रतिशत है।
सिर्फ महाराष्ट्र की ही बात करें तो पूरे देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों का 61 प्रतिशत सिर्फ महाराष्ट्र में ही सामने आया हैं। वहीं कोरोना के चलते होने वाली जनहानी के मामलों में भी महाराष्ट्र सबसे आगे है, क्योंकि यहां अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा, लगभग 227 लोगों ने कोरोना के कारण अपनी जान गंवाई। महाराष्ट्र के बाद कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें (55) पंजाब में हुई है।
सर्वाधिक मामले वाले 8 राज्य
कोरोना पीड़ितों की संख्या को लेकर सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर देश के 8 राज्यों को सबसे ज्यादा संवेदनशील राज्यों के रूप में घोषित किया गया है। जहां कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ये राज्य तथा उनमें सामने आए संक्रमण के मामलों की संख्या इस प्रकार है;
महाराष्ट्र – 39,544
छत्तीसगढ़ - 4,563
कर्नाटका - 4,225
पंजाब - 2,944
केरला - 2,653
तमिलनाडु - 2,579
गुजरात - 2,360
मध्य प्रदेश - 2,332
मृत्यु दर में कमी
इन सबके बीच राहत वाली बात यह है कि भारत की लगभग 15 राज्यों तथा यूनियन टेरिटरीज में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के चलते कोई भी मृत्यु रिकार्ड नहीं की गई है। यह राज्य हैं चंडीगढ़, झारखंड, ओडिशा, लद्दाख, दमन व दीव, दादरा व नगर हवेली, पुडुचेरी, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, नागालैंड, लक्ष्यद्वीप, मेघालय, मिजोरम, अंडमान-निकोबार तथा अरुणाचल प्रदेश।
सफल टीकाकरण अभियान
यहां सबसे ज्यादा राहत देने वाली बात यह है कि अब तक राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमण से पूरी तरह से ठीक होने वाले लोगों का आंकड़ा लगभग 93.89 प्रतिशत (1,14,74,683) है। आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रैल 2021 तक 6,51,17,896 लोगों का टीकाकरण हो चुका है। 16 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2021 तक के बीच विभिन्न राज्यों में हुए टीकाकरण का विस्तृत विवरण इस प्रकार है;
महाराष्ट्र - 62,09,337
राजस्थान – 57,21,312
गुजरात – 57,00,174
उत्तर प्रदेश – 53,98,684
पश्चिम बंगाल – 52,30,166
कर्नाटका – 38,11,007
केरला – 34,01,918
मध्य प्रदेश – 33,56,666
तमिलनाडु – 30,31,631
बिहार – 28,34,138
आंध्र प्रदेश – 26,05,169
ओडिशा – 24,11,021
छत्तीसगढ़ – 19,42,105
तेलंगाना – 12,95,814
पंजाब – 8,42,448
कुछ राज्यों में 50 फीसदी तक कम हुई आरटी- पीसीआर
इसके अतिरिक्त कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है। आंकड़ों की माने तो इन राज्यों में आरटी- पीसीआर जांच में 50 फीसदी तक की कमी आई है। यह राज्य तथा यूनियन टेरेटरिज हैं तेलंगाना, बिहार, उड़ीसा, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, असम, छत्तीसगढ़, अंडमान व निकोबार, केरला, झारखंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ तथा पुडुचेरी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 1 अप्रैल 2021 शाम 7 बजे तक 45 से लेकर 60 साल तथा उससे ज्यादा उम्र वाले 6.5 करोड़ ( 6,51,1 7,896 ) लोगों को 10,86,241 सत्रों में कोरोनावायरस के दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।
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बढ़ सकते हैं मामले
तमाम तैयारियों तथा टीकाकरण अभियान की सफलता के बावजूद देश में आयोजित होने वाले कुछ धार्मिक और राजनीतिक आयोजन कोरोनावायरस के संक्रमण के बढ़ने की आशंका को पुख्ता रहे हैं। हरिद्वार में चल रहे कुंभ में लाखों लोग एक साथ आकर गंगा स्नान करते है। हालांकि स्थानीय प्रशासन तथा सरकार द्वारा कुंभ को लेकर कई नियम बनाए गए हैं, लेकिन इस बात की पूरी आशंका है कि कहीं कुंभ के कारण एक साथ बड़ी संख्या में एकत्रित हो रहे लोगों में इस संक्रमण का असर तथा उसका प्रसार नजर आए।
इसके अतिरिक्त देश के 5 राज्यों में चुनाव होने नियत किए गए हैं। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी तथा असम में चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में होने वाली रैलियों तथा लोगों के इकट्ठे होने पर इस संक्रमण के बढ़ने तथा फैलने की आशंका जताई जा रही है।