वर्तमान समय और हालात को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि निकट भविष्य में भी कोरोनावायरस से छुटकारा पाना आसान नहीं होगा. इस चिंता को और भी ज्यादा बढ़ाने का कार्य कर रहा है लंबी अवधि तक लोगों में कोरोनावायरस का ठीक ना होना. ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जहां कोरोनावायरस के मरीजों को ठीक होने में औसत समय से काफी अधिक समय लग रहा है. ऐसा क्यों हो रहा है, इस बारे में जानने के लिए ETV भारत सुखीभवा की टीम ने बोर्ड ऑफ होम्योपैथिक सिस्टम ऑफ मेडिसिन गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी, दिल्ली के वाइस चेयरमैन, शोधकर्ता तथा होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके अरुण से बात की.
दीर्घकालीन कोविड-19
डॉक्टर अरुण बताते हैं कि उनके पास ऐसे बहुत से मरीज आ रहे हैं, जो 30 से 90 दिन बीत जाने के बाद भी कोविड-19 के असर से बाहर नहीं आ पाए हैं. आंकड़ों की माने तो लगभग हर 10 कोरोनावायरस के मरीजों में से एक लंबी अवधि तक इस बीमारी से ठीक नहीं हो पा रहा है. यूके में कोरोनावायरस के मरीजों के ऊपर किए गए एक शोध में लगभग 4 मिलियन लोगों में से 12 प्रतिशत लोगों में दीर्घकालीन कोरोना के लक्षण नजर आए है. इन मरीजों की रिपोर्ट पहली रिपोर्ट के 90 दिन बाद भी नेगेटिव नहीं आई है. हालांकि इसका कारण अभी तक चिकित्सक पक्के तौर पर नहीं बता पा रहे हैं.
इस अवस्था का मरीजों के शरीर पर बहुत नकारात्मक असर पड़ रहा है. ऐसे मरीजों को लगातार डायरिया, जोड़ों और नसों में दर्द, दृष्टि दोष, सुनने की क्षमता में कमी, लगातार सिर दर्द, स्वाद और सुगंध में कमी के साथ ही हृदय, फेफड़ों तथा गुर्दो की बीमारी का भी सामना करना पड़ रहा है. शारीरिक बीमारियों के साथ ही कोविड-19 से लंबे समय से लड़ रहे मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी काफी असर पड़ रहा है. शीघ्र ठीक ना हो पाने का तनाव, अवसाद, बेचैनी तथा मृत्यु का डर मरीज की मनः स्थिति पर हावी हो रहा है.
डॉक्टर अरुण बताते हैं कि मरीज के शरीर पर कोरोनावायरस का असर कम हुआ हो या ज्यादा, लेकिन उसकी साइड इफेक्ट मरीज के स्वास्थ्य पर लंबे समय तक नजर आ रहे हैं.
कोविड-19 के लक्षण महसूस होने पर क्या करें
कोरोनावायरस के लक्षण महसूस होने पर बहुत जरूरी है कि चिकित्सक के दिशा निर्देश पर इलाज कराया जाए. कोरोना के दौरान तथा उसके बाद भी बहुत जरूरी है कि अपने शरीर की ऊर्जा को संरक्षित किया जाए, जिसके लिए आराम सबसे ज्यादा जरूरी है. अपनी शारीरिक गतिविधियों को कम से कम कर दिया जाए. साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि आपके शरीर पर दवाइयों का असर अच्छी तरह से हो रहा है या नहीं. यदि मरीज को कोरोनावायरस से ठीक होने में अधिक समय लग रहा है, तो उसे चिकित्सक से बात करनी चाहिए.
कोरोना में होम्योपैथिक चिकित्सा भी है असरदार
डॉक्टर अरुण बताते हैं कि कोविड-19 जैसी बीमारी में होम्योपैथिक चिकित्सा काफी प्रभावशाली व असरदार नजर आ रही है. उनके पास आने वाले कई दीर्घकालीन कोरोनावायरस के मरीजों को होम्योपैथी चिकित्सा से काफी फायदा हुआ है. आर्सेनिक एल्बम, एसिड सरकोलैक्टिकम, बेलाडोना, ब्रायोनिया, कैम्फोरा तथा ओसिलोकोकिनम दवाइयों का कोरोना के मरीजों पर काफी सकारात्मक असर नजर आ रहा है.
(नोट: कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज होम्योपैथी या किसी भी चिकित्सा पद्धति का इलाज प्रशिक्षित और अधिकृत चिकित्सकों के प्रिसक्रिप्शन पर ही लें.)
इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर एके अरुण से उनके ईमेल आईडी docarun2@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.