मॉनसूनकामौसमचलरहाहै, यह अपने साथ कई बीमारियोंकोलेकरआताहै. ऐसेमेंहमसामान्ययामौसमीसर्दी-खांसी होना बहुत आम बात है। जब भी मौसम बदलता है, तो हमारा इम्यूनसिस्टम कमजोर होने लगता है। ऐसे में कई संक्रामक बीमारियों हमें घेर सकती हैं। आयुर्वेदाचार्य डॉ. पी.वी. रंगनायकुलु बताते है की यह सामान्य सर्दी या मौसमी फ्लू के लक्षणों से आमतौर पर सभी लोग वाकिफ होते है। आयुर्वेद में सामान्य सर्दी खांसी तथा मौसमी फ्लू (संक्रमण)से बचने के लिए कुछ सामान्य सामान्य नूस्खों का उल्लेख किया जाता है।
सामान्य फ्लू में होने वाली समस्याएं
डॉ. पी.वी. रंगनायकुलु बताते है की इस मौसम में नमी की वजह से वात दोष असंतुलित हो जाता है और पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। वर्षा की बौछारों से पृथ्वी से निकलने वाली गैस, अम्लता की अधिकता, धूल और धुएँ से युक्त वात का प्रभाव भी पाचन-शक्ति पर पड़ता है। बीच-बीच में बारिश न होने से सूर्य की गर्मी बढ़ जाती है। इससे शरीर में पित्त दोष जमा होने लगता है।
सामान्य सर्दी जिसे मौसमी फ्लू भी कहा जाता है, वायरस के कारण होती तथा फैलती है। इस संक्रमण में सबसे ज्यादा समस्या खांसी के कारण होती है। जो आमतौर पर संक्रमण से ठीक होने के उपरांत भी व्यक्ति को लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है। दरअसल खांसी हमारे शरीर की एक बचाव प्रक्रिया है। यदि हानिकारक धूल, धूंआ, वायरस या बैक्टीरिया हमारे श्वसन तंत्र के माध्यम से हमारे फेफड़ों में पहुँचने की कोशिश करता है तो शरीर में उत्पन्न होने वाला बलगम उसे रोकने का प्रयास करता है और खांसी को उत्तेजित करता है। सामान्य सर्दी आमतौर पर 5 दिनों से एक सप्ताह तक लोगों को परेशान करती है। लेकिन इस दौरान उपचार के साथ साथ खान-पान का ध्यान रखना भी जरूरी होता है।
बहुत जरूरी है की संक्रमण की अवधि के दौरान स्वास्थ्य का लगातार निरीक्षण किया जाय । यदि समस्या गंभीर होने लगे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
कोरोना और मौसमी फ्लू
चूंकि यह मानसून का मौसम है इसलिए खांसी जुकाम और मौसमी फ्लू बात है। लेकिन कोरोनाकाल में लोग लक्षणों में समानता के कारण मौसमी फ्लू से भी काफी ज्यादा डर रहें है। डॉ. पी.वी. रंगनायकुलु बताते है की समस्या चाहे कोरोना की हो या फिर मौसमी फ्लू की , बहुर जरूरी है की लोग अपना अच्छा ख्याल रखें, और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रयास करें क्योंकि कोई भी रोग या संक्रमण ज्यादातर मामलों में इम्यून सिस्टम में कमजोरी के कारण शरीर को प्रभावित करता है।
आयुर्वेद के अनुसार सामान्य फ्लू के लिए घरेलू उपचार
डॉ रंगनायकुलु बताते है की मौसमी फ्लू और खांसी-जुकाम के दौरान गले की खराश को शांत करने के लिए व्यक्ति को दिन भर में गुनगुना पानी जरूर पीना चाहिए। साथ ही दिन में कम से कम 2-3 बार नमक के पानी से गरारे करने चाहिए।
यदि समस्या या शरीर पर संक्रमण का प्रभाव गंभीर न हो तो इस सरल घरेलू उपचारो से मौसमी फ्लू विशेषकर खांसी से मदद मिल सकती है।
तुलसी की कुछ पत्तियों को मैश करके उसका रस निकाल लें। एक चम्मच रस को थोड़े से शहद के साथ दिन में दो बार लें।
मालाबार नट (वासा) के पत्तों को हल्का गर्म करके रस निकाल लें। एक चम्मच जूस में थोड़ा सा शहद और गुड़ मिलाकर दिन में दो बार खाएं।
बेलरिक हरड़ यानी विभीतकी का चूर्ण 1 ग्राम मात्रा में लेकर उसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं और दिन में 2-3 बार लें।
चेंबर बिटर की ताजी जड़ी-बूटी लें और उसका रस निकालें। 2-4 चम्मच रस दिन में दो बार लें।