हमारे देश में लगभग हर धर्म में धार्मिक अनुष्ठानो में पान के पत्ते का उपयोग होता है। यही नही पान के पत्ते को बेहतरीन मुखवास की संज्ञा दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते है की पान के पत्तों में औषधीय गुण भी भरपूर मात्रा में पाए जाते है ! अंग्रेजी में बीटल लीफ तथा आयुर्वेद में नागबल्ली, श्रीवाटी, अम्लवाटी, अम्लरसा नाम से प्रचलित पान के पत्ते मानव शरीर की कई आम समस्यायों में फायदा करते हैं। ईटीवी भारत सुखीभवा, सेहत के लिहाज से पान के पत्तों के फायदों से जुड़ी जानकारियाँ अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहा है।
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की साइट पर उपलब्ध एक रिसर्च के अनुसार पान के पत्ते डिटॉक्सिफायर यानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने वाले तत्व के रूप में कार्य कर सकते है। वहीं पान के पत्तों के नियमित सेवन से मूंह के रोगों तथा मधुमेह से बचने में मदद मिल सकती है। पान के पत्ते को इम्यून सिस्टम व हृदय के लिए भी बेहतर माना गया है। इसके अतिरिक्त पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर तथा एंटी-अल्सर जैसे गुण पाए जाते हैं ।
जानकार बताते है की पान के पत्तों से सेवन से सिर दर्द, आंखों की बीमारी, कान दर्द, मुंह के रोग, बच्चों की सर्दी में पान के इस्तेमाल से फायदे ले सकते हैं। इतना ही नहीं, कुक्कर खांसी, सर्दी-जुकाम, ह्रदय रोग, सांसों के रोग में लाभ मिलता है।
पौष्टिक तत्वों की बात करें तो पान के पत्ते में पानी, प्रोटीन, वसा, मिनरल, फाइबर, क्लोरोफिल, कार्बोहाइड्रेट, निकोटीन एसिड, विटामिन सी, विटामिन ए, राइबोफ्लेविन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, आयोडीन तथा कैलोरी इत्यादि मौजूद होते हैं।
पान के पत्तों के फायदे
पान के पत्तों के सेवन से कई रोग तथा समस्याओं के निवारण तथा नियंत्रण में मदद मिलती है। जो इस प्रकार है।
- पाचन दुरुस्त करते हैं
पान की पत्तियों को चबाने से मुंह के भीतर हमारी लार ग्रन्थि ज्यादा सक्रिय हो जाती है। जिससे ज्यादा मात्रा में एंजाइम का निर्माण होता है, जो पाचन क्रिया में मदद करता है। वहीं पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो पाचन तंत्र से हानिकारक मुक्त कणों और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते है। यह पेट के असंतुलित पीएच स्तर के कारण उत्पन्न अम्लता को कम तथा नियंत्रित करते है। जिससे गैस संबंधी समस्याओं और कब्ज में राहत मिलती है और भूख बढ़ती है।
- दांतों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
पान को आमतौर पर मुंह की दुर्गंध को दूर करने वाले मुखवास के तौर पर लोग जानते है। लेकिन पान के पत्तों में मौजूद औषधीय गुण मुंह में मौजूद रोगाणुओं, जीवाणुओं तथा मुंह में रोग उत्पन्न करने वाले अन्य रोग जनकों से भी सुरक्षा करते हैं । पान के पत्तों को चबाने से दांतों के क्षय रोग में फायदा मिलता है और मसूड़े तथा दांत मजबूत होते हैं। इससे मुंह में होने वाले रक्तस्राव में भी राहत मिलतीहै।
- सर्दी, जुखाम और खांसी में फायदेमंद
पान के पत्तों के सेवन से श्वसन संबंधी समस्याओं में भी राहत मिलती है। खांसी, छाती व फेफड़ों का संक्रमण या अस्थमा जैसी समस्याओं में यह काफी मददगार होता है। सिर्फ पान के पत्तों को चबाने से ही नही बल्कि पान के पत्तों को गरम कर उससे छाती का सेंक करने से श्वसन रोगों में आराम मिलता हैं। इसमें मौजूद एंटीबायोटिक गुण कफ में राहत देते है। पानी में पान के पत्ते उबालकर उससे कुल्ला तथा गरारे करने से खराब गले की समस्या में भी राहत मिलती है।
- अच्छा मूत्रवाहक हैं पान का पत्ता
पान को मूत्रवाहक माना जाता है। इसका सेवन उन लोगों को काफी फायदा करता है जिनको कम मूत्र आने या मूत्र संबंधी समस्याएं हैं।
- वजन को करता है कम-
मोटापा को कम करने में पान के फायदे देखे जा सकते हैं क्योंकि इसमें फाइबर मौजूद होता है। पान वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। - कैंसर से करता है बचाव-
पान के पत्तों के अर्क में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं जो कैंसर को पनपने तथा ट्यूमर को बढ़ने से रोकने में मददगार होता है। साथ ही यह कैंसर की रोकथाम में भी मददगार हो सकते है। - शरीर से दुर्गंध दूर करने के लिए-
सिर्फ मुंह ही नही पान के पत्तों का अर्क शरीर की दुर्गंध दूर करने में मददगार हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण शरीर की बदबू दूर करने में मदद करते हैं। पान के पत्तों को पानी मां उबाल कर, ठंडा कर उस पानी से स्नान करने से शरीर से आने वाली दुर्गंध को इसके जरिए दूर किया जा सकता है। यहीं नही पान के पत्तों को नहाने से कुछ समय पूर्व पानी की बाल्टी में डालने से भी शरीर की बदबू में लंबे समय तक राहत मिलती है। - मुंह के छाले
एक शोध के अनुसार पान के पत्तों के अर्क में एंटीअल्सर गुण मौजूद होते हैं जो मुंह के छालों को ठीक करने में कारगर हो सकते हैं। मुंह में छाले होने के बाद कत्था युक्त पान खाने की सलाह दी जाती है। - पान का पत्ता कम करें सूजन
पान के पत्ते से निकलने वाले तेल में फिनोल पाया जाता है। जिसे मिथाइल नाम से भइ जाना जाता है। जिसमें एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। जो गठिया तथा अर्थराइटीस में जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते है।
- मधुमेह में फायदेमंद
पान की पत्तियों में एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते है, जो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते है और मधुमेह में फायदेमंद है।