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सर्दियों में नाखूनों की सेहत दुरुस्त रखेगा पौष्टिक आहार और नेल केयर रूटीन

सर्दियों के मौसम का असर त्वचा और बालों के अलावा नाखूनों पर भी पड़ता है. इस मौसम में आमतौर पर नाखूनों की ऊपरी परत खराब हो जाती है तथा उनके टूटने की आशंका भी बढ़ जाती है. इस मौसम में नाखूनों की सेहत और सौन्दर्य बनाए रखने के लिए कौन-कौन से प्रयास फायदेमंद हो सकते हैं. आइए जानते हैं.

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नाखूनों की सेहत
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Published : Dec 23, 2021, 1:16 PM IST

क्या आपने कभी गौर किया है कि सर्दियों का मौसम शुरू होते ही हमारे नाखून ज्यादा टूटने लगते हैं या फिर उनकी चमक में कमी आने लगती है! सर्दियां शुरू होने पर सिर्फ मौसम में बदलाव और हवा में बढ़ती शुष्कता ही नहीं बल्कि और भी कई कारणों से हमारे नाखूनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगता है.

क्या कहते हैं चिकित्सक

उत्तराखंड की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ आशा सकलानी बताती हैं की विशेष तौर पर ज्यादा ठंडे इलाकों में सर्दियों का मौसम त्वचा और बालों के साथ ही नाखूनों के लिए भी भारी होता है. आमतौर पर सर्दियों के मौसम में लोग कम मात्रा में पानी पीते हैं जिसका नतीजा उनके शरीर में डिहाइड्रेशन के रूप में नजर आता है. डिहाइड्रेशन या शरीर में पानी की कमी का असर व्यक्ति के सौंदर्य तथा उसकी सेहत के साथ उसके नाखूनों पर भी पड़ता है. वह बताती है कि आमतौर पर सर्दियों के मौसम में जहां त्वचा और बालों में रूखापन आ जाता है, वहीं नाखूनों की ऊपरी सतह खुरदरी होने लगती है और यहां तक कि कभी-कभी उन में दरारें भी पड़ने लगती हैं. सिर्फ नाखून ही नहीं बल्कि इस मौसम में उनके आसपास की त्वचा भी शुष्क होकर फटने लगती है. जो हाथों के सौंदर्य को तो खराब करती ही है साथ ही कई बार नाखूनों के आसपास की त्वचा में दर्द होने का कारण भी बनती है.

डॉक्टर सकलानी बताती है कि इन समस्याओं से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि बाहरी देखभाल के अलावा व्यक्ति पोषक तत्वों से भरपूर आहार ग्रहण करें. यदि शरीर अंदर से स्वस्थ होगा तो बाहरी समस्याएं भी अपेक्षाकृत कम प्रभावित करेंगी. वह बताती हैं कि इस मौसम में खानपान को लेकर ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है. इसलिए जहां तक संभव हो पौष्टिक तथा संतुलित आहार ग्रहण करें. विशेष तौर पर भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन भरपूर मात्रा में होना चाहिए. क्योंकि नाखूनों के टूटने का एक कारण पौष्टिक तत्वों की कमी भी होता है. इसके अलावा यदि सर्दियों के मौसम में त्वचा, बाल या नाखूनों में जरूरत से ज्यादा समस्याएं नजर आने लगे तो चिकित्सक से सलाह अवश्य ले. क्योंकि ऐसा शरीर में किसी विशेष प्रकार के पोषण में कमी या किसी रोग के कारण भी हो सकता है.

वे बताती हैं कि आज के दौर में लोगों में विशेषकर महिलाओं में नाखूनों, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बायोटिन के कैप्सूल को सप्लीमेंट के तौर पर अपनाने का चलन काफी बढ़ गया है. लेकिन बहुत जरूरी है कि किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य लें. क्योंकि बगैर शरीर में किसी प्रकार की कमी के सप्लीमेंट्स लेना स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है.

सर्दियों में नाखूनों की देखभाल

इंदौर की सौंदर्य विशेषज्ञ सविता शर्मा बताती हैं कि सर्दियों में नाखूनों तथा उंगलियों की देखभाल के लिए नेल केयर रूटीन को अपनाना बहुत जरूरी है. ऐसा करने से ना सिर्फ नाखूनों को खराब होने से बचाया जा सकता है बल्कि नाखूनों के आसपास वाली त्वचा के फटने तथा उनमें संक्रमण होने की आशंका को भी कम किया जा सकता है.

सविता शर्मा बताती है कि सर्दियों में नाखूनों की देखभाल के लिए कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखा जा सकता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • सर्दियों के मौसम भी ज्यादातर लोग तेज गर्म पानी से नहाते हैं. लेकिन तेज गर्म पानी भी नाखूनों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए तेज गर्म पानी से नहाने से पहले कुछ मिनट यदि नाखूनों की क्यूटिकल ऑयल या बादाम, नारियल या जैतून में से किसी भी तेल से मालिश की जाए, तो नाखूनों में होने वाली खुश्की तथा अन्य समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
  • नहाने तथा हाथ धोने के बाद नाखूनों तथा उंगलियो पर कोल्ड क्रीम या बॉडी क्रीम से कुछ देर मालिश करनी चाहिए.
  • सर्दियों के मौसम में जहां तक संभव हो नाखूनों को छोटा रखने की कोशिश करें. क्योंकि लंबे नाखून ज्यादा टूटते हैं. इसके अलावा नाखूनों को फाइल करते समय ध्यान दें कि उन्हें हमेशा एक ही दिशा में फाइल करें. इसके अलावा कभी भी हाथ धोने, बर्तन धोने, नहाने या किसी भी ऐसे कार्य को करने के बाद नाखूनों को फाइल ना करें जहां आपके हाथ ज्यादा समय तक पानी में रहें हों. क्योंकि गीले नाखून अपेक्षाकृत जल्दी टूटते हैं.
  • नाखूनों से नेल पॉलिश उतारने वाले रिमूवर को खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसमें एसीटोन केमिकल कंपाउंड की मात्रा या तो बिल्कुल नहीं हो या ना के बराबर हो. क्योंकि इस प्रकार के रसायन के इस्तेमाल से नाखून कमजोर हो जाते हैं.
  • यदि संभव हो तो पानी में काम करते समय रबर के दस्तानों का उपयोग करें. क्योंकि बार-बार गीले होने पर हमारे नाखून कमजोर होने लगते हैं और जल्दी टूटते व खराब होते हैं. इसके अलावा बर्तन धोने या कपड़े धोने जैसी कार्यों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट या साबुन में तीव्र रसायनों का इस्तेमाल होता है जो नाखून को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में इस प्रकार के कार्य करने से पहले रबड़ के दस्ताने पहनना फायदेमंद होता है.

पढ़ें: सेहत की जानकारी देते हैं नाखून

क्या आपने कभी गौर किया है कि सर्दियों का मौसम शुरू होते ही हमारे नाखून ज्यादा टूटने लगते हैं या फिर उनकी चमक में कमी आने लगती है! सर्दियां शुरू होने पर सिर्फ मौसम में बदलाव और हवा में बढ़ती शुष्कता ही नहीं बल्कि और भी कई कारणों से हमारे नाखूनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगता है.

क्या कहते हैं चिकित्सक

उत्तराखंड की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ आशा सकलानी बताती हैं की विशेष तौर पर ज्यादा ठंडे इलाकों में सर्दियों का मौसम त्वचा और बालों के साथ ही नाखूनों के लिए भी भारी होता है. आमतौर पर सर्दियों के मौसम में लोग कम मात्रा में पानी पीते हैं जिसका नतीजा उनके शरीर में डिहाइड्रेशन के रूप में नजर आता है. डिहाइड्रेशन या शरीर में पानी की कमी का असर व्यक्ति के सौंदर्य तथा उसकी सेहत के साथ उसके नाखूनों पर भी पड़ता है. वह बताती है कि आमतौर पर सर्दियों के मौसम में जहां त्वचा और बालों में रूखापन आ जाता है, वहीं नाखूनों की ऊपरी सतह खुरदरी होने लगती है और यहां तक कि कभी-कभी उन में दरारें भी पड़ने लगती हैं. सिर्फ नाखून ही नहीं बल्कि इस मौसम में उनके आसपास की त्वचा भी शुष्क होकर फटने लगती है. जो हाथों के सौंदर्य को तो खराब करती ही है साथ ही कई बार नाखूनों के आसपास की त्वचा में दर्द होने का कारण भी बनती है.

डॉक्टर सकलानी बताती है कि इन समस्याओं से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि बाहरी देखभाल के अलावा व्यक्ति पोषक तत्वों से भरपूर आहार ग्रहण करें. यदि शरीर अंदर से स्वस्थ होगा तो बाहरी समस्याएं भी अपेक्षाकृत कम प्रभावित करेंगी. वह बताती हैं कि इस मौसम में खानपान को लेकर ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है. इसलिए जहां तक संभव हो पौष्टिक तथा संतुलित आहार ग्रहण करें. विशेष तौर पर भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन भरपूर मात्रा में होना चाहिए. क्योंकि नाखूनों के टूटने का एक कारण पौष्टिक तत्वों की कमी भी होता है. इसके अलावा यदि सर्दियों के मौसम में त्वचा, बाल या नाखूनों में जरूरत से ज्यादा समस्याएं नजर आने लगे तो चिकित्सक से सलाह अवश्य ले. क्योंकि ऐसा शरीर में किसी विशेष प्रकार के पोषण में कमी या किसी रोग के कारण भी हो सकता है.

वे बताती हैं कि आज के दौर में लोगों में विशेषकर महिलाओं में नाखूनों, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बायोटिन के कैप्सूल को सप्लीमेंट के तौर पर अपनाने का चलन काफी बढ़ गया है. लेकिन बहुत जरूरी है कि किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य लें. क्योंकि बगैर शरीर में किसी प्रकार की कमी के सप्लीमेंट्स लेना स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है.

सर्दियों में नाखूनों की देखभाल

इंदौर की सौंदर्य विशेषज्ञ सविता शर्मा बताती हैं कि सर्दियों में नाखूनों तथा उंगलियों की देखभाल के लिए नेल केयर रूटीन को अपनाना बहुत जरूरी है. ऐसा करने से ना सिर्फ नाखूनों को खराब होने से बचाया जा सकता है बल्कि नाखूनों के आसपास वाली त्वचा के फटने तथा उनमें संक्रमण होने की आशंका को भी कम किया जा सकता है.

सविता शर्मा बताती है कि सर्दियों में नाखूनों की देखभाल के लिए कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखा जा सकता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • सर्दियों के मौसम भी ज्यादातर लोग तेज गर्म पानी से नहाते हैं. लेकिन तेज गर्म पानी भी नाखूनों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए तेज गर्म पानी से नहाने से पहले कुछ मिनट यदि नाखूनों की क्यूटिकल ऑयल या बादाम, नारियल या जैतून में से किसी भी तेल से मालिश की जाए, तो नाखूनों में होने वाली खुश्की तथा अन्य समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
  • नहाने तथा हाथ धोने के बाद नाखूनों तथा उंगलियो पर कोल्ड क्रीम या बॉडी क्रीम से कुछ देर मालिश करनी चाहिए.
  • सर्दियों के मौसम में जहां तक संभव हो नाखूनों को छोटा रखने की कोशिश करें. क्योंकि लंबे नाखून ज्यादा टूटते हैं. इसके अलावा नाखूनों को फाइल करते समय ध्यान दें कि उन्हें हमेशा एक ही दिशा में फाइल करें. इसके अलावा कभी भी हाथ धोने, बर्तन धोने, नहाने या किसी भी ऐसे कार्य को करने के बाद नाखूनों को फाइल ना करें जहां आपके हाथ ज्यादा समय तक पानी में रहें हों. क्योंकि गीले नाखून अपेक्षाकृत जल्दी टूटते हैं.
  • नाखूनों से नेल पॉलिश उतारने वाले रिमूवर को खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसमें एसीटोन केमिकल कंपाउंड की मात्रा या तो बिल्कुल नहीं हो या ना के बराबर हो. क्योंकि इस प्रकार के रसायन के इस्तेमाल से नाखून कमजोर हो जाते हैं.
  • यदि संभव हो तो पानी में काम करते समय रबर के दस्तानों का उपयोग करें. क्योंकि बार-बार गीले होने पर हमारे नाखून कमजोर होने लगते हैं और जल्दी टूटते व खराब होते हैं. इसके अलावा बर्तन धोने या कपड़े धोने जैसी कार्यों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट या साबुन में तीव्र रसायनों का इस्तेमाल होता है जो नाखून को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में इस प्रकार के कार्य करने से पहले रबड़ के दस्ताने पहनना फायदेमंद होता है.

पढ़ें: सेहत की जानकारी देते हैं नाखून

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