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कोरोना के खिलाफ टीके पर हो वैश्विक सहयोग

कोविड-19 के टीके को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव ने इसे लेकर चेतावनी दी है. उनका मानना है कि कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञ टीके के अनुसंधान और विकास को राजनीतिक मुद्दा बना रहे है. कोरोना से उबरने के लिए विश्व को एक साथ मिलकर काम करने का जरूरत है.

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Published : Aug 25, 2020, 12:15 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 9:37 AM IST

कोविड-19 का टीका
covid-19 vaccine

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव टेद्रोस अधनोम घब्रेयसस ने कोविड-19 के टीके के मुद्दे पर कहा कि हमें टीके के राष्ट्रवाद से बचना चाहिए. विश्व भर में योजनानुसार सीमित आपूर्ति को साझा करना विभिन्न देशों के हित में है. लेकिन कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञ टीके को लेकर अपने स्वार्थ का अनुसरण कर रहे हैं, जो महामारी के खिलाफ वैश्विक सहयोग को खत्म कर रहा है. फिलहाल, कुछ देशों में कोविड-19 टीके के विकास और जल्द ही बाजार में आने की खुशखबरियां सामने आयी हैं, जिसने महामारी के खिलाफ विजय पाने का विश्वास जगाया है. लेकिन खेद की बात है कि कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञ टीके के अनुसंधान और विकास को राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं. कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों की नजर में टीका महामारी के निपटारे में अपनी विफलता पर पर्दा डालने, आम लोगों में व्याप्त असंतोष हटाने और वोट आकर्षित करने का उपकरण है.

दूसरी ओर वे टीके के विकास और प्रयोग में मुख्य भूमिका निभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, ताकि मोटे पैसे कमाये जा सके. साइंस पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार ने अनेक फार्मा कंपनियों के साथ 6 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक खरीद सौदों पर हस्ताक्षर किये हैं.

महामारी को गंभीरता से देखा जाए तो अमेरिकी सरकार को टीके से लोगों का क्रोध उतारने की जरूरत है. लेकिन दूसरी दृष्टि से बड़ी आबादी वाले विकासशील देशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य संसाधन की अति किल्लत का सामना कर रहे हैं. उनको अधिक मदद देना महामारी पराजित करने के लिए बहुत अहम है.

एक जिम्मेदार बड़े देश होने के नाते चीन हमेशा वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से महामारी का नियंत्रण और टीके का विकास करने में सलंग्न है. लेकिन टीके के बंटवारे को बढ़ाने के लिए सिर्फ चीन की कोशिशों से काम नहीं चलेगा. इसके लिए अधिक देशों खासकर विकसित देशों को जरूरी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. जैसे घब्रेयसस ने कहा कि अगर विश्व अधिक जल्दी से बहाल होना चाहता है, तो समग्र विश्व को एक साथ बहाल होना होगा.

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव टेद्रोस अधनोम घब्रेयसस ने कोविड-19 के टीके के मुद्दे पर कहा कि हमें टीके के राष्ट्रवाद से बचना चाहिए. विश्व भर में योजनानुसार सीमित आपूर्ति को साझा करना विभिन्न देशों के हित में है. लेकिन कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञ टीके को लेकर अपने स्वार्थ का अनुसरण कर रहे हैं, जो महामारी के खिलाफ वैश्विक सहयोग को खत्म कर रहा है. फिलहाल, कुछ देशों में कोविड-19 टीके के विकास और जल्द ही बाजार में आने की खुशखबरियां सामने आयी हैं, जिसने महामारी के खिलाफ विजय पाने का विश्वास जगाया है. लेकिन खेद की बात है कि कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञ टीके के अनुसंधान और विकास को राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं. कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों की नजर में टीका महामारी के निपटारे में अपनी विफलता पर पर्दा डालने, आम लोगों में व्याप्त असंतोष हटाने और वोट आकर्षित करने का उपकरण है.

दूसरी ओर वे टीके के विकास और प्रयोग में मुख्य भूमिका निभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, ताकि मोटे पैसे कमाये जा सके. साइंस पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार ने अनेक फार्मा कंपनियों के साथ 6 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक खरीद सौदों पर हस्ताक्षर किये हैं.

महामारी को गंभीरता से देखा जाए तो अमेरिकी सरकार को टीके से लोगों का क्रोध उतारने की जरूरत है. लेकिन दूसरी दृष्टि से बड़ी आबादी वाले विकासशील देशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य संसाधन की अति किल्लत का सामना कर रहे हैं. उनको अधिक मदद देना महामारी पराजित करने के लिए बहुत अहम है.

एक जिम्मेदार बड़े देश होने के नाते चीन हमेशा वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से महामारी का नियंत्रण और टीके का विकास करने में सलंग्न है. लेकिन टीके के बंटवारे को बढ़ाने के लिए सिर्फ चीन की कोशिशों से काम नहीं चलेगा. इसके लिए अधिक देशों खासकर विकसित देशों को जरूरी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. जैसे घब्रेयसस ने कहा कि अगर विश्व अधिक जल्दी से बहाल होना चाहता है, तो समग्र विश्व को एक साथ बहाल होना होगा.

Last Updated : Aug 26, 2020, 9:37 AM IST
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