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गंगाराम अस्पताल में कटे हुए हाथ को सर्जरी से फिर से जोड़ा गया - भारी वस्तु गिरने से कटा पीड़ित का हाथ

सर गंगाराम अस्पताल के प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग ने आश्चर्यजनक सफलता हासिल की है। एक व्यक्ति के कटे हाथों को सर्जरी से दोबारा जोड़ दिया गया है। पीड़ित का हाथ कारखाने में काम करते वक्त भारी वस्तु गिरने से कट गया था। जिसके बाद पीड़ित और उसके कटे हाथों को बर्फ में सुरक्षित कर अस्पताल लाया गया।

amputated hand rejoined successfully
कटे हुए हाथ जोड़ने में मिली सफलता
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Published : Feb 15, 2021, 2:31 PM IST

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एक चुनौतीपूर्ण सर्जरी में एक कटे हुए हाथ (एंप्युटेड हैंड) को दोबारा जोड़ दिया गया है। 36 वर्षीय इंद्रपाल नई दिल्ली के बादली में प्रहलादपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक कारखाने में काम कर रहे थे, दोपहर 2 बजे अचानक मशीन से एक भारी वस्तु उनके हाथ पर गिर गई और उनका बायां हाथ कट गया।

पीड़ित को तेज दर्द हुआ और खून की कमी के बाद वह बेहोश हो गया। उनके नियोक्ता शरद मरीज को तुरंत अस्पताल ले गए। इसके साथ ही उन्होंने तत्काल कटे हाथ को बर्फ में सुरक्षित रख दिया। दुर्घटना के दो घंटे बाद, 4 बजे इंद्रपाल को सर गंगाराम अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया।

अस्पताल के प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अनुभव गुप्ता के अनुसार, 'हालांकि, मरीज गोल्डन टाइम पीरियड (आमतौर पर फोरआर्म लेवल की चोट में 3 से 4 घंटे तक की अवधि) के भीतर हमारे पास पहुंच गया। लेकिन यह हमारे लिए चुनौती थी, क्योंकि पीड़ित का फोरआर्म बुरी तरह से कुचला जा चुका था।'

उन्होंने कहा, 'इससे विभिन्न संरचनाओं (हड्डी, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं और वाहिकाओं) में कई स्तर की चोटें आई थी। जैसा कि समय बहुत महत्वपूर्ण था, हमने कोविड परिणाम की प्रतीक्षा किए बिना रोगी को तुरंत सर्जरी करने का फैसला किया। पीड़ित का कोविड टेस्ट बाद में हालांकि नेगेटिव आया।'

उन्होंने कहा, 'चोट की गंभीरता के कारण, हमें माइक्रोवस्कुलर तकनीक का उपयोग करके प्रकोष्ठ का आरोपण करने में छह घंटे से अधिक समय लगा। आधी रात को मरीज को ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकाला गया।'

वर्तमान में रोगी का हाथ सफलतापूर्वक बच गया है और हमें उम्मीद है कि उसका हाथ जल्द ही फिर से काम करने लगेगा।

डॉ. अनुभव गुप्ता ने कहा, 'नवीनतम सर्जिकल तकनीकों से यह संभव है कि सबसे खराब अंगों को भी फिर से जोड़ा जाए, अगर उन्हें समय पर लाया जाए और अंगों को अच्छी तरह से बर्फ में संरक्षित किया जाए। यह समझना महत्वपूर्ण है कि विच्छेदन वाला हिस्सा बर्फ के सीधे संपर्क में नहीं होना चाहिए। इसे बर्फ के ऊपर साफ पॉलीथीन में रखना चाहिए।'

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एक चुनौतीपूर्ण सर्जरी में एक कटे हुए हाथ (एंप्युटेड हैंड) को दोबारा जोड़ दिया गया है। 36 वर्षीय इंद्रपाल नई दिल्ली के बादली में प्रहलादपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक कारखाने में काम कर रहे थे, दोपहर 2 बजे अचानक मशीन से एक भारी वस्तु उनके हाथ पर गिर गई और उनका बायां हाथ कट गया।

पीड़ित को तेज दर्द हुआ और खून की कमी के बाद वह बेहोश हो गया। उनके नियोक्ता शरद मरीज को तुरंत अस्पताल ले गए। इसके साथ ही उन्होंने तत्काल कटे हाथ को बर्फ में सुरक्षित रख दिया। दुर्घटना के दो घंटे बाद, 4 बजे इंद्रपाल को सर गंगाराम अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया।

अस्पताल के प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अनुभव गुप्ता के अनुसार, 'हालांकि, मरीज गोल्डन टाइम पीरियड (आमतौर पर फोरआर्म लेवल की चोट में 3 से 4 घंटे तक की अवधि) के भीतर हमारे पास पहुंच गया। लेकिन यह हमारे लिए चुनौती थी, क्योंकि पीड़ित का फोरआर्म बुरी तरह से कुचला जा चुका था।'

उन्होंने कहा, 'इससे विभिन्न संरचनाओं (हड्डी, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं और वाहिकाओं) में कई स्तर की चोटें आई थी। जैसा कि समय बहुत महत्वपूर्ण था, हमने कोविड परिणाम की प्रतीक्षा किए बिना रोगी को तुरंत सर्जरी करने का फैसला किया। पीड़ित का कोविड टेस्ट बाद में हालांकि नेगेटिव आया।'

उन्होंने कहा, 'चोट की गंभीरता के कारण, हमें माइक्रोवस्कुलर तकनीक का उपयोग करके प्रकोष्ठ का आरोपण करने में छह घंटे से अधिक समय लगा। आधी रात को मरीज को ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकाला गया।'

वर्तमान में रोगी का हाथ सफलतापूर्वक बच गया है और हमें उम्मीद है कि उसका हाथ जल्द ही फिर से काम करने लगेगा।

डॉ. अनुभव गुप्ता ने कहा, 'नवीनतम सर्जिकल तकनीकों से यह संभव है कि सबसे खराब अंगों को भी फिर से जोड़ा जाए, अगर उन्हें समय पर लाया जाए और अंगों को अच्छी तरह से बर्फ में संरक्षित किया जाए। यह समझना महत्वपूर्ण है कि विच्छेदन वाला हिस्सा बर्फ के सीधे संपर्क में नहीं होना चाहिए। इसे बर्फ के ऊपर साफ पॉलीथीन में रखना चाहिए।'

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