नई दिल्ली : हेल्दी लाइफस्टाइल और लंबी खुशहाल जिदंगी के लिए अपने दिल को स्वस्थ रखना महत्वपूर्ण है. ऐसी कई बातें हैं जो आपके दिल को हेल्दी रखने में मदद कर सकती हैं, जिनमें सही तेल को शामिल करना, नमक का सेवन सही मात्रा में करना और नियमित एक्सरसाइज (व्यायाम) करना आदि. स्वस्थ दिल को लेकर लोग अक्सर अफवाहों और गलत जानकारी के जाल में घिर जाते हैं, जैसे कि उन्हें क्या चुनना चाहिए तेल, घी, मक्खन या फिर किस प्रकार की एक्सरसाइज वास्तव में उनके दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं?
एसएल रहेजा हॉस्पिटल के कंसल्टेंट-इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हरेश जी मेहता ने आईएएनएस को बताया, "जब तेलों की बात आती है, तो कई लोगों ने रिफाइंड तेलों पर स्विच करने के लाभों के बारे में बताया है. हालांकि, रिसर्च से पता चलता है कि घी या मक्खन का उपयोग करने की सदियों पुरानी परंपरा उतनी हानिकारक नहीं हो सकती है जितना पहले माना जाता था. ये प्राकृतिक वसा, कम मात्रा में सेवन करने पर, महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं जो दिल के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं." जबकि, रिफाइंड तेल सबसे अच्छा है, विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को ऐसे तेल चुनना चाहिए जो MUFA और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर हों जैसे राइस ब्रान ( चावल की भूसी ) ऑयल, कैनोला ऑयल और ऑलिव ( जैतून ) ऑयल.
इन पदार्थों का सेवन कम करें
इसके अलावा, दिल को हेल्दी रखने के लिए लोगों को दिल के अनुकूल भोजन खाने की सलाह दी जाती है, जिसमें कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, हेल्दी प्रोटीन और फैट्स जैसे बाजरा, ओट्स, ब्राउन राइस, दाल, अंडे, चिकन, मछली जैसे कम वसा वाले चिकन शामिल होते हैं, क्योंकि उनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है. हालांकि, स्वस्थ दिल के लिए फ्राइड फूड्स, सिंपल शुगर और हाई कैलोरी वाले मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है.
कौन-सा नमक और कितना सेवन करें
किस प्रकार के नमक का उपयोग किया जाए, इस पर भी ध्यान देना जरूरी है. मेहता ने कहा, "कई लोग कम सोडियम वाले विकल्पों की ओर जाते हैं, हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि आयोडीन युक्त या समुद्री नमक का मध्यम सेवन आवश्यक ट्रेस मिनरल्स प्रदान कर सकता है जो दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं." डॉक्टरों के अनुसार, नमक के छिपे हुए स्रोत जो प्रमुख चिंता का कारण हैं, वे हैं बेकिंग सोडा, अचार, पापड़ और पैकेज फूड्स, क्योंकि इनमें सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है.
एरोबिक और एनारोबिक एक्सरसाइज महत्वपूर्ण
जहां तक एक्सरसाइज की बात है, सर्वोत्तम दृष्टिकोण में कार्डियोवस्कुलर वर्कआउट और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का संयोजन शामिल है. मैक्स हेल्थकेयर की चीफ डाइटिशियन रितिका समद्दर ने आईएएनएस को बताया, "दिल के रोग के रोकथाम में एक्सरसाइज महत्वपूर्ण है, व्यक्ति को सक्रिय जीवनशैली अपनानी चाहिए.एक्सरसाइज के दोनों रूपों को शामिल करें जो एरोबिक और एनारोबिक रूप हैं, जैसे चलना, योग, तैराकी, साइकिल चलाना आदि." तेज चलना, तैराकी या साइकिल चलाना जैसी गतिविधियों में शामिल होने से दिल की कार्यक्षमता में सुधार होता है और फिटनेस को बढ़ावा मिलता है.
तनाव-दिल के रोग का एक प्रमुख कारक
इसके अलावा, समद्दर ने सलाह दी कि लोगों को बहुत भारी और जोरदार एक्सरसाइज से बचना चाहिए, खासकर अगर किसी का दिल संबंधी समस्याओं का इतिहास रहा हो. एक्सपर्ट्स द्वारा रोजाना लगभग 30-45 मिनट एक्सरसाइज ( व्यायाम ) , साथ ही मेडिटेशन या योग करने की भी सलाह दी जाती है क्योंकि यह तनाव को कम करने में मदद करता है, जो दिल के रोग का एक प्रमुख कारण है. डॉक्टरों के अनुसार, हेल्दी हार्ट के लिए लोगों द्वारा चुने जाने वाले विकल्पों की बारीक समझ की आवश्यकता है. रिफाइंड ऑयल, घी, मक्खन, नमक और एक्सरसाइज सभी एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं. प्रोफेशनल गाइडेंस दिल संबंधी स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार हैं.
(आईएएनएस)
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