मछली का तेल विशेषकर कॉड लीवर ऑइल, सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. जानकार बताते हैं हैं कि मछली का तेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है. तथा उसमें मौजूद पोषक तत्व कई बीमारियों से बचाने के साथ-साथ आँखों, हड्डियों, त्वचा व बालों के स्वास्थ्य को भी बरकरार रखने का मदद करते हैं. मजे की बात यह है कि मछली के तेल का सेवन करने के लिए मछली का सेवन करना जरूरी नही है क्योंकि लगभग सभी कैमिस्ट शॉप पर फिश ऑइल विशेषकर कॉड लाइव ऑइल कैप्सूल तथा सप्लीमेंट्स आराम से मिलते हैं.
मछली के तेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व
मुंबई की न्यूट्रीशनिस्ट डॉ दिलशान बाबा बताती हैं कि ओमेगा-3 फैटी एसिड तथा विटामिन ए व डी के खास स्त्रोतों में से एक होने के कारण मछली का तेल विशेषकर कॉर्डलीवर ऑइल सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड के अलावा इकोसैपेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए ) होते हैं . यहां यह जानना भी जरूरी है, कि मछली से मिलने वाला ओमेगा-3, फैटी एसिड, पौधों से मिलने वाले ओमेगा-3 से कहीं अधिक बेहतर होता है. दरअसल पौधों में ओमेगा- 3 मुख्यतः अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) के रूप में पाया जाता है. वैसे तो एएलए भी बेहद जरूरी फैटी एसिड है, लेकिन इसके मुकाबले ईपीए और डीएचए से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ अपेक्षाकृत ज्यादा होते हैं. इसके अलावा फिश ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो स्किन को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं साथ ही त्वचा में रक्त के संचार को भी दुरुस्त रखते हैं. इसके अलावा इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं.
मछली के तेल के फायदे
डॉ दिलशान बाबा बताती हैं कि हमारी त्वचा, बालों, आँखों तथा हड्डियों से लेकर सम्पूर्ण सेहत को दुरुस्त रखने में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन डी की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. और चूंकि मछली के तेल में ये भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए इनका सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. लेकिन ज्यादातर लोगों को इसके बारें में ज्यादा जानकारी नही होती है.
हमारे विशेषज्ञों की सलाह की आधार पर मछली के तेल से मिलने वाले कुछ स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं.
- मछली के तेल में उपलब्ध ओमेगा-3 फैटी एसिड, हृदय रोगों से रक्षा करने में सक्षम माना जाता है. दरअसल, मछली का तेल ट्राइग्लिसराइड यानी लिपिड फैट के स्तर को कम करता है यानी यह रक्त में मौजूद हानिकारक कोलेस्ट्रॉल एलडीएल को कम करके फायदेमंद कोलेस्ट्रॉल एचडीएल को बढ़ाने में मदद करता है. साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त के संचार को नियंत्रित रखने तथा धमनियों में ब्लॉकेज, प्लाक और एथेरोस्क्लेरोसिस का बढ़ना कम करने में भी मदद करता हैं. जिससे हार्ट अटैक और दिल से संबंधित अन्य रोगों होने का जोखिम कम हो जाता है.
- मछली के तेल का सेवन हड्डियों को स्वस्थ रख सकता है. यह हड्डियों के घनत्व यानी बोन डेंसिटी को बढ़ाता है. जिसके चलते इसका सेवन ऑस्टियोपोरोसिस यानी कमजोर हड्डियों को ठीक करने में भी काफी लाभकारी होता है. इसके अलावा इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हड्डियों और उनके आसपास के टिश्यू में मौजूद खनिजों की मात्रा को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं. मछली के तेल के सेवन से गठिया की समस्या में भी राहत मिलती है.
- आर्काइव ऑफ़ जनरल साइकाइट्री में प्रकाशित एक शोध के अनुसार कॉड लीवर ऑयल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड से सायकोसिस और शीज़ोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियों से बचाता है. इसके अलावा यह अवसाद और तनाव को कम करने में तथा अन्य प्रकार के मानसिक विकारों के निस्तारण में भी मददगार हो सकते हैं. फिश ऑयल स्मरण शक्ति को दुरुस्त रखने में भी सहायक होता है.
- मधुमेह में भी फिश ऑयल सप्लीमेंट का सेवन फायदेमंद हो सकता है. जानकार बताते हैं कि यह इंसुलिन सेंसिटिविटी (insulin sensitivity) को बढ़ाकर टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को राहत पहुंचाता है.
- फिश ऑयल सप्लीमेंट हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मददगार साबित हो सकता है. साथ ही यह शरीर में ऑटोइम्यून डिसऑर्डर को रोकने में भी मदद कर सकी है. दरअसल ऑटोइम्यून डिसॉर्डर एक ऐसी स्थिति होती है, जब प्रतिरक्षा प्रणाली स्वयं स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करती है .
- मछली के तेल के सेवन से नेत्र विकारों तथा दृष्टि दोष में भी फायदा मिल सकता है . पूर्व में हुए कुछ शोध में यह बात सामने आई है कि मछली के सेवन से लोगों में एएमडी यानी उम्र संबंधी दृष्टिदोष में राहत मिलती है, जानकार मानते हैं कि फिश ऑयल सप्लीमेंट इस लिहाज से भी फायदा पहुँच सकते हैं. इसके अलावा ओमेगा-3 तथा विटामिन डी वैसे भी आँखों की सेहत दुरुस्त रखने के लिए जरूरी माने जाते हैं.
- जानकार बताते हैं कि मछली के तेल से मौजूद ओमेगा-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड शुक्राणु कोशिकाओं को बढ़ाने में भी मदद करते हैं, जिससे पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. यहीं नही गर्भावस्था के दौरान फिश ऑइल सप्लीमेंट का सेवन माता तथा गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा इसमें मौजूद डोकोसाहेकोएनिक एसिड (Docosahexaenoic Acid/DHA) गर्भ में भ्रूण के समग्र विकास में मदद करता है, जिससे समय पूर्व प्रसव होने का जोखिम भी कम होता है.
- इसके अतिरिक्त फिश ऑइल सप्लीमेंट्स का सेवन रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखने , वजन घटाने, किडनी से संबंधित परेशानी के खतरे को कम करने, त्वचा की सेहत बनाए रखने तथा उस पर उम्र बढ़ने की रफ्तार को कम करने तथा बालों के स्वास्थ्य को भी बनाए रखने सहित कई गंभीर रोगों से बचाव में मदद कर सकता है.
सावधानी जरूरी
डॉ दिलशान बाबा बताती हैं कि सप्लीमेंट चाहे कोई भी हो बिना आवश्यकता या चिकित्सीय सलाह के उनका सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि बिना जरूरत सप्लीमेंट का सेवन शरीर को नुकसान भी पहुँच सकता है. इसलिए मछली के तेल युक्त सप्लीमेंट या कॉड लीवर ऑइल सप्लीमेंट का सेवन भी चिकित्सक की सलाह के उपरांत तथा बताई गई मात्रा में ही करना चाहिए.