ETV Bharat / sukhibhava

Family Caregiver Program : PM Narendra Modi के सपने को पूरा करेगा फैमिली केयरगिवर प्रोग्राम

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2023, 2:22 PM IST

TB या Tuberculosis के मरीजों की देखभाल के लिए फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. विभाग का मानना है कि यह टीबी को हराने में सशक्त भूमिका अदा कर सकता है. Family Caregiver Program

Family Caregiver Program
फैमिली केयरगिवर प्रोग्राम

लखनऊ : टीबी मरीज की उचित देखभाल और सहयोग प्रदान करने में परिवार के सदस्य अहम भूमिका निभा सकते हैं. टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों या रोगी के करीबी लोगों में से प्राथमिक देखभालकर्ता की पहचान करने और उन्हें प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है. इस पहल के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रत्येक टीबी रोगी के लिए परिवार से एक जिम्मेदार देखभालकर्ता की पहचान की जाएगी. ट्यूबरक्लॉसिस- TB पर अंकुश लगाने को उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब इसके मरीजों की समुचित देखभाल के लिए फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. विभाग का मानना है कि यह टीबी को हराने में सशक्त भूमिका अदा कर सकता है. पारिवारिक देखभालकर्ता अक्सर रोगी की देखभाल सुनिश्चित करने वाले प्राथमिक प्रदाता होते हैं और उनकी भागीदारी टीबी से पीड़ित व्यक्ति के उपचार परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है.

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि Chief Minister Yogi Adityanath की मंशा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को टीबी मुक्त बनाने के विजन को मिशन के रूप में अपनाकर प्रदेश में काम किया जा रहा है. उन्हें टीबी रोगी के साथ अस्पताल जाने के लिए कहा जाएगा और इस दौरान रोगी की देखभाल के प्रमुख पहलुओं, उपचार और उसके अनुपालन पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इससे उपचार के नियमों के पालन सहित स्वस्थ व्यवहार अपनाने के लिए टीबी रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. परिवार के सदस्यों और समुदाय में टीबी पर जानकारी और जागरुकता बढ़ेगी. इसके अलावा बेहतर सहयोग प्रदान करने के लिए समुदाय की क्षमता में वृद्धि होगी.

  • Prime Minister #NarendraModi said that #India will eradicate Tuberculosis (TB) before global deadline of 2030 through people's participation.

    "We have urged people of country to be Ni-kshay Mitra or Friends for Eradication of TB. Under this, nearly 1 million patients have been… pic.twitter.com/aeF7PiozkP

    — IANS (@ians_india) August 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

DG Health Dr Deepa Tyagi ने बताया कि "गाइडेंस डॉक्यूमेंट ऑन इंगेजिंग फैमिली केयरगिवर्स फॉर सपोर्टिंग पर्सन्स विद ट्यूबरक्लोसिस” के अनुसार कई अध्ययनों से पता चला है कि पारिवारिक देखभाल से रोगी और देखभाल करने वाले के सम्बन्ध बेहतर होते हैं और देखभालकर्ता का आत्मविश्वास बढ़ता है. देखभाल करने वाले कठिन परिस्थितियों को संभालना सीखते हैं, इससे उनमें संतुष्टि का भाव आता है और इसका सीधा प्रभाव रोगी के स्वास्थ्य परिणाम पर पड़ता है.'

Family Caregiver Program समग्र देखभाल और सहायता सुनिश्चित करेगा
फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम का उद्देश्य प्राथमिक देखभालकर्ताओं के रूप में परिवार के सदस्यों की भूमिका को मजबूत करना, देखभाल, रोकथाम के विभिन्न पहलुओं में उनकी क्षमताओं का निर्माण करना और रोगियों के सफल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए परिवारों को आवश्यकता-आधारित सहायता प्रदान करना है. यह टीबी मरीज के लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है. यह जटिलताओं के शुरुआती लक्षणों की पहचान करके उन्हें रोकने और बीमारी के दौरान समय पर रेफरल द्वारा रोगी और उनके परिवार के सदस्यों को व्यापक और समग्र देखभाल और सहायता सुनिश्चित करेगा. इसके अलावा इससे इलाज, उचित पोषण सुनिश्चित करने और उपचार के मानकों का पालन करने में मदद मिलेगी जिससे टीबी से पीड़ित व्यक्तियों के समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार होगा.

मरीज का रिश्तेदार होना जरूरी नहीं
इसके अलावा इससे टीबी से जुड़े भेदभाव और मिथकों को कम करने, टीबी रोगियों के लिए सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी और टीबी देखभाल में समानता भी सुनिश्चित होगी. कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 14 वर्ष से अधिक हो एवं लिखना-पढ़ना जानता हो. जो अधिकतर समय मरीज के साथ रहता हो. जो रोगी की देखभाल की जिम्मेदारी लेने को तैयार हो और परिवार की देखभाल करने वाला बनने के लिए सहमत हो. देखभाल करने वाले का मरीज का रिश्तेदार होना जरूरी नहीं है.

ये भी पढ़ें

डेंगू से बचना है तो मच्छरों से रहें सावधान . न करें इन लक्षणों को नजरअंदाज, ये हैं बचाव के तरीके

पारिवारिक देखभालकर्ता का चयन केवल मरीज द्वारा किया जाएगा. देखभाल के नियम और जिम्मेदारियां सीएचओ/ टीबी चैम्पियन के निर्देशानुसार टीबी रोगियों की देखभाल एवं उनके द्वारा अनुभव किये गए साइड इफेक्ट की निगरानी करना. उपचार प्राप्त करने के लिए टीबी रोगियों को प्रोत्साहित करना. प्रगति रजिस्टर में उपचार पालन को अंकित करना. परिवार के अन्य सदस्यों में टीबी के लक्षणों की नियमित निगरानी करना. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या अन्य स्वास्थ्य इकाइयों में रोगियों को नियमित फॉलोअप व जांच के लिए भेजना. रोगियों को पोषण सम्बन्धी सहायता के साथ आहार निगरानी प्रदान करना.

(आईएएनएस)

लखनऊ : टीबी मरीज की उचित देखभाल और सहयोग प्रदान करने में परिवार के सदस्य अहम भूमिका निभा सकते हैं. टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों या रोगी के करीबी लोगों में से प्राथमिक देखभालकर्ता की पहचान करने और उन्हें प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है. इस पहल के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रत्येक टीबी रोगी के लिए परिवार से एक जिम्मेदार देखभालकर्ता की पहचान की जाएगी. ट्यूबरक्लॉसिस- TB पर अंकुश लगाने को उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब इसके मरीजों की समुचित देखभाल के लिए फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. विभाग का मानना है कि यह टीबी को हराने में सशक्त भूमिका अदा कर सकता है. पारिवारिक देखभालकर्ता अक्सर रोगी की देखभाल सुनिश्चित करने वाले प्राथमिक प्रदाता होते हैं और उनकी भागीदारी टीबी से पीड़ित व्यक्ति के उपचार परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है.

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि Chief Minister Yogi Adityanath की मंशा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को टीबी मुक्त बनाने के विजन को मिशन के रूप में अपनाकर प्रदेश में काम किया जा रहा है. उन्हें टीबी रोगी के साथ अस्पताल जाने के लिए कहा जाएगा और इस दौरान रोगी की देखभाल के प्रमुख पहलुओं, उपचार और उसके अनुपालन पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इससे उपचार के नियमों के पालन सहित स्वस्थ व्यवहार अपनाने के लिए टीबी रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. परिवार के सदस्यों और समुदाय में टीबी पर जानकारी और जागरुकता बढ़ेगी. इसके अलावा बेहतर सहयोग प्रदान करने के लिए समुदाय की क्षमता में वृद्धि होगी.

  • Prime Minister #NarendraModi said that #India will eradicate Tuberculosis (TB) before global deadline of 2030 through people's participation.

    "We have urged people of country to be Ni-kshay Mitra or Friends for Eradication of TB. Under this, nearly 1 million patients have been… pic.twitter.com/aeF7PiozkP

    — IANS (@ians_india) August 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

DG Health Dr Deepa Tyagi ने बताया कि "गाइडेंस डॉक्यूमेंट ऑन इंगेजिंग फैमिली केयरगिवर्स फॉर सपोर्टिंग पर्सन्स विद ट्यूबरक्लोसिस” के अनुसार कई अध्ययनों से पता चला है कि पारिवारिक देखभाल से रोगी और देखभाल करने वाले के सम्बन्ध बेहतर होते हैं और देखभालकर्ता का आत्मविश्वास बढ़ता है. देखभाल करने वाले कठिन परिस्थितियों को संभालना सीखते हैं, इससे उनमें संतुष्टि का भाव आता है और इसका सीधा प्रभाव रोगी के स्वास्थ्य परिणाम पर पड़ता है.'

Family Caregiver Program समग्र देखभाल और सहायता सुनिश्चित करेगा
फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम का उद्देश्य प्राथमिक देखभालकर्ताओं के रूप में परिवार के सदस्यों की भूमिका को मजबूत करना, देखभाल, रोकथाम के विभिन्न पहलुओं में उनकी क्षमताओं का निर्माण करना और रोगियों के सफल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए परिवारों को आवश्यकता-आधारित सहायता प्रदान करना है. यह टीबी मरीज के लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है. यह जटिलताओं के शुरुआती लक्षणों की पहचान करके उन्हें रोकने और बीमारी के दौरान समय पर रेफरल द्वारा रोगी और उनके परिवार के सदस्यों को व्यापक और समग्र देखभाल और सहायता सुनिश्चित करेगा. इसके अलावा इससे इलाज, उचित पोषण सुनिश्चित करने और उपचार के मानकों का पालन करने में मदद मिलेगी जिससे टीबी से पीड़ित व्यक्तियों के समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार होगा.

मरीज का रिश्तेदार होना जरूरी नहीं
इसके अलावा इससे टीबी से जुड़े भेदभाव और मिथकों को कम करने, टीबी रोगियों के लिए सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी और टीबी देखभाल में समानता भी सुनिश्चित होगी. कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 14 वर्ष से अधिक हो एवं लिखना-पढ़ना जानता हो. जो अधिकतर समय मरीज के साथ रहता हो. जो रोगी की देखभाल की जिम्मेदारी लेने को तैयार हो और परिवार की देखभाल करने वाला बनने के लिए सहमत हो. देखभाल करने वाले का मरीज का रिश्तेदार होना जरूरी नहीं है.

ये भी पढ़ें

डेंगू से बचना है तो मच्छरों से रहें सावधान . न करें इन लक्षणों को नजरअंदाज, ये हैं बचाव के तरीके

पारिवारिक देखभालकर्ता का चयन केवल मरीज द्वारा किया जाएगा. देखभाल के नियम और जिम्मेदारियां सीएचओ/ टीबी चैम्पियन के निर्देशानुसार टीबी रोगियों की देखभाल एवं उनके द्वारा अनुभव किये गए साइड इफेक्ट की निगरानी करना. उपचार प्राप्त करने के लिए टीबी रोगियों को प्रोत्साहित करना. प्रगति रजिस्टर में उपचार पालन को अंकित करना. परिवार के अन्य सदस्यों में टीबी के लक्षणों की नियमित निगरानी करना. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या अन्य स्वास्थ्य इकाइयों में रोगियों को नियमित फॉलोअप व जांच के लिए भेजना. रोगियों को पोषण सम्बन्धी सहायता के साथ आहार निगरानी प्रदान करना.

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.