न्यूयॉर्क: एक भारतीय मूल के शोधकर्ता से जुड़े एक नए अमेरिकी अध्ययन में पाया गया है कि ई-सिगरेट एरोसोल (E cigarette aerosols) के संपर्क में आने से दिल की बीमारी पैदा कर सकती है. नेचर कम्युनिकेशंस (Nature Communications) में प्रकाशित क्रिस्टीना ली ब्राउन एनवायरोम इंस्टीट्यूट (Christina Lee Brown Envirome Institute) में लुइसविले विश्वविद्यालय (University of Louisville research) के शोधकर्ताओं के अध्ययन से पता चलता है कि ई-सिगरेट तरल पदार्थ (E liquids) के भीतर विशिष्ट रसायनों के संपर्क में एरिथमिया और कार्डियक इलेक्ट्रिकल डिसफंक्शन (Arrhythmias and cardiac electrical dysfunction) को बढ़ावा मिलता है.
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले सहायक प्रोफेसर एलेक्स कार्ल (professor Alex Karl) ने कहा, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि ई-सिगरेट के अल्पकालिक संपर्क E liquids पदार्थो के भीतर विशिष्ट रसायनों के माध्यम से हृदय ताल को अस्थिर कर सकते हैं." इन निष्कर्षो से पता चलता है कि E liquids के उपयोग में कुछ फ्लेवर या सॉल्वेंट शामिल हैं, जो हृदय की विद्युत चालन को बाधित कर सकते हैं और अतालता को भड़का सकते हैं और E सिगरेट हो सकता है खतरनाक .
Alex Karl ने कहा, "ये प्रभाव एट्रियल या वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन और अचानक Cardiac arrest (हृदय गति रुकने) के जोखिम को बढ़ा सकते हैं." शोधकर्ताओं ने ई-सिगरेट पदार्थ (निकोटीन मुक्त प्रोपलीन ग्लाइकोल और वेजिटेबल ग्लिसरीन) में मुख्य दो अवयवों से या निकोटीन युक्त स्वाद वाले खुदरा ई-तरल पदार्थो से पूरी तरह से ई-सिगरेट एरोसोल के हृदय संबंधी प्रभावों का परीक्षण किया. उन्होंने पाया कि सभी ई-सिगरेट एरोसोल के लिए, जानवरों की हृदय गति पफ एक्सपोजर के दौरान धीमी हो गई और बाद में तेज हो गई क्योंकि हृदय गति परिवर्तनशीलता में गिरावट आई, जो फाइट-या-फ्लाइट तनाव प्रतिक्रियाओं का संकेत देती है.
इसके अलावा, मेन्थॉल-स्वाद वाले ई-तरल या अकेले प्रोपलीन ग्लाइकोल से ई-सिगरेट पफ्स के कारण वेंट्रिकुलर अतालता और हृदय में अन्य चालन अनियमितताएं होती हैं. ई-सिगरेट सामान्य सिगरेट के बराबर स्तर पर एल्डिहाइड, पार्टिकल्स और निकोटीन वितरित कर सकता है. --आईएएनएस
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