चिकित्सक तथा जानकार सभी इस बात की पुरजोर वकालत करते हैं नियमित व्यायाम हमारे शरीर के कई प्रकार के दर्द में आराम दिलाकर हड्डियों और मांसपेशियों का स्वास्थ्य बेहतर करते हैं, बशर्ते उन्हे सही तरह से किया जाय. कई बार ज्यादा उम्र या रोग के कारण किसी विशेष अंग में दर्द होने की अवस्था में भी लोग बगैर चिकित्सक या विशेषज्ञ का परामर्श लिए व्यायाम जारी रखते हैं जो दर्द और समस्या, दोनों को बढ़ा सकता है. विशेषतौर पर पैरों में दर्द की बात करें तों फिजियोथेपिस्ट कुछ विशेष सावधानियों को बरतने और कुछ खास व्यायाम से कुछ समय के लिए परहेज की बात करते हैं.
इंदौर में संकल्प फिजियोथेरेपी क्लिनिक की फिजियोंथेरेपिस्ट डॉ. श्वेता भटनागर बताती हैं पैरों में दर्द होने की अवस्था में सबसे पहले जरूरी होता है उसके कारणों को जानना. उसके आधार पर पीड़ित की उम्र के अनुसार ही उन्हे थेरेपी सेशन या व्यायाम कराए जाते हैं. जिसके दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि कहीं पीड़ित को किसी विशेष कारण से या किसी विशेष अवस्था (पोशचर ) या क्रिया में दर्द बढ़ तो नही रहा है. लेकिन कई बार लोग समस्या या कारणों को नजरअंदाज करते हुए दर्द ज्यादा होने पर भी अनजाने में ऐसे व्यायाम करते हैं जो उनकी समस्या को कम करने की बजाय बढ़ा देते हैं.
फिटनेस एक्सपर्ट मीनू वर्मा बताती हैं कि पैरों में दर्द की स्तिथि में व्यायाम करते समय ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। क्योंकि पैरों में ज्यादा दर्द की स्तिथि में ऐसे व्यायाम करने से जो पैरों पर ज्यादा दबाव डालते हैं , दर्द काफी ज्यादा बढ़ सकता है. वह बताती हैं कि यदि पैर दर्द के लिए किसी प्रकार का इलाज चल रहा हो या कोई गंभीर समस्या हो तो चिकित्सक के निर्देशों अनुसार ही व्यायाम करना चाहिए. विशेषतौर पर ज्यादा उम्र या कई बार गंभीर अर्थ्राइटीस जैसी समस्या के कारण पैरों में दर्द होने पर लोगों को हल्का व्यायाम करने या बिल्कुल भी व्यायाम न करने की सलाह दी जाती है. लेकिन सामान्य स्तिथि में भी यदि दर्द ज्यादा हो कुछ विशेष प्रकार के व्यायाम करने से बचना चाहिए, जो इस प्रकार हैं.
टो टच क्रॉसओवर (Toe touch crossover)
टो टच क्रॉसओवर पीठ, पैरों और हाथों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. लेकिन सिर्फ पैरों ही नही यदि पीठ में भी दर्द तो तो इस व्यायाम को नही करना चाहिए, क्योंकि व्यायाम के दौरान यदि पीठ, कमर या पैर पर ज्यादा या गलत स्थान पर दबाव बढ़ता है दर्द या समस्या ज्यादा बढ़ सकती है. गौरतलब है इस व्यायाम में आगे की तरफ झुक कर विपरीत भुजा से पैरों के अंगूठे को छूना होता है.
क्रंचेस (Crunches)
सम्पूर्ण शरीर विशेषकर हाथों और पीठ के लिए क्रंचेस को काफी लाभकारी माना जाता है. लेकिन पैर में ज्यादा दर्द होने पर इस प्रकार के व्यायाम से बचना ज्यादा बेहतर होता है, क्योंकि क्रंचेस करने से कमर के निचले हिस्से और पैरों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। दर्द की मौजूदगी में यह व्यायाम करने पर कई बार समस्या ज्यादा बढ़ जाने की आशंका हो सकती है.
स्क्वाट्स (Squats)
बार बैक स्क्वाट्स हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाता है. लेकिन इसे करने से पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों, घुटनों और पैरों पर ज्यादा दबाव पड़ता है. जो पहले से दर्द होने की स्तिथि में उसे ज्यादा बढ़ा सकता है। पैरों के अलावा यदि कमर के निचले हिस्से में दर्द हो तो इस व्यायाम को नहीं करना चाहिए.
डबल लेग लिफ्ट (Double Leg Lift)
पैरों में दर्द होने तथा पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत वाले लोगों को इस व्यायाम को बिना विशेषज्ञ की सलाह नहीं करना चाहिए. क्योंकि यह कमर के निचले हिस्से और पैरों की मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव बढ़ा सकता है।