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Risk of Retinopathy : डायबिटीज रोगियों को हो सकता है रेटिनोपैथी का खतरा, शोध में हुआ खुलासा

थोड़ी सी लापरवाही डायबिटीज मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है. नये शोध के अनुसार डायबिटीज रोगियों को कई परिस्थितियों में रेटिनोपैथी का खतरा संभव है. पढ़ें पूरी खबर..

रेटिनोपैथी का खतरा
Risk of Retinopathy
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 9:27 PM IST

न्यूयॉर्क : एक शोध से यह सामने आया है कि मधुमेह में स्वास्थ्य संबंधित स्थितियाें के सा‍थ रेटिना पर कोलेस्ट्रॉल जमा हो सकता है. इसमें मरीज की दृष्टि प्रभावित हो सकती है, जिसे रेटिनोपैथी कहा जाता हैै. डायबिटिक रेटिनोपैथी मधुमेह की एक गंभीर दृष्टि-घातक जटिलता है, जिससेे दृष्टि हानि के साथ अंधापन भी आ सकता है. अमेरिका में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक टीम के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चला है कि जमा हुआ कोलेस्ट्रॉल रेटिना की छवियों में देखा जा सकता हैं. गैर-इनवेसिव रेटिना का मूल्यांकन अधिकांश ऑप्टोमेट्रिस्ट द्वारा किया जा सकता है, जिससे अधिक लोगों के लिए निदान का अवसर पैदा होता है.

फिजियोलॉजी के एमएसयू प्रोफेसर एमेरिटस जूलिया बुसिक ने कहा, 'रेटिनोपैथी अंधेपन का प्रमुख कारण है और यह टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह की सबसे खतरनाक जटिलताओं में से एक है.' 'मधुमेह विकसित होने के 20 वर्षों के भीतर टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह वाले प्रत्येक व्यक्ति में कुछ हद तक रेटिनोपैथी होगी. वर्तमान में यह बहुत आक्रामक है. रेटिनोपैथी का अंतिम चरण पर ही पता चल पाता है'

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि ये कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल एथेरोस्क्लोरोटिक प्लाक में पाए जाने वाले क्रिस्टल की तरह होते हैं जो धमनियों में बन सकते हैं और दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं. एमएसयू डिवीजन ऑफ कार्डियोलॉजी के प्रमुख जॉर्ज अबेला ने टीम को स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के लिए रेटिना टिशू तैयार करके रेटिना को स्कैन करने के तरीकों की पहचान करने में मदद की. इससे शोधकर्ताओं को क्रिस्टल की संरचना का विश्लेषण करने में भी मदद मिलती है, जो आमतौर पर तब होता है जब एक ही स्थान पर बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल होता है.

एमएसयू में सेलुलर और एकीकृत फिजियोलॉजी कार्यक्रम में डॉक्टरेट उम्मीदवार और पेपर के पहले लेखक टिम डोरवेइलर ने कहा, 'हम सक्रिय रूप से इस बात पर काम कर रहे हैं कि रेटिना में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है.'

'मस्तिष्क की तरह ही रेटिना भी एक बहुत अलग अंग है, और दोनों में एक रक्त अवरोध होता है जो उन्हें शरीर के बाकी हिस्सों से अलग करता है। यही कारण है कि रेटिना का अध्ययन करना कठिन और बेहद जटिल हो जाता है.' ऐसी भी उम्मीद है कि कोलेस्ट्रॉल से बनने वाले क्रिस्टल को संबोधित करने के लिए नए उपचार डायबिटिक रेटिनोपैथी के मौजूदा विकल्पों की तुलना में कम आक्रामक हो सकते हैं.
(आईएएनएस)

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न्यूयॉर्क : एक शोध से यह सामने आया है कि मधुमेह में स्वास्थ्य संबंधित स्थितियाें के सा‍थ रेटिना पर कोलेस्ट्रॉल जमा हो सकता है. इसमें मरीज की दृष्टि प्रभावित हो सकती है, जिसे रेटिनोपैथी कहा जाता हैै. डायबिटिक रेटिनोपैथी मधुमेह की एक गंभीर दृष्टि-घातक जटिलता है, जिससेे दृष्टि हानि के साथ अंधापन भी आ सकता है. अमेरिका में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक टीम के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चला है कि जमा हुआ कोलेस्ट्रॉल रेटिना की छवियों में देखा जा सकता हैं. गैर-इनवेसिव रेटिना का मूल्यांकन अधिकांश ऑप्टोमेट्रिस्ट द्वारा किया जा सकता है, जिससे अधिक लोगों के लिए निदान का अवसर पैदा होता है.

फिजियोलॉजी के एमएसयू प्रोफेसर एमेरिटस जूलिया बुसिक ने कहा, 'रेटिनोपैथी अंधेपन का प्रमुख कारण है और यह टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह की सबसे खतरनाक जटिलताओं में से एक है.' 'मधुमेह विकसित होने के 20 वर्षों के भीतर टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह वाले प्रत्येक व्यक्ति में कुछ हद तक रेटिनोपैथी होगी. वर्तमान में यह बहुत आक्रामक है. रेटिनोपैथी का अंतिम चरण पर ही पता चल पाता है'

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि ये कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल एथेरोस्क्लोरोटिक प्लाक में पाए जाने वाले क्रिस्टल की तरह होते हैं जो धमनियों में बन सकते हैं और दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं. एमएसयू डिवीजन ऑफ कार्डियोलॉजी के प्रमुख जॉर्ज अबेला ने टीम को स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के लिए रेटिना टिशू तैयार करके रेटिना को स्कैन करने के तरीकों की पहचान करने में मदद की. इससे शोधकर्ताओं को क्रिस्टल की संरचना का विश्लेषण करने में भी मदद मिलती है, जो आमतौर पर तब होता है जब एक ही स्थान पर बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल होता है.

एमएसयू में सेलुलर और एकीकृत फिजियोलॉजी कार्यक्रम में डॉक्टरेट उम्मीदवार और पेपर के पहले लेखक टिम डोरवेइलर ने कहा, 'हम सक्रिय रूप से इस बात पर काम कर रहे हैं कि रेटिना में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है.'

'मस्तिष्क की तरह ही रेटिना भी एक बहुत अलग अंग है, और दोनों में एक रक्त अवरोध होता है जो उन्हें शरीर के बाकी हिस्सों से अलग करता है। यही कारण है कि रेटिना का अध्ययन करना कठिन और बेहद जटिल हो जाता है.' ऐसी भी उम्मीद है कि कोलेस्ट्रॉल से बनने वाले क्रिस्टल को संबोधित करने के लिए नए उपचार डायबिटिक रेटिनोपैथी के मौजूदा विकल्पों की तुलना में कम आक्रामक हो सकते हैं.
(आईएएनएस)

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