ETV Bharat / sukhibhava

विटामिन-डी की कमी से हो सकती हैं ये समस्याएं

हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के विटामिन की जरूरत होती है. खासकर विटामिन-डी की, क्योंकि इसकी कमी से इंसान को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. आइये जानते है इसकी कमी से होने वाली समस्या और उसके उपायों के बारे में.

benefits of Vitamin-D
विटामिन-डी के फायदे
author img

By

Published : Jun 25, 2020, 12:44 PM IST

Updated : Jun 25, 2020, 4:58 PM IST

विटामिन-डी शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक है, जो इंसान को स्वस्थ रखता है. इसकी कमी हमारे शरीर के कई भागों और कार्यों को प्रभावित कर सकती है. विटामिन-डी का सबसे अधिक श्रोत सूरज की किरणों से मिलता है, इसे 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है. इसलिए ज्यादा देर तक कमरे के अंदर रहना और पूरे दिन सूरज को न देखना आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं होता. विटामिन-डी का निम्न स्तर आपको प्रभावित कर सकता है. यहां कुछ तरीके बताए गए हैं, जिससे आप अपने विटामिन-डी की कमी को पूरा कर सकते है.

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता: विटामिन-डी का मुख्य काम है रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना. यह स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण और जीवाणु से होने वाली बिमारियों से लड़ने में मदद करता है. बार-बार सर्दी और खांसी से कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) की निशानी है. खासकर कोरोना महामारी के दौरान ये बहुत जरूरी है कि आप अपने प्रतिरोधक स्तर को बनाएं रखें, जिससे आप बिमारियों से लड़ सके.

2. स्वस्थ हड्डी: विटामिन-डी की कमी से हड्डियों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. हड्डियां हमारे शरीर का अंदरूनी हिस्सा है और ये हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में सुधार करता है. इसके स्तर में कमी होने से कैल्शियम स्तर में भी गिरावट हो सकती है और इससे हड्डियों के टूटने और गठिया का खतरा बढ़ जाता है.

3. डिप्रेशन या अवसाद: डिप्रेशन या अवसाद अब आम समस्या बन गई है, खासकर आज के युवाओं में. हालांकि, अवसाद शरीर में विटामिन-डी की कमी से जुड़ा है. वहीं शोध से पता चला है कि विटामिन-डी की खुराक इंसान के मूड में सुधार करती है. सनशाइन विटामिन इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि बाकी दिनों की तुलना में गर्मी के दिनों में लोग ज्यादा खुश नजर आते है.

4. स्वस्थ मांसपेशियां: हड्डियों के अलावा विटामिन-डी का स्तर मांसपेशियों को भी प्रभावित करता है. इसकी कमी से बच्चों और बुजुर्गों की मांसपेशियों में दर्द हो सकता है. यह विटामिन-डी रिसेप्टर के कारण हो सकता है, जो तंत्रिका कोशिकाओं(नर्व सेल्स) में मौजूद होता है और जिसकी वजह से दर्द हो सकता हैं.

5. थकान: विटामिन-डी की कमी से थकान और थकावट हो सकती है. कुछ शोध में पाया गया है कि दोनों एक दूसरें से जुड़े है. इसलिए इसकी जांच करवाएं और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए खुराक लें.

इसके अलावा विटामिन-डी के अन्य कई लाभ है. अगर आपको अपने घर से निकलने में परेशानी हो रही है, तो 7-11 बजे के बीच कुछ समय के लिए अपनी बालकनी या छत पर बैठना मददगार हो सकता है यह विटामिन-डी की कमी को पूरा कर सकता है. सुबह 11 से लेकर शाम 5 बजे तक अगर जरूरी न हो तो घर से न निकले, अगर निकले भी तो चेहरे पर मास्क लगा कर निकले, सूरज की तेज किरणें हानिकारक हो सकती है. सही समय पर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहने और विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने को आपकी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.

विटामिन-डी शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक है, जो इंसान को स्वस्थ रखता है. इसकी कमी हमारे शरीर के कई भागों और कार्यों को प्रभावित कर सकती है. विटामिन-डी का सबसे अधिक श्रोत सूरज की किरणों से मिलता है, इसे 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है. इसलिए ज्यादा देर तक कमरे के अंदर रहना और पूरे दिन सूरज को न देखना आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं होता. विटामिन-डी का निम्न स्तर आपको प्रभावित कर सकता है. यहां कुछ तरीके बताए गए हैं, जिससे आप अपने विटामिन-डी की कमी को पूरा कर सकते है.

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता: विटामिन-डी का मुख्य काम है रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना. यह स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण और जीवाणु से होने वाली बिमारियों से लड़ने में मदद करता है. बार-बार सर्दी और खांसी से कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) की निशानी है. खासकर कोरोना महामारी के दौरान ये बहुत जरूरी है कि आप अपने प्रतिरोधक स्तर को बनाएं रखें, जिससे आप बिमारियों से लड़ सके.

2. स्वस्थ हड्डी: विटामिन-डी की कमी से हड्डियों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. हड्डियां हमारे शरीर का अंदरूनी हिस्सा है और ये हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में सुधार करता है. इसके स्तर में कमी होने से कैल्शियम स्तर में भी गिरावट हो सकती है और इससे हड्डियों के टूटने और गठिया का खतरा बढ़ जाता है.

3. डिप्रेशन या अवसाद: डिप्रेशन या अवसाद अब आम समस्या बन गई है, खासकर आज के युवाओं में. हालांकि, अवसाद शरीर में विटामिन-डी की कमी से जुड़ा है. वहीं शोध से पता चला है कि विटामिन-डी की खुराक इंसान के मूड में सुधार करती है. सनशाइन विटामिन इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि बाकी दिनों की तुलना में गर्मी के दिनों में लोग ज्यादा खुश नजर आते है.

4. स्वस्थ मांसपेशियां: हड्डियों के अलावा विटामिन-डी का स्तर मांसपेशियों को भी प्रभावित करता है. इसकी कमी से बच्चों और बुजुर्गों की मांसपेशियों में दर्द हो सकता है. यह विटामिन-डी रिसेप्टर के कारण हो सकता है, जो तंत्रिका कोशिकाओं(नर्व सेल्स) में मौजूद होता है और जिसकी वजह से दर्द हो सकता हैं.

5. थकान: विटामिन-डी की कमी से थकान और थकावट हो सकती है. कुछ शोध में पाया गया है कि दोनों एक दूसरें से जुड़े है. इसलिए इसकी जांच करवाएं और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए खुराक लें.

इसके अलावा विटामिन-डी के अन्य कई लाभ है. अगर आपको अपने घर से निकलने में परेशानी हो रही है, तो 7-11 बजे के बीच कुछ समय के लिए अपनी बालकनी या छत पर बैठना मददगार हो सकता है यह विटामिन-डी की कमी को पूरा कर सकता है. सुबह 11 से लेकर शाम 5 बजे तक अगर जरूरी न हो तो घर से न निकले, अगर निकले भी तो चेहरे पर मास्क लगा कर निकले, सूरज की तेज किरणें हानिकारक हो सकती है. सही समय पर सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहने और विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने को आपकी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.

Last Updated : Jun 25, 2020, 4:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.