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कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के दुष्प्रभाव को लेकर विशेषज्ञ एकमत नहीं, लॉन्ग कोविड से हो सकती है परेशानी - दूसरी डोज से नुकसान

Survey के अनुसार 62% नागरिकों ने कहा कि उनके नेटवर्क में ऐसी स्थिति विकसित हुई है, जिन्हें डबल टीका लगाया गया था, 11% ने कहा कि प्रभावित लोगों को सिंगल डोज का टीका लगाया गया था. Covid side effect . vaccine side effects . cardiac arrest . vaccine side effects . heart attack risk increasing after vaccination . covid19 vaccine second dose side effect .

infectious disease spreading because poor health services covid 19 side effect weak immunity causes covid19 vaccine second dose side effect
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Published : Dec 21, 2022, 3:18 PM IST

नई दिल्ली : कई स्टडीज में युवाओं को दूसरी डोज मिलने के बाद दिल की बीमारी से पीड़ित होने की बात कही गई हैं, लेकिन टॉप डॉक्टर्स का कहना है कि यह साबित करने के लिए कोई बड़ा अध्ययन नहीं है. American College of Cardiology के जर्नल ने खुलासा किया है कि कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद ( Myocarditis, pericarditis, or myopericarditis ) मायोकार्डिटिस, पेरिकार्डिटिस या मायोपेरिकार्डिटिस का खतरा अधिक है.

American College of Cardiology की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दूसरी डोज से हृदय की मांसपेशियों में सूजन और हृदय के आवरण से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.अन्य स्टडीज ने भी इन घटनाओं को लगभग 3 से 5 प्रति हजार जनसंख्या पर रिपोर्ट किया है, जो इसे एक दुर्लभ घटना बनाते हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन मामलों का समय पर इलाज किया गया है, जिसके चलते मौत का मामला अभी तक सामने नहीं आया है, हालांकि इनमें से अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी है.

infectious disease spreading because poor health services covid 19 side effect weak immunity causes covid19 vaccine second dose side effect
सांकेतिक फोटो

माहिम के एसएल रहेजा अस्पताल के सलाहकार और क्रिटिकल केयर प्रमुख डॉ. संजीत ससीधरन (Dr Sanjith Sasidharan , consultant and head of critical care , SL Raheja Hospital in Mahim) ने आईएएनएस को बताया, दूसरे शब्दों में, ये मामले अपेक्षाकृत अलग है, और उनमें से अधिकांश मरीज साधारण इलाज के साथ ठीक हो गए. क्या इस स्थिति के लिए लॉन्ग टर्म प्रभाव हैं या नहीं, यह तो समय ही बताएगा.

infectious disease spreading because poor health services covid 19 side effect weak immunity causes covid19 vaccine second dose side effect
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Dr Sanjith Sasidharan , consultant and head of critical care , SL Raheja Hospital in Mahim ने कहा, यह जटिलता युवा व्यक्तियों में अधिक देखी जाती है, शायद इसलिए कि उनके पास अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, जो कभी-कभी विकृत जलन का कारण बन सकती है. स्वस्थ, युवा और मध्यम आयु वर्ग के भारतीयों में दिल के दौरे और स्ट्रोक के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. पिछले सप्ताह एक नए सर्वे से पता चला कि इस नए स्वास्थ्य आपातकाल से गैर-टीकाकृत और टीकाकृत दोनों लोग प्रभावित हुए हैं.

जिन्हें डबल टीका लगाया गया वो...
लगभग 51 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि उनके करीबी नेटवर्क में एक या एक से अधिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में दिल या मस्तिष्क के स्ट्रोक, रक्त के थक्के, तंत्रिका संबंधी जटिलताओं, कैंसर, या अन्य अचानक चिकित्सा स्थितियों का अनुभव किया है. social community platform LocalCircles survey के अनुसार, 62 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि उनके नेटवर्क में ऐसी स्थिति विकसित हुई है, जिन्हें डबल टीका लगाया गया था, 11 प्रतिशत ने कहा कि प्रभावित लोगों को सिंगल डोज का टीका लगाया गया था, जबकि 8 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें टीका नहीं लगाया गया.

हार्ट अटैक में अप्रत्याशित बढ़ोतरी
हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट अटैक से अप्रत्याशित रूप से मरने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जो चिंता का विषय है. मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी के निदेशक और प्रमुख डॉ. संजीव गेरा ( Dr. Sanjeev Gera, Director and Head of Cardiology, Max Super Specialty Hospital ) के अनुसार, कोविड या लॉन्ग कोविड दिल की धमनियों को लगातार प्रभावित कर बड़ी परेशानी पैदा कर सकता है.

Dr Sanjeev Gera , Director and Head of Cardiology , Max Super Specialty Hospital ने आईएएनएस को बताया, यह साइलेंट ब्लॉकेज को तोड़ सकता है और दिल के दौरे का कारण बन सकता है, विशेष रूप से भारी वजन उठाने या ट्रेडमिल पर चलने जैसे व्यायाम के बाद और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान या मोटापा जैसे दिल से संबंधित बीमारियों के जोखिमों को बढ़ाता है. Dr Sanjit Sashidharan ने कहा कि फिलहाल, कोई महत्वपूर्ण सबूत मौजूद नहीं है कि इस स्थिति का कोई प्रतिकूल परिणाम हो सकता है, क्योंकि benefits of the vaccine , जोखिम से बहुत अधिक हैं.--आईएएनएस

ओमिक्रॉन के नये सब वैरिएंट BF7 ने चीन को लॉकडाउन के लिए किया मजबूर

नई दिल्ली : कई स्टडीज में युवाओं को दूसरी डोज मिलने के बाद दिल की बीमारी से पीड़ित होने की बात कही गई हैं, लेकिन टॉप डॉक्टर्स का कहना है कि यह साबित करने के लिए कोई बड़ा अध्ययन नहीं है. American College of Cardiology के जर्नल ने खुलासा किया है कि कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद ( Myocarditis, pericarditis, or myopericarditis ) मायोकार्डिटिस, पेरिकार्डिटिस या मायोपेरिकार्डिटिस का खतरा अधिक है.

American College of Cardiology की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दूसरी डोज से हृदय की मांसपेशियों में सूजन और हृदय के आवरण से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.अन्य स्टडीज ने भी इन घटनाओं को लगभग 3 से 5 प्रति हजार जनसंख्या पर रिपोर्ट किया है, जो इसे एक दुर्लभ घटना बनाते हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन मामलों का समय पर इलाज किया गया है, जिसके चलते मौत का मामला अभी तक सामने नहीं आया है, हालांकि इनमें से अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी है.

infectious disease spreading because poor health services covid 19 side effect weak immunity causes covid19 vaccine second dose side effect
सांकेतिक फोटो

माहिम के एसएल रहेजा अस्पताल के सलाहकार और क्रिटिकल केयर प्रमुख डॉ. संजीत ससीधरन (Dr Sanjith Sasidharan , consultant and head of critical care , SL Raheja Hospital in Mahim) ने आईएएनएस को बताया, दूसरे शब्दों में, ये मामले अपेक्षाकृत अलग है, और उनमें से अधिकांश मरीज साधारण इलाज के साथ ठीक हो गए. क्या इस स्थिति के लिए लॉन्ग टर्म प्रभाव हैं या नहीं, यह तो समय ही बताएगा.

infectious disease spreading because poor health services covid 19 side effect weak immunity causes covid19 vaccine second dose side effect
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Dr Sanjith Sasidharan , consultant and head of critical care , SL Raheja Hospital in Mahim ने कहा, यह जटिलता युवा व्यक्तियों में अधिक देखी जाती है, शायद इसलिए कि उनके पास अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, जो कभी-कभी विकृत जलन का कारण बन सकती है. स्वस्थ, युवा और मध्यम आयु वर्ग के भारतीयों में दिल के दौरे और स्ट्रोक के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. पिछले सप्ताह एक नए सर्वे से पता चला कि इस नए स्वास्थ्य आपातकाल से गैर-टीकाकृत और टीकाकृत दोनों लोग प्रभावित हुए हैं.

जिन्हें डबल टीका लगाया गया वो...
लगभग 51 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि उनके करीबी नेटवर्क में एक या एक से अधिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में दिल या मस्तिष्क के स्ट्रोक, रक्त के थक्के, तंत्रिका संबंधी जटिलताओं, कैंसर, या अन्य अचानक चिकित्सा स्थितियों का अनुभव किया है. social community platform LocalCircles survey के अनुसार, 62 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि उनके नेटवर्क में ऐसी स्थिति विकसित हुई है, जिन्हें डबल टीका लगाया गया था, 11 प्रतिशत ने कहा कि प्रभावित लोगों को सिंगल डोज का टीका लगाया गया था, जबकि 8 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें टीका नहीं लगाया गया.

हार्ट अटैक में अप्रत्याशित बढ़ोतरी
हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट अटैक से अप्रत्याशित रूप से मरने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जो चिंता का विषय है. मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी के निदेशक और प्रमुख डॉ. संजीव गेरा ( Dr. Sanjeev Gera, Director and Head of Cardiology, Max Super Specialty Hospital ) के अनुसार, कोविड या लॉन्ग कोविड दिल की धमनियों को लगातार प्रभावित कर बड़ी परेशानी पैदा कर सकता है.

Dr Sanjeev Gera , Director and Head of Cardiology , Max Super Specialty Hospital ने आईएएनएस को बताया, यह साइलेंट ब्लॉकेज को तोड़ सकता है और दिल के दौरे का कारण बन सकता है, विशेष रूप से भारी वजन उठाने या ट्रेडमिल पर चलने जैसे व्यायाम के बाद और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान या मोटापा जैसे दिल से संबंधित बीमारियों के जोखिमों को बढ़ाता है. Dr Sanjit Sashidharan ने कहा कि फिलहाल, कोई महत्वपूर्ण सबूत मौजूद नहीं है कि इस स्थिति का कोई प्रतिकूल परिणाम हो सकता है, क्योंकि benefits of the vaccine , जोखिम से बहुत अधिक हैं.--आईएएनएस

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