नई दिल्ली : भारत के तीन राज्यों में लगभग 25 प्रतिशत कोविड पीड़ित मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित हैं- ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अधिक- यहां तक कि जब महामारी कम हुई, जिसके परिणामस्वरूप तीनों राज्यों में लिंग आधारित हिंसा अधिक हुई, एक अध्ययन से इसकी जानकारी हुई. लिंग आधारित हिंसा के मुद्दों और मानसिक स्वास्थ्य के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित किया गया, क्योंकि लगभग 77 प्रतिशत लिंग आधारित हिंसा प्रभावित व्यक्तियों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पाए गए. Covid 19 causes gender based violence . gender based violence . Mental problem .
प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन World Health Partners (WHP) के अनुसार, दिल्ली, गुजरात और झारखंड में किये गए अध्ययन में यह भी बताया गया है कि कोविड-19 रोगियों के परिवार के 16% सदस्यों ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की सूचना दी है. WHP की टेली-काउंसलिंग सेवा ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर काबू पाने में कोविड-19 रोगियों, उनके परिवार के सदस्यों और लिंग आधारित हिंसा से प्रभावित लोगों की मदद की.
प्राची शुक्ला, कंट्री डायरेक्टर- वल्र्ड हेल्थ पार्टनर्स (Prachi Shukla Country Director World Health Partners ) ने कहा, सस्ती और समय पर मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करके परियोजना से सीखकर कोविड-19 महामारी के मानसिक स्वास्थ्य प्रभाव पर प्रकाश डाला गया. मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि ने कम लागत वाली डिजिटल तकनीकों को लागू करने के लिए दरवाजे खोल दिए हैं जो मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण में सरकार के प्रयासों का समर्थन कर सकते हैं.
यह परियोजना जून 2021 से नवंबर 2022 तक तीन राज्यों के 26 जिलों में लागू की गई थी. मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए टीमें 500,000 से अधिक लोगों तक पहुंचीं. परियोजना अवधि के दौरान, WHP के टेली-हेल्थ प्लेटफॉर्म को मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए 70,000 से अधिक कॉल प्राप्त हुए. टेली-काउंसलिंग सत्रों को पूरा करने के बाद हल्के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों वाले लगभग 95% व्यक्तियों को सामान्य पाया गया.
सभी तीन राज्यों में शहरी सेटिंग्स में, 35-59 आयु वर्ग में पुरुषों और महिलाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का प्रसार 21.2 प्रतिशत अधिक था, जबकि ग्रामीण सेटिंग 13.2 प्रतिशत था. डॉ राजेश सागर, प्रोफेसर और प्रमुख-मनोचिकित्सा, एम्स (Dr Rajesh Sagar Professor and Head Psychiatry AIIMS) ने कहा- Tele mental health एक गेम चेंजर है, जब देश के कुछ हिस्सों में सेवाओं की पहुंच को आसान बनाने की बात आती है, जो महानगरों या tier 1 शहरों में लोगों के लिए उपलब्ध गुणवत्ता देखभाल तक पहुंच नहीं हो सकती है.
Dr Rajesh Sagar Professor and Head Psychiatry AIIMS ने कहा, देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और प्राथमिक देखभाल सेटिंग में प्रभावी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल वितरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि वंचित आबादी तक पहुंचा जा सके. 18 महीने की परियोजना को United States Agency for International Development (USAID) द्वारा समर्थित किया गया था. इसे Central Institute of Psychiatry (CIP) और Ranchi Institute of Neuropsychiatry and Allied Sciences (RINPAS) जैसे संस्थानों से तकनीकी सहायता से लागू किया गया था.---आईएएनएस
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