बीजिंग : कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) को लेकर एक बार फिर से ऐसी खबरें चर्चा में आने लगी हैं, जिसमें चीन को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है. एक शोधकर्ता ने इस बात का दावा किया है कि घातक सार्स कोव-2, यानी कोविड-19 के वायरस को चीन द्वारा वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की प्रयोगशाला में जानबूझकर "जैव हथियार" के रूप में तैयार किया गया था. यह जानकारी मीडिया की खबरों में एक बार फिर तहलका मचाने लगी हैं.
दुनियाभर में कोहराम मचाने वाली कोरोना जैसी घातक महामारी का असर धीरे-धीरे खत्म होने लगा है, लेकिन इस महामारी के पैदा होने व फैलने को लेकर तरह तरह के कयास व दावे किए जाते रहे हैं. बार-बार मीडिया की खबरों में इस बात का खुलासा किया जाता रहा है कि इस भयावह और रहस्यमय महामारी को फैलाने में चीन का अहम रोल रहा है. अक्सर ये कहा जाता रहा है कि चीन ने इसे बायो-वीपन के रूप में इस्तेमाल करके दुनियाभर में तबाही मचायी है.
-
You must spread this like mad.
— Inconvenient Truths by Jennifer Zeng 曾錚真言 (@jenniferzeng97) June 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
First-ever explosive admission from #ShaoChao (单超 ) #WIV (#WuhanInstituteofVirology) researcher, vice director of #Wuhan #P4Lab: I Was Given 4 Strains of #Coronavirus to Select the Most Infectious one in Feb 2019. They were artificial, engineered… pic.twitter.com/pNNPugwwli
">You must spread this like mad.
— Inconvenient Truths by Jennifer Zeng 曾錚真言 (@jenniferzeng97) June 27, 2023
First-ever explosive admission from #ShaoChao (单超 ) #WIV (#WuhanInstituteofVirology) researcher, vice director of #Wuhan #P4Lab: I Was Given 4 Strains of #Coronavirus to Select the Most Infectious one in Feb 2019. They were artificial, engineered… pic.twitter.com/pNNPugwwliYou must spread this like mad.
— Inconvenient Truths by Jennifer Zeng 曾錚真言 (@jenniferzeng97) June 27, 2023
First-ever explosive admission from #ShaoChao (单超 ) #WIV (#WuhanInstituteofVirology) researcher, vice director of #Wuhan #P4Lab: I Was Given 4 Strains of #Coronavirus to Select the Most Infectious one in Feb 2019. They were artificial, engineered… pic.twitter.com/pNNPugwwli
इसको लेकर दुनियाभर के कई संगठनों व शोधकर्ताओं ने चीन पर उंगलियां उठाते हुए कहा कि इस महामारी के प्रसार में चीन की भूमिका संदिग्ध रही है. इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी अपना एक दल चीन में कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाने भेजा था. मगर, चीन ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सारा दोष अमेरिका पर मढ़ दिया.
चीन के वायरोलॉजी के शोधकर्ता चाओ का नाम भी उछला
एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने बताया था कि कोविड को लेकर वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ता चाओ ने उनको ये जानकारी दी थी. इस बात को जेनिफर के ब्लॉग में उल्लेख भी किया गया है. उसमें यह भी बताया गया कि चाओ को 2019 में नानजिंग शहर में उनके वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कोरोनोवायरस के 4 स्ट्रेन्स दिए गए थे, ताकि वे अध्ययन करके ये बता सकें कि इनमें से कौन सबसे अधिक विषैला और संक्रामक स्ट्रेन्स कौन था.
-IANS के इनपुट के साथ