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श्वेतवस्त्र धारी योद्धा होते हैं डॉक्टर - doctors fight during pandemic

चीन आज तीसरा चीनी चिकित्सक दिवस मना रहा है. इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सभी चिकित्सकों को बधाई एवं संवेदना दी है. उन्होंने चिकित्सकों को श्वेत वस्त्र धारी योद्धा की उपाधि दी है. चिकित्सक महामारी के दौरान योद्धाओं की तरह इसके रोकथाम में लगातार लगे रहे.

Chinese physicians day
चीनी चिकित्सक दिवस
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Published : Aug 19, 2020, 2:29 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 9:46 AM IST

चिकित्सा एक पवित्र पेशा है. इस फील्ड में काम करने वाले डॉक्टर हमेशा खतरनाक स्थिति में लोगों की जिंदगी बचाते हैं और बारूद के बिना युद्ध के मैदान में अपना कर्तव्य निभाते हैं. हम डॉक्टरों को श्वेत वस्त्र धारी योद्धा पुकारते हैं. चीन ने 19 अगस्त 2018 से चिकित्सक दिवस निर्धारित किया. तीसरे चीनी चिकित्सक दिवस के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पूरे देश के व्यापक चिकित्सा संबंधी कर्मचारियों को हार्दिक बधाई और संवेदना दी है. शी चिनफिंग ने कहा कि व्यापक चिकित्सा संबंधी कर्मचारियों ने स्वास्थ्य कार्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कोविड-19 महामारी फैलने के बाद चीनी चिकित्साकर्मी साहस के साथ महामारी की रोकथाम में जुटे रहे. उन्होंने वायरस के साथ लड़ाई की और महामारी की रोकथाम में कठिन प्रयास किया. चीन सरकार और चीनी लोगों ने उनका उच्च मूल्यांकन किया.

जब महामारी फैलने लगी, तब न सिर्फ आम लोग इस वायरस से अंजान थे, बल्कि चिकित्सकों ने भी पहली बार इस वायरस का सामना किया. हालांकि वायरस का फैलाव नहीं पता था, उपचार की योजना तय नहीं हुई और दवा की कमी भी हुई, लेकिन चिकित्सक योद्धा की तरह महामारी की रोकथाम में शामिल हुए. चीन ने महामारी की रोकथाम में बड़ी प्रगति हासिल की, बल्कि अन्य देशों को अनुभव और समर्थन भी दिया.

लेकिन महामारी फैलने से अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के राजनीतिज्ञों ने क्रमश: चीन पर कालिख पोती. ब्रिटिश अखबार द लान्सेट के मुख्य संपादक रिचर्ड होर्टन ने हाल में कहा कि महामारी फैलने के बाद चीनी चिकित्सकों ने शीघ्र ही चेतावनी दी, फिर चीन सरकार ने दुनिया को सतर्क किया. लेकिन पश्चिमी देशों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, इसके विपरीत चीन पर दोष लगाया.

वास्तव में महामारी के सामने विभिन्न देशों को एकजुट होकर मुकाबला करना चाहिए, न कि मुठभेड़ करना. चीन विरोधी भावना बिगड़ने से अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा खतरे में पड़ेगी.

सौजन्य: आईएएनएस

चिकित्सा एक पवित्र पेशा है. इस फील्ड में काम करने वाले डॉक्टर हमेशा खतरनाक स्थिति में लोगों की जिंदगी बचाते हैं और बारूद के बिना युद्ध के मैदान में अपना कर्तव्य निभाते हैं. हम डॉक्टरों को श्वेत वस्त्र धारी योद्धा पुकारते हैं. चीन ने 19 अगस्त 2018 से चिकित्सक दिवस निर्धारित किया. तीसरे चीनी चिकित्सक दिवस के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पूरे देश के व्यापक चिकित्सा संबंधी कर्मचारियों को हार्दिक बधाई और संवेदना दी है. शी चिनफिंग ने कहा कि व्यापक चिकित्सा संबंधी कर्मचारियों ने स्वास्थ्य कार्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कोविड-19 महामारी फैलने के बाद चीनी चिकित्साकर्मी साहस के साथ महामारी की रोकथाम में जुटे रहे. उन्होंने वायरस के साथ लड़ाई की और महामारी की रोकथाम में कठिन प्रयास किया. चीन सरकार और चीनी लोगों ने उनका उच्च मूल्यांकन किया.

जब महामारी फैलने लगी, तब न सिर्फ आम लोग इस वायरस से अंजान थे, बल्कि चिकित्सकों ने भी पहली बार इस वायरस का सामना किया. हालांकि वायरस का फैलाव नहीं पता था, उपचार की योजना तय नहीं हुई और दवा की कमी भी हुई, लेकिन चिकित्सक योद्धा की तरह महामारी की रोकथाम में शामिल हुए. चीन ने महामारी की रोकथाम में बड़ी प्रगति हासिल की, बल्कि अन्य देशों को अनुभव और समर्थन भी दिया.

लेकिन महामारी फैलने से अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के राजनीतिज्ञों ने क्रमश: चीन पर कालिख पोती. ब्रिटिश अखबार द लान्सेट के मुख्य संपादक रिचर्ड होर्टन ने हाल में कहा कि महामारी फैलने के बाद चीनी चिकित्सकों ने शीघ्र ही चेतावनी दी, फिर चीन सरकार ने दुनिया को सतर्क किया. लेकिन पश्चिमी देशों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, इसके विपरीत चीन पर दोष लगाया.

वास्तव में महामारी के सामने विभिन्न देशों को एकजुट होकर मुकाबला करना चाहिए, न कि मुठभेड़ करना. चीन विरोधी भावना बिगड़ने से अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा खतरे में पड़ेगी.

सौजन्य: आईएएनएस

Last Updated : Aug 20, 2020, 9:46 AM IST
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