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दिल्ली के अस्पताल में फेफड़े के दुर्लभ कैंसर से पीड़ित बच्चे की बचाई गई जान - फेफड़े का ट्यूमर

10 साल के बच्चे में फेफड़े का एक दुर्लभ कैंसर पाया गया है. बच्चा ब्रोन्कियल म्यूकोएपिडर्मोइड कार्सिनोमा से पीड़ित था, जिसे दिल्ली के निजी अस्पताल द्वारा सफलतापूर्वक सर्जरी कर ठीक किया गया. यह बीमारी इसलिए दुर्लभ है क्योंकि छोटे बच्चे में फेफड़े का ट्यूमर दुर्लभ और घातक है.

Child with rare lung cancer
फेफड़े के दुर्लभ कैंसर से पीड़ित बच्चा
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Published : Feb 5, 2021, 10:49 AM IST

दिल्ली के एक सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में डॉक्टरों ने हाल ही में सफल ऑपरेशन करते हुए फेफड़े के दुर्लभ कैंसर से पीड़ित एक 10 साल के बच्चे को नया जीवन दिया. बीएलके सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में दाखिल यह बच्चा ब्रोन्कियल म्यूकोएपिडर्मोइड कार्सिनोमा से पीड़ित था. बीते साल नवंबर में उसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया और बाएं फेफड़े के आधे हिस्से को इस प्रकार से हटा दिया कि वह एक बार फिर से सामान्य जीवन जीने की स्थिति में आ गया.

छठी कक्षा का छात्र विशाल (नाम परिवर्तित), जो स्वस्थ जीवन जी रहा था अचानक बीमार हो गया और उसके थूक (हेमोप्टीसिस) में खून देखा गया, जबकि ऊपरी श्वसन पथ में भी संक्रमण के लक्षण दो सप्ताह से थे. लड़के को उसका चिंतित परिवार तुरंत एक स्थानीय चिकित्सक के पास ले गया, जिसने प्रारंभिक जांच में हल्का संक्रमण पाया और दवा की. दो दिन बाद, लड़के के थूक में फिर से खून निकला और ये इस बार बहुत अधिक गंभीर रक्त में उल्टी के रूप में था. व्यथित और चिंतित परिवार लड़के को फिर से स्थानीय चिकित्सक के पास ले गए, जिसने एक बड़े हॉस्पिटल में लड़के की ब्रोंकोस्कोपी करवाने की सलाह दी.

विशाल को बीएलके सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में ले जाया गया. जहां उसे बाल चिकित्सा आईसीयू विभाग में भर्ती कराया गया. विस्तृत जांच में, एक पीईटी स्कैन और ब्रोन्कियल मास बायोप्सी के बाद विशाल को बाएं निचले लोब ब्रोन्कस एमईसी या म्यूकोएपिडर्मोइड कार्सिनोमा (फेफड़ों में लार ग्रंथि प्रकार के ट्यूमर) पाया.

उन्हें तुरंत बीएलके सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में बीएलके कैंसर सेंटर में वरिष्ठ निदेशक और एचओडी (सर्जिकल ऑन्कोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी) डॉ. सुरेंद्र डबास के नेतृत्व में एक विशेष चिकित्सा दल की देखरेख में रखा गया.

डॉ. डबास ने कहा, 'इस तरह के ट्यूमर वयस्कों में भी दुर्लभ होते हैं और 10 साल के बच्चे में यह बीमारी अत्यंत दुर्लभ है. चूंकि उनके पास प्रदूषण या धुएं के संर्पक में आने का कोई जोखिम कारक नहीं था, इसलिए हम भी स्तब्ध हो गए. म्यूकोएपिडर्मोइड कार्सिनोमा, एक दुर्लभ घातक फेफड़े का ट्यूमर, लैरींक्स में स्थित सबम्यूकोसल ब्रोन्कियल ग्रंथियों में उत्पन्न होता है, जो वायुमार्ग के स्राव में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं. हमने रोगी के फेफड़ों के दुर्लभ हिस्से में होने वाले ट्यूमर को शल्य चिकित्सा से हटाने का फैसला किया.'

दिल्ली के एक सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में डॉक्टरों ने हाल ही में सफल ऑपरेशन करते हुए फेफड़े के दुर्लभ कैंसर से पीड़ित एक 10 साल के बच्चे को नया जीवन दिया. बीएलके सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में दाखिल यह बच्चा ब्रोन्कियल म्यूकोएपिडर्मोइड कार्सिनोमा से पीड़ित था. बीते साल नवंबर में उसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया और बाएं फेफड़े के आधे हिस्से को इस प्रकार से हटा दिया कि वह एक बार फिर से सामान्य जीवन जीने की स्थिति में आ गया.

छठी कक्षा का छात्र विशाल (नाम परिवर्तित), जो स्वस्थ जीवन जी रहा था अचानक बीमार हो गया और उसके थूक (हेमोप्टीसिस) में खून देखा गया, जबकि ऊपरी श्वसन पथ में भी संक्रमण के लक्षण दो सप्ताह से थे. लड़के को उसका चिंतित परिवार तुरंत एक स्थानीय चिकित्सक के पास ले गया, जिसने प्रारंभिक जांच में हल्का संक्रमण पाया और दवा की. दो दिन बाद, लड़के के थूक में फिर से खून निकला और ये इस बार बहुत अधिक गंभीर रक्त में उल्टी के रूप में था. व्यथित और चिंतित परिवार लड़के को फिर से स्थानीय चिकित्सक के पास ले गए, जिसने एक बड़े हॉस्पिटल में लड़के की ब्रोंकोस्कोपी करवाने की सलाह दी.

विशाल को बीएलके सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में ले जाया गया. जहां उसे बाल चिकित्सा आईसीयू विभाग में भर्ती कराया गया. विस्तृत जांच में, एक पीईटी स्कैन और ब्रोन्कियल मास बायोप्सी के बाद विशाल को बाएं निचले लोब ब्रोन्कस एमईसी या म्यूकोएपिडर्मोइड कार्सिनोमा (फेफड़ों में लार ग्रंथि प्रकार के ट्यूमर) पाया.

उन्हें तुरंत बीएलके सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में बीएलके कैंसर सेंटर में वरिष्ठ निदेशक और एचओडी (सर्जिकल ऑन्कोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी) डॉ. सुरेंद्र डबास के नेतृत्व में एक विशेष चिकित्सा दल की देखरेख में रखा गया.

डॉ. डबास ने कहा, 'इस तरह के ट्यूमर वयस्कों में भी दुर्लभ होते हैं और 10 साल के बच्चे में यह बीमारी अत्यंत दुर्लभ है. चूंकि उनके पास प्रदूषण या धुएं के संर्पक में आने का कोई जोखिम कारक नहीं था, इसलिए हम भी स्तब्ध हो गए. म्यूकोएपिडर्मोइड कार्सिनोमा, एक दुर्लभ घातक फेफड़े का ट्यूमर, लैरींक्स में स्थित सबम्यूकोसल ब्रोन्कियल ग्रंथियों में उत्पन्न होता है, जो वायुमार्ग के स्राव में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं. हमने रोगी के फेफड़ों के दुर्लभ हिस्से में होने वाले ट्यूमर को शल्य चिकित्सा से हटाने का फैसला किया.'

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