भले ही वर्तमान समय में चिकित्सा क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है लेकिन आम लोगों में कैंसर का डर आज भी काफी नजर आता है. कैंसर शरीर के किसी भी कोने में विकसित हो सकता है लेकिन इसके सबसे ज्यादा प्रचलित प्रकारों कि बात करें तो स्तन कैंसर उनमें अग्रणी हैं. वैसे तो यदि इस रोग के बारें में समय पर पता चल जाए तो तमाम उपचार और थेरेपी की मदद से इसका उपचार संभव है लेकिन यदि इसका सही समय पर और सही इलाज ना हो तो पीड़ित की मृत्यु तक हो सकती है. स्तन कैंसर तथा उसके इलाज को लेकर लोगों में सरकार द्वारा लगातार जागरूक किया जा रहा है. breast mammography . breast cancer test . breast cancer symptoms .
क्या कहते हैं आँकड़े (Breast cancer statistics): गौरतलब है कि दुनिया भर में महिलाओं में पिछले कुछ सालों में स्तन कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही हैं. वहीं आंकड़ों की माने तो विशेषतौर पर भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले अधिक सामने आते हैं. इंडियन कैंसर सोसायटी के मुताबिक, हर 28 में से एक महिला को यह कैंसर होने का खतरा रहता है. वहीं वर्ल्ड हेल्थ सोसाइटी के अनुसार वर्ष 2018 में लगभग 1,62,468 स्तन कैंसर के मामले सामने आए थे. जिनमें से इस बीमारी के कारण 87,090 महिलाओं की मृत्यु हो गई थी. sutter health . biotherapeutics .breast cancer treatment cost in india .
जानकारी का अभाव तथा भ्रम (Breast cancer confusion) : यूं तो स्तन कैंसर के बारें में लगभग सभी लोग जानते हैं , लेकिन यह भी सत्य है कि इसके लक्षणों तथा इसके इलाज को लेकर लोगों में अभी भी जानकारी का अभाव है. सामान्य भाषा में समझे तो स्तन में कोशिकाओं के असाधारण विकास तथा उनके ट्यूमर के रूप में विकसित होने पर यह रोग होता है. प्रभावित कोशिकाएं एक गांठ के रूप में नजर आती हैं लेकिन यहाँ यह जानना भी जरूरी है कि स्तन में होने वाली सभी गांठ कैंसर नहीं होती. चिकित्सक बताते हैं कि स्तन में किसी भी प्रकार की गांठ नजर आने पर उसकी जांच बहुत जरूरी होती हैं . क्योंकि समय पर जांच और इलाज से इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण (Symptoms of breast cancer) : स्तन कैंसर के लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते, लेकिन गांठ होने पर या किसी अन्य प्रकार के लक्षण होने पर मैमोग्राफी जांच करवाकर इसका पता लगाया जा सकता है . इंडियन कैंसर सोसायटी के अनुसार अलग-अलग महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण भी अलग-हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- स्तन में या बाहों के नीचे गांठ होना
- स्तन में दर्द या सूजन
- स्तन के निप्पल के आकार या स्किन में बदलाव
- स्तन का सख्त होना
- निप्पल पर खुजली
- निप्पल से रक्त या लिक्विड आना
स्तन कैंसर कारण (Breast cancer causes) : स्तन कैंसर के लिए शारीरिक अस्वस्थता और अनियमित जीवनशैली के अलावा कई बार आनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार होते हैं. हालांकि आनुवांशिक कारणों से स्तन कैंसर होने के मात्र 5-10% मामले ही सामने आते हैं. स्तन कैंसर के लक्षणों की बात करें तो उनमें से कुछ इस प्रकार है.
स्तन कैंसर के आम प्रकार (Types of breast cancer) : वैसे तो इस रोग के कई प्रकार हो सकते हैं लेकिन स्तन कैंसर में सबसे ज्यादा मामले डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (डीसीआईएस्), इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा, इन्वेसिव लॉबुलर कार्सिनोमा के सामने आते हैं. इसके अलावा इंफलेमेटरी स्तन कैंसर, ट्रिपल नेगेटिव स्तन कैंसर तथा निप्पल के पेजेट रोग भी स्तन कैंसर की श्रेणी में आते है लेकिन इनके पीड़ितों की संख्या अपेक्षाक्रत कम होती है. चिकित्सकों के अनुसार स्तन कैंसर के लगभग सभी प्रकारों में पहली स्टेज पर लक्षण पकड़ में आ जाने पर इलाज संभव है.
सावधानी का पालन : अपने कैंसर से संघर्ष की कहानी बताते हुए नीलिमा कहती हैं कि उन्हें जानकारी थी कि परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास होने से उन्हे भी यह रोग होने की आशंका है, इसलिए उन्होंने पहले से ही सभी सावधानियों का पालन किया तथा वे नियमित अंतराल पर अपनी जांच करवाती थी. ऐसी ही एक जांच में उन्हे शुरुआती चरण में ब्रेस्ट कैंसर के होने की पुष्टि हुई. सही समय पर इलाज तथा तमाम सावधानियों को बरतने के बाद अब वो पूरी तरह से Breast Cancer से मुक्त हो गई .
Womens को सर्वाइकल कैंसर से बचाने में बेहद लाभकारी हो सकती है सर्ववैक वैक्सीन