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गंभीर रोगों में फायदेमंद होती हैं अर्जुन की छाल - अर्जुन की छाल

आयुर्वेद की धरती कहे जाने वाले हमारे देश के कोने-कोने जड़ी-बूटियों के भंडार पाए जाते हैं। जिनके सेवन के ज्यादा तथा कम गंभीर, सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज संभव माना जाता है। ऐसी ही एक जड़ी बूटी है 'अर्जुन की छाल'।

Arjuna Bark,अर्जुन की छाल,
फायदेमंद होती हैं अर्जुन की छाल
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Published : Jul 27, 2021, 3:26 PM IST

अर्जुन की छाल को कई प्रकार की बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है।आयुर्वेद के जानकार बताते हैं की इसमें मौजूद औषधीय गुण वजन कम करने, त्वचा को खूबसूरत बनाने और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या को नियंत्रित रखने के साथ ही ह्रदय रोग और कैंसर जैसे रोग में भी मददगार साबित होते हैं। अर्जुन की छाल के फ़ायदों को लेकर etv भारत सुखीभव ने हैदराबाद के आयुर्वेदिक तथा अपने विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ पी.वी रंगनायकूलु से बात की ।

डॉ पी.वी रंगनायकूलु बताते है की अर्जुन की छाल से हृदय रोग, क्षय, पित्त, कफ, सर्दी, खांसी, अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसी बीमारी को दूर करने में मदद मिलती है। गौरतलब है की अर्जुन का पेड़ भारत में हिमालय की तराई, उत्तरप्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में ज्‍यादा पाया जाता है तथा इसमें बीटा-सिटोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड पाया जाता है।

अर्जुन की छाल के सेवन से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं।

Arjuna Bank, Serious Diseases
अर्जुन की छाल

ह्रदय रोगियों के लिए रामबाण औषधि
डॉ पी.वी रंगनायकूलु बताते है की अर्जुन की छाल दिल के रोगियों के लिए काफी लाभकारी होती है। इसके नियमित सेवन से धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लूसराइड कम होता है। जिससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सुचारू काम करने लगती हैं और ह्रदय रोग से बचाव होता है।

कैंसर को बढ़ने से रोकती है अर्जुन की छाल

इस संबंध केन्द्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप ) लखनऊ में हुए एक शोध में सामने आया है की अर्जुन के पेड़ की चल में एक ऐसा कंपाउंड मिलता है जो कैंसर की कोशिका को नष्ट करने की क्षमता रखता है। जिसका नाम अर्जुनीक एसिड रखा गया है। यह ओरल और ओवरी के कैंसर में फायदा पहुंचता है। वहीं इस संबंध में हुए कुछ अन्य शोधों के नतीजों के अनुसार अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक भी पाया जाता है। इसके कारण शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैल नहीं पाती है। विशेषकर स्तर कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में अर्जुन की छाल बड़े काम की है।

मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद

मधुमेह को नियंत्रित करने में भी अर्जुन की छाल काफी मददगार होती है। इसके नियमित सेवन से रक्त में शर्करा नियंत्रित होती है।

मोटापा व वजन कम करने में मददगार

अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है जिससे मोटापे की बीमारी नहीं होती है। इसकी छाल में मौजूद लिपिड फैट व अच्छे कोलेस्ट्रोल के गुण वजन कम करने में मददगार साबित हो सकते है।

अर्जुन की छाल हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है, जिससे सर्दी खांसी जैसी संक्रमण और बिमारियां होने की आशंका कम होती है।

मुंह के छाले ठीक होते हैं
अर्जुन की छाल के काढ़े के सेवन से पाचन तंत्र ठीक रहता है। वहीं चूंकि इसकी तासीर भी ठंडी होती है इसलिए इसके सेवन से मुंह में छालो की समस्या से बचा जा सकता है।

कान के दर्द को ठीक करता है

अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल कान दर्द में तथा कान में संक्रमण होने की अवस्था में राहत दिला सकते हैं।

डॉ पी.वी रंगनायकूलु बताते है की चूंकि अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है इसलिए बिना चिकित्सीय परामर्श के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

पढ़ें: औषधीय गुणों से भरपूर है मुलेठी

अर्जुन की छाल को कई प्रकार की बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है।आयुर्वेद के जानकार बताते हैं की इसमें मौजूद औषधीय गुण वजन कम करने, त्वचा को खूबसूरत बनाने और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या को नियंत्रित रखने के साथ ही ह्रदय रोग और कैंसर जैसे रोग में भी मददगार साबित होते हैं। अर्जुन की छाल के फ़ायदों को लेकर etv भारत सुखीभव ने हैदराबाद के आयुर्वेदिक तथा अपने विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ पी.वी रंगनायकूलु से बात की ।

डॉ पी.वी रंगनायकूलु बताते है की अर्जुन की छाल से हृदय रोग, क्षय, पित्त, कफ, सर्दी, खांसी, अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसी बीमारी को दूर करने में मदद मिलती है। गौरतलब है की अर्जुन का पेड़ भारत में हिमालय की तराई, उत्तरप्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में ज्‍यादा पाया जाता है तथा इसमें बीटा-सिटोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड पाया जाता है।

अर्जुन की छाल के सेवन से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं।

Arjuna Bank, Serious Diseases
अर्जुन की छाल

ह्रदय रोगियों के लिए रामबाण औषधि
डॉ पी.वी रंगनायकूलु बताते है की अर्जुन की छाल दिल के रोगियों के लिए काफी लाभकारी होती है। इसके नियमित सेवन से धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लूसराइड कम होता है। जिससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सुचारू काम करने लगती हैं और ह्रदय रोग से बचाव होता है।

कैंसर को बढ़ने से रोकती है अर्जुन की छाल

इस संबंध केन्द्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप ) लखनऊ में हुए एक शोध में सामने आया है की अर्जुन के पेड़ की चल में एक ऐसा कंपाउंड मिलता है जो कैंसर की कोशिका को नष्ट करने की क्षमता रखता है। जिसका नाम अर्जुनीक एसिड रखा गया है। यह ओरल और ओवरी के कैंसर में फायदा पहुंचता है। वहीं इस संबंध में हुए कुछ अन्य शोधों के नतीजों के अनुसार अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक भी पाया जाता है। इसके कारण शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैल नहीं पाती है। विशेषकर स्तर कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में अर्जुन की छाल बड़े काम की है।

मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद

मधुमेह को नियंत्रित करने में भी अर्जुन की छाल काफी मददगार होती है। इसके नियमित सेवन से रक्त में शर्करा नियंत्रित होती है।

मोटापा व वजन कम करने में मददगार

अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है जिससे मोटापे की बीमारी नहीं होती है। इसकी छाल में मौजूद लिपिड फैट व अच्छे कोलेस्ट्रोल के गुण वजन कम करने में मददगार साबित हो सकते है।

अर्जुन की छाल हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है, जिससे सर्दी खांसी जैसी संक्रमण और बिमारियां होने की आशंका कम होती है।

मुंह के छाले ठीक होते हैं
अर्जुन की छाल के काढ़े के सेवन से पाचन तंत्र ठीक रहता है। वहीं चूंकि इसकी तासीर भी ठंडी होती है इसलिए इसके सेवन से मुंह में छालो की समस्या से बचा जा सकता है।

कान के दर्द को ठीक करता है

अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल कान दर्द में तथा कान में संक्रमण होने की अवस्था में राहत दिला सकते हैं।

डॉ पी.वी रंगनायकूलु बताते है की चूंकि अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है इसलिए बिना चिकित्सीय परामर्श के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

पढ़ें: औषधीय गुणों से भरपूर है मुलेठी

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