लहसुन के फ़ायदों से लगभग सभी लोग वाकिफ हैं. अपने औषधीय गुणों के चलते लहसुन ना सिर्फ कई रोगों से बचाता है बल्कि कई रोगों से ठीक होने में भी मदद करता है.आयुर्वेद में माना जाता है कि सुबह सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन की कली खाने से सेहत को कई तरह के लाभ मिलते हैं . आयुर्वेद में चरक संहिता तथा सुश्रुत संहिता में लहसुन के गुणों का उल्लेख मिलता है. इसके अलावा काश्यप-संहिता में भी विभिन्न व्याधियों में औषधि के रूप में लहसुन के इस्तेमाल की बात कही गई है.
उत्तराखंड के बीएएमएस (आयुर्वेद) चिकित्सक डॉ राजेश्वर सिंह काला बताते हैं आयु्र्वेद में लहसुन को रसौन के नाम से जाना जाता है. जिसमें अम्ल रस को छोड़कर शेष पाँचों रस मिलते हैं. गौरतलब है की आयुर्वेद में छः तरह के रस माने गए हैं जिनके शरीर को अलग अलग फायदे होते हैं. ये रस हैं मधुर यानी मीठा, अम्ल यानी खट्टा, लवण यानी नमकीन, कटु यानी चरपरा, तिक्त यानी कड़वा, नीम जैसा तथा कषाय यानी कसैला.
इसके अलावा लहसुन की तीव्र गन्ध के चलते इसे उग्रगन्धा भी कहा जाता हैं. वह बताते हैं कि लहसुन के किसी भी माध्यम में सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल घटाता है, इसके अलावा अपच, कब्ज तथा गैस जैसी पेट संबंधित समस्याओं सहित ह्रदय संबंधी समस्याओं, गुर्दों संबंधी समस्याओं तथा विभिन्न प्रकार के संक्रमणों में भी राहत मिलती है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि कच्चे लहसुन का सेवन करने से शरीर को मिलने वाले फायदे दोगुने हो जाते हैं.
लहसुन के पोषक तत्व
डॉ काला बताते हैं कि लहसुन में खनिज, विटामिन और इम्यूनिटी को मजबूत करने वाले तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
वहीं नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन ( एनसीबीआई) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार लहसुन में एलिसिन नामक एक यौगिक पाया जाता है जो इसे औषधि सरीखा बनाता है. क्योंकि इस यौगिक में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंड गुणों पाए जाते हैं. लहसुन में विटामिन बी1, बी6, विटामिन सी के साथ ही मैगनीज, कैल्शियम, कॉपर, सेलेनियम , पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन और दूसरे प्रमुख लवण मिलते हैं . इसके अलावा इसमें एजोइन और एलीन यौगिक भी पाए जाते हैं, जो लहसुन को असरदार औषधि बनाते हैं.
पोषण की बात करें तो 28 ग्राम लहसुन का सेवन करने से हमें 42 कैलोरी, 1.8 ग्राम प्रोटीन, 9 ग्राम कार्ब्स प्राप्त होते हैं. वहीं यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के आंकड़ों की माने तो रोज सामान्य आकार की एक लहसुन की एक गांठ खाने से शरीर को लगभग 2% मैग्नीज, 2% विटामिन बी-6, 1% विटामिन सी, 1% सेलेनियम और 0.06 ग्राम फाइबर मिलता है. लहसुन की कली के आकार के आधार पर यह मात्रा ज्यादा या कम हो सकती है.
कच्चे लहसुन का सेवन होता है फायदेमंद
डॉ काला बताते हैं कि भोजन में शामिल लहसुन या पके हुए लहसुन के मुकाबले कच्चे लहसुन का सेवन सेहत को बेहतर फायदे देता है. दरअसल जब कच्चे लहसुन को काटकर या चबाकर खाया जाता है तो उसमें मौजूद सल्फर प्रतिक्रिया करता है जिससे बनने वाले यौगिक ( एलिसिन , डिलाइल डिसल्फाइड और एस-एलिल सिस्टीन) शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही शरीर को कई रोगों से भी दूर रखने में सक्षम होते हैं.
लहसुन के फायदे
लहसुन का रोज सुबह खाली पेट सेवन करने से कई तरह की सामान्य तथा गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- पेट के लिए फायदेमंद
रोज सुबह खाली पेट लहसुन की कली चबाकर खाने या पानी से निगलने से हमारे पेट में होने वाली यौगिक क्रियाओं के फलस्वरूप हमारा पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है. साथ ही अपच, कब्ज तथा अन्य पाचन व पेट संबंधी बीमारियों में राहत मिलती है. साथ ही वजन भी नियंत्रित रहता है. - कोलेस्ट्रॉल करे नियंत्रित तथा ह्रदय रहे स्वस्थ
डॉ काला बताते हैं कि अपने औषधीय गुणों के चलते लहसुन खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में काफी कारगर होता है. इसलिए ऐसे लोग जिन्हे खराब कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो उन्हे सुबह खाली पेट लहसुन की कली को चबाकर पानी के साथ खाने की सलाह दी जाती है. वहीं मॉर्डन साइंस तथा उस पर आधारित शोधों की मानें तो लहसुन का सेवन ना सिर्फ हाइपरकोलेस्ट्रॉलमिया को बाधित करता है बल्कि एन्थेरोमेटोस को भी कम करता है जिससे एन्थेरोक्लोरोसिस, ह्रदय रोग तथा कोरोनरी आर्टरी संबंधित रोग होने से बचाव में मदद मिलती है. इसके अलावा कच्चे लहसुन से मिलने वाला एलिसिन यौगिक रक्त में ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करता है. जो कोलस्ट्रोल को कम करने तथा धमनियों के प्लैक के उत्पादन को कम करने में मदद करते हैं. - मधुमेह को करें नियंत्रित तथा गुर्दों को करें दुरुस्त
नेशनल सेंटर फॉर कॉम्पनीमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार यदि मधुमेह रोगी नाश्ते में या सुबह लहसुन का सेवन करें तो उनके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है. दरअसल लहसुन में पाये जाने वाले एलीसन, एलिल प्रोपल डिसल्फाइड और एस-एलिल सिस्टीन सल्फॉक्साइड हमारे गुर्दों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं. जिससे शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बेहतर तरीके से होता है. और रक्त शर्करा के स्तर के अनियंत्रित होने का खतरा भी कम होता है. - संक्रमणों तथा एलर्जी में राहत दिलाता है
डॉ राजेश्वर सिंह काला बताते हैं कि सुबह खाली पेट 4 से 5 लहसुन की कलियों के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है . इसमें मौजूद यौगिक हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स, विदेशी रोगजनकों तथा विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं. जिससे ना सिर्फ सर्दी जुखाम तथा अस्थमा जैसी एलर्जी बल्कि पेशाब, योनि व गुर्दों में संक्रमण में भी राहत मिलती है.