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कोवैक्सीन को लेकर उपजी भ्रांतियों का औचित्य नहीं : एम्स उपनिदेशक - एम्स उपनिदेशक ने कोवैक्सीन का टीका लगवाने लोगों को प्रेरित किया

16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में लगाए जाने वाले स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर कई आशंकाएं उठ रही है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के उपनिदेशक सुभाषीश पांडा ने कोविड वैक्सीन की खुराक लेकर उसे पूरी तरह सुरक्षित बताया है. वहीं लोगों को स्वेच्छा से आगे आकर टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित किया है.

Apprehensions about Covaxin
कोवैक्सीन को लेकर आशंकाएं
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Published : Jan 25, 2021, 4:03 PM IST

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के उपनिदेशक (प्रशासन) सुभाषीश पांडा ने कहा है कि प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका लैंसेट के अध्ययन के बाद कोविड की पहली स्वदेशी कोवैक्सीन के प्रभावों के बारे में जो विवाद उत्पन्न हुआ है, उन भ्रांतियों का कोई औचित्य नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण अभियान को लेकर उपजी आशंकाओं पर भी विराम लगना चाहिए. पांडा एम्स में विगत तीन वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. फिलहाल वह प्रतिनियुक्ति पर हैं. रविवार को एम्स में कोवैक्सीन का टीका लगवाने वाले वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के पहले अधिकारी हैं. वह हिमाचल प्रदेश कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं.

खबरों के मुताबिक, लैंसेट ने शुक्रवार को अपने एक अध्ययन में कहा था कि टीकाकरण के पहले चरण में कोवैक्सीन के परिणामस्वरूप सहनशीन सुरक्षा परिणाम सामने आए और इसने प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को भी बढ़ाया.

लैंसेट की इस स्टडी पर पांडा ने आईएएनएस को बताया कि भारत ने एक सुरक्षित वैक्सीन तैयार किया है. कोवैक्सीन पर लैंसेट की स्टडी के परिप्रेक्ष्य में डेटा, आंकड़े और सत्यापन प्रक्रिया को भी मंजूरी प्रदान की गई है.

उन्होंने लोगों से टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा कि अब उन्हें टीकाकरण अभियान से जुड़ी आशंकाओं पर विराम लगाना चाहिए.

गौरतलब है कि टीकाकरण के पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई थी. हालांकि 16 जनवरी को शुरू हुए टीकाकरण अभियान के समय से अब तक 10 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, लेकिन कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर चिंताएं अभी भी पूरी तरह से दूर नहीं हुई हैं.

सरकार को वैक्सीन को लेकर कई भ्रामक खबरों जैसी चुनौतियों से भी मुकाबला करना पड़ रहा है. इन भ्रामक खबरों के कारण लोगों के मन में वैक्सीन लगवाने को लेकर भ्रांतियां भी पैदा हो रही हैं. सरकार द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बाद भी लोगों को पूरी तरह आश्वस्त करना दुष्कर हो रहा है.

पांडा ने कहा कि टीका लगवाने को लेकर लोगों के मन में झिझक होना कोई नई बात नहीं है. जब हमने पोलियों के लिए खुराक पिलाने का अभियान चलाया था, तो उस समय भी ऐसी ही स्थिति थी, लेकिन धीरे-धीरे यह समाप्त हो गया. मैंने भी आज कोविड का टीका लगवाया और मैं पूरी तरह से फिट हूं. उन्होंने कोविड वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वैक्सीन लगवाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को स्वेच्छा से आगे आना चाहिए.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के उपनिदेशक (प्रशासन) सुभाषीश पांडा ने कहा है कि प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका लैंसेट के अध्ययन के बाद कोविड की पहली स्वदेशी कोवैक्सीन के प्रभावों के बारे में जो विवाद उत्पन्न हुआ है, उन भ्रांतियों का कोई औचित्य नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण अभियान को लेकर उपजी आशंकाओं पर भी विराम लगना चाहिए. पांडा एम्स में विगत तीन वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. फिलहाल वह प्रतिनियुक्ति पर हैं. रविवार को एम्स में कोवैक्सीन का टीका लगवाने वाले वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के पहले अधिकारी हैं. वह हिमाचल प्रदेश कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं.

खबरों के मुताबिक, लैंसेट ने शुक्रवार को अपने एक अध्ययन में कहा था कि टीकाकरण के पहले चरण में कोवैक्सीन के परिणामस्वरूप सहनशीन सुरक्षा परिणाम सामने आए और इसने प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को भी बढ़ाया.

लैंसेट की इस स्टडी पर पांडा ने आईएएनएस को बताया कि भारत ने एक सुरक्षित वैक्सीन तैयार किया है. कोवैक्सीन पर लैंसेट की स्टडी के परिप्रेक्ष्य में डेटा, आंकड़े और सत्यापन प्रक्रिया को भी मंजूरी प्रदान की गई है.

उन्होंने लोगों से टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा कि अब उन्हें टीकाकरण अभियान से जुड़ी आशंकाओं पर विराम लगाना चाहिए.

गौरतलब है कि टीकाकरण के पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई थी. हालांकि 16 जनवरी को शुरू हुए टीकाकरण अभियान के समय से अब तक 10 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, लेकिन कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर चिंताएं अभी भी पूरी तरह से दूर नहीं हुई हैं.

सरकार को वैक्सीन को लेकर कई भ्रामक खबरों जैसी चुनौतियों से भी मुकाबला करना पड़ रहा है. इन भ्रामक खबरों के कारण लोगों के मन में वैक्सीन लगवाने को लेकर भ्रांतियां भी पैदा हो रही हैं. सरकार द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बाद भी लोगों को पूरी तरह आश्वस्त करना दुष्कर हो रहा है.

पांडा ने कहा कि टीका लगवाने को लेकर लोगों के मन में झिझक होना कोई नई बात नहीं है. जब हमने पोलियों के लिए खुराक पिलाने का अभियान चलाया था, तो उस समय भी ऐसी ही स्थिति थी, लेकिन धीरे-धीरे यह समाप्त हो गया. मैंने भी आज कोविड का टीका लगवाया और मैं पूरी तरह से फिट हूं. उन्होंने कोविड वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वैक्सीन लगवाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को स्वेच्छा से आगे आना चाहिए.

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