चारों तरफ फैली कोरोना जनित त्रासदी के चलते बने भय के माहौल में लोग अपने आप को बेबस महसूस कर रहे हैं। एक ओर जहां सभी लोग इस संक्रमण के चलते चिंतनीय मानसिक अवस्थाएं झेल रहे है, वहीं कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों के ठीक होने की रफ्तार पर उनकी मानसिक अवस्थाएं असर डाल रहीं है। ऐसे में सबसे ज्यादा बेबस, संक्रमण पीड़ितों से जुड़े लोग जैसे उनके रिश्तेदार, दोस्त और परिजन महसूस कर रहे हैं। क्योंकि कोविड-19 के चलते ना तो वह संक्रमित लोगों से मिल पाते हैं और ना ही किसी भी माध्यम से शारीरिक तौर पर उनकी मदद कर पाते हैं। ईटीवी भारत सुखी भव अपने पाठकों के साथ साझा कर रहा है 9 ऐसे तरीके जिनके जरिए लोग न सिर्फ अपने आसपास के कोरोना संक्रमित लोगों बल्कि समाज की भी मदद कर सकते हैं।
फोन करें
कोरोनासंक्रमण से ग्रस्त व्यक्ति आमतौर पर अपने स्वास्थ्य तथा कोरोना के चलते आसपास फैले परिस्थितियों के कारण तनाव या घबराहट महसूस करते हैं। ऐसे में संक्रमण पीड़ित व्यक्ति को नियमित तौर पर फोन करें या उसे फोन के माध्यम से शीघ्र ठीक होने की शुभकामनाओं तथा मन में सकरात्मकता जगाने वाले संदेश भेजें।
आपअपनेफोनयासंदेश के माध्यम से उनमें उम्मीद की किरण तथा उत्साह जगाने का प्रयास कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त नियमित तौर पर उनसे बात करते रहने पर उनका मनोबल भी बढ़ेगा। फोन पर बात करना या संदेश भेजना यदि रोज संभव ना हो तो 1 दिन छोड़कर भी फोन किया जा सकता है तथा संदेश भेजे जा सकते हैं।
सकारात्मकता फैलाएं
कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क में आमतौर पर नकारात्मक भाव भरे रहते हैं, जो उनके ठीक होने की रफ्तार पर भी असर डालते है। कोविड संक्रमित लोग जल्दी से जल्दी ठीक हो सके इसके लिए बहुत जरूरी है कि उनके मन तथा उनकी सोच में हर प्रकार से सकारात्मकता उत्पन्न करने का प्रयास किया जाए। इसके लिए बहुत जरूरी है कि उनसे तनाव देने वाली घटनाओं या बातों का जिक्र ना किया जाए, बल्कि उनके साथ ऐसी बातें करनी चाहिए जो उनके चेहरे पर हंसी और मन में प्रसन्नता लाए। इसके अतिरिक्त एकांतवास के दौरान समय काटने के लिए उन्हें उनकी पसंदीदा फिल्म या उनके गानों का संग्रह है दिया जा सकता है।
जरूरत पड़ने पर मदद करें
वर्तमानसमयमेंसोशलनेटवर्किंग साइट पर ऑक्सीजन, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता तथा विभिन्न प्रकार की जरूरतों को लेकर बहुत से संदेश प्रसारित हो रहे हैं। यदि ऐसा कोई संदेश आपके पास भी आता है, तो सबसे पहले नंबर की जांच कर ले, की क्या मदद मांगने वाला व्यक्ति वाकई सही पात्र है या नहीं। इसके उपरांत ही उन नंबरों को आगे बढ़ाएं। यह प्रक्रिया तत्काल होनी चाहिए ताकि मदद मांगने वाले व्यक्ति को तुरंत मदद मिल सके।
सूचना का उपयोग करें
कोरोना के इस दौर में सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे टि्वटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप आदि लोगों के लिए मदद का एक बड़ा रास्ता बन कर उभरी हैं।कौन लोग किस तरह की जरूरत को पूरा कर सकते हैं इस बारे में तमाम जानकारियां फोन नंबर सहित सोशल नेटवर्किंग साइट पर मुहैया कराई जा रही हैं।ऐसेमेंकोविड-19 मरीज की देखभाल में जरूरी किसी भी तरह की आवश्यकता को लेकर इन सूचनाओं की मदद ली जा सकती है।
कोरोना के चलते एकांतवास में रह रहे लोगों के लिए खाना बनाएं
यदि आपका कोई पड़ोसी, रिश्तेदार या दोस्त जो कि आसपास रहता हो और संक्रमण चलते होम क्वॉरेंटाइन यानी एकांतवास में हो तो आप उससे संपर्क कर उसके लिए भोजन तैयार कर सकते हैं।कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति में कमजोरी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए स्वयं के लिए पौष्टिक तथा जरूरी मात्रा में भोजन बनाना आमतौर पर उनके लिए संभव नहीं हो पाता है।ऐसे में उनके लिए भोजन बना कर न सिर्फ आप उनके काम में थोड़ी कमी करेंगे बल्कि उनकीशीघ्र स्वस्थ होने में मदद भी कर सकेंगे।
जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराएं या उनके कुत्तों को घुमा सकते हैं
यदि आप युवा तथा स्वस्थ हैं तो आप अपने आसपास रहने वाले पड़ोसियों, बुजुर्गों या रिश्तेदारों की उनके घर राशन पहुंचा कर मदद कर सकते हैँ। आमतौर पर कोरोना पीड़ित ही नहीं बल्कि उनके परिजन भी स्वयं को होम क्वॉरेंटाइन कर लेते हैं , ऐसे में घर में राशन की पूर्ति एक समस्या बन जाती है। आपकी थोड़ी सी मदद उनकी बहुत बड़ी समस्या को दूर कर सकती है। इसके अतिरिक्त यदि पीड़ित परिवार में कोई कुत्ता या अन्य जानवर है तो आप उन्हें घुमाने का तथा उनकी देखभाल करने का कार्य कर सकते हैं।
मदद के लिए आगे बढ़े
ऐसे बहुत से स्वतंत्र संगठन तथा युवा समूह है जो कोविड-19 के दौर में पीड़ितों की आर्थिक, चिकित्सीय तथा अन्य प्रकार की मदद के लिए कार्य कर रहे हैं।जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए पैसा एकत्रित करना, उन्हें जरूरी दवाइयां मुहैया कराना तथा उन्हें भोजन या पैसे संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या ना होने देने को लेकर कार्य कर रहे इन समूहों में आप भी शामिल हो सकते हैं।यही नहीं ऐसे समय में लोगों की छोटी-छोटी आर्थिक मदद भीजरूरतमंद लोगों को काफी फायदा दे रही है।
दान करें
आपकेद्वारा दान की गई छोटी से छोटी राशि जरूरतमंदों की काफी मदद कर सकती है। वर्तमान समय में बहुत से एनजीओ, कोविड-19 रिलीफ फंड तथा चैरिटेबल संस्थान लोगों से ऐसे कोरोनावायरस लोगों की मदद के लिए आर्थिक सहायता करने की अपील कर रहे हैं जो आर्थिक तौर पर कोरोना के इलाज का खर्चा वहन करने में सक्षम नहीं है। इन संस्थाओं की प्रमाणिकता के बारे में जानकारी लेकर आप उनमें दान कर सकते हैं।
शीघ्र अति शीघ्र वैक्सीन लगवाएं
जानकारों का कहना है कि कोविड-19 से बचाव के लिए बहुत जरूरी है कि वैक्सीन लगवाई जाए।ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों के टीकाकरण के उपरांत ही इस संक्रमण पर काबू पाया जा सकेगा।इसलिए जैसे ही संभव हो अपने तथा अपने परिवार के लिए वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया जाना चाहिए, तदोपरांत निर्देशानुसार वैक्सीन लगवाना चाहिए। यही नहीं वैक्सीन लगवाने के लिए अपने पड़ोसियों, दोस्तों, रिश्तेदारों यहां तक कि घर में काम करने आने वाले लोगों को भी प्रेरित तथा प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके अलावा वॉचमैन,गार्ड, सब्जीवाला या ऐसे लोग जो नियमित तौर पर आपकी जरूरतें पूरी करने में आपकी मदद करते हैं, लेकिन टीकाकरण को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं, बहुतजरूरी है कि उन्हें टीकाकरण से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक किया जाए तथा टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके साथ ही यदि वह टीकाकरण के लिए स्वयं को रजिस्टर करने में सक्षम नहीं है इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए उनकी मदद करना भी समाज के हित में एक बड़ा कदम होगा।
जरूरी नहीं है कि किसी भी किसी भी व्यक्ति की देखभाल के लिए आप हमेशा उसके साथ मौजूद हूं। सिर्फ इन 9 तरीकों से ही नहीं बल्कि कई और माध्यमों से भी आप संक्रमण पीड़ित व्यक्तियों से दूर रहकर भी उनकी मदद कर सकते हैं। वर्तमान समय में टीवी तथा समाचार पत्रों में दिखाए जा रहे या छापे गए समाचार निसंदेह मन को दुखाने वाले तथा चिंता उत्पन्न करने वाले हैं। ऐसे में आपके द्वारा सकारात्मकता फैलाए जाने का एक छोटा सा प्रयास ना सिर्फ कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों बल्कि आसपास रहने वाले अन्य लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में मददगार साबित हो सकता है। इन तमाम परिस्थितियों के चलते जहां लोग तनाव, डर, चिंता , बेचैनी और अवसाद जैसी मानसिक अवस्थाओ से घिरे हैं बहुत जरूरी है कि लोगों में यह संदेश प्रसारित किया जाए की “कुछ भी अटल नहीं है यह बुरा समय भी जल्दी बीत जाएगा “।