उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन, दुनिया भर में बढ़ती उम्र के लोगो में पायी जाने वाली सबसे आम बीमारी हैं, लेकिन इसका प्रभाव हमारी रोजमर्रा के जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से दीखता है. यह दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य जटिलताओं के बढ़ते जोखिमों के लिए भी जिम्मेदार होता है. वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग (WHL) के अनुसार, लगभग एक तिहाई वयस्कों को उच्च रक्तचाप की शिकायत है.
क्या हैं वह आसान तरीके जिससे हम इस समस्या से निपट सकते हैं, जानते हैं हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर राजेश वुक्काला, एमडी (जेनेरल मेडिसिन), VINN अस्पताल के सलाहकार चिकित्सक, हैदराबाद से :
1. दैनिक दिनचर्या: अधिकांश लोग एक नियमित दिनचर्या का पालन नहीं करते हैं और इसे अपनी जरूरत के अनुसार बदल देते हैं. लेकिन हमेशा सुबह उठने का एक विशेष समय, सभी कामों को करने, व्यायाम करने, निश्चित समय पर भोजन करने और जल्दी सोने जाने की सलाह दी जाती है. उचित दिनचर्या का पालन आपको स्वस्थ रखता है.
2. कैफीन को करें कट: ब्लड प्रेशर पर असर डालने के लिए अपनी दिनचर्या से कॉफी या किसी अन्य गर्म पेय पदार्थ को काटें. जितना हो सके इससे बचने की कोशिश करें. कैफीन आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है. हालांकि, यह हर व्यक्ति पर इसका अलग प्रभाव पड़ता है.
3. बाहरी खाने से रहें दूर: जंक फूड को हमेशा के लिए न करें. अध्ययन के अनुसार प्रोसेस्ड फूड में आमतौर पर लोडेड शुगर, कैलोरी और रिफाइंड कार्ब्स होते हैं. उच्च रक्तचाप वाले लोगों को घर का पका हुआ और स्वस्थ भोजन लेना चाहिए.
4. व्यायाम: डॉ. राजेश ने उच्च रक्तचाप के रोगियों को मेडिटेशन, योग और वॉक जैसे व्यायाम के सुझाव दिये है. ध्यान करने से तनाव से निपटने, मन को शांत रखने और आराम करने के लिए मददगार साबित होता है. इसके अलावा, व्यायाम करना अपने रक्तचाप को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है. यह न केवल रक्तचाप को कम करता है, बल्कि हृदय के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है.
5. अपने बीएमआई (BMI) को मेंटेन करें: अधिक वजन होना आपके दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, आदर्श वजन के रूप में ऐसा कुछ नहीं होता. यह आपकी उम्र और ऊंचाई जैसे कारकों पर निर्भर करता है. इसलिए,कहा जाता है कि 23 (+ या -1) का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बनाए रखें. बीएमआई और कुछ नहीं बल्कि आपके वजन और ऊंचाई के बीच का अनुपात है.
6. पोषक तत्व: कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम कुछ ऐसे पोषक तत्व हैं, जिनकी आपके शरीर को अधिक आवश्यकता होती है. हमारे शरीर में बुनियादी उपापचयी परिवर्तनों को पूरा करने के लिए ये सभी महत्वपूर्ण हैं.
7. सोडियम सेवन में कटौती करें: भारत के संबंध में बात करें तो हम किसी भी चीज में और सब्जियों के सलाद, फल आदि में नमक डालना पसंद करते हैं, भले ही इसकी आवश्यकता न हो. जो भोजन हम प्राकृतिक रूप से खाते हैं, उसमें से अधिकांश में कुछ मात्रा में नमक होता है. सिर्फ अपने स्वाद के लिए इसमें अधिक नमक मिलाना जरूरी नहीं है. यह आपके रक्तचाप के स्तर को प्रभावित कर सकता है.
8. शराब और धुम्रपान का सेवन: आज तक किसी अध्ययन में शराब के सेवन की उचित मात्रा निर्धारित नहीं की गई है. वहीं दुसरी तरफ धुम्रपान हमेशा से हानिकारक है. डॉ. राजेश शराब और धुम्रपान के सेवन का पूरी तरह से विरोध करते है.
उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर कहा जा सकता है, क्योंकि ये धीरे-धीरे इंसान को कमजोर बनाता है..
पिछले तीन दशक से लोगों में मुख्य रूप से तनाव देखा गया है. रक्तचाप की समस्या एक ऐसी चीज है, जो आमतौर पर 50 साल की उम्र के बाद दिखाई देता हैं. लेकिन आज, बड़ी संक्या में युवा वर्ग भी इससे पीड़ित हैं और इसका मुख्य कारण तनाव है. तनाव वित्तीय समस्याओं, काम के बढ़ने या अन्य व्यक्तिगत मुद्दों के कारण हो सकता है.
इसपर डॉ. राजेश का कहना है कि लोगों को जानकारी होना चाहिए कि तनाव को कैसे प्रबंधित करें और इससे अपने स्वास्थ्य को प्रभावित न करें. इसलिए लोगों को यह जानना जरूरी है कि रक्तचाप उनकी जीवनशैली को कैसे प्रभावित कर सकती है और इसकी देखभाल कैसे करनी है.