कढ़ी पत्ते को मीठी नीम के नाम से भी जाना जाता है, जो कि लैटिन नाम 'मुरैना कोइनिगि' से आया है. यह पौधा न केवल अपने सुगंधित और अद्भुत स्वाद के लिए मशहूर है, बल्कि विभिन्न औषधीय गुणों के लिए भी है. डॉ. कल्पेश रमेशलाल बाफना का यह भी कहना है कि, कढ़ी पत्ते का पौधा भारतीय उपमहाद्वीपों का मूल निवासी है- भारत, चीन, पाकिस्तान, यह हर जगह पाया जाता है. यह भारत में बहुत लोकप्रिय है और इसका उपयोग मसालेदार सुगंध और स्वाद के कारण कढ़ी पकाते समय किया जाता है. इसके बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ है और यह प्राचीन काल से उपयोग में है.
कढ़ी पत्ते के बहुत से फायदे है, लेकिन वो क्या है?आइये जानते है डॉ. कल्पेश से इसके कुछ फायदे:
1.पाचन रोग:
- पाचन, कब्ज और दस्त जैसे पाचन विकारों में कढ़ी पत्ता मदद करता है. इसे अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जा सकता हैं.
- दस्त और पेचिश जैसी समस्या के लिए कढ़ी पत्ते को पीसकर छाछ में मिलाएं और खाली पेट पियें.
- कब्ज होने पर ताजा कढ़ी पत्ते को खाली पेट चबाकर खाएं.
2.सुबह की कमजोरी और मतली
सुबह की कमजोरी आमतौर पर गर्भावस्था के पहले तिमाही के दौरान होता है और मतली आम लोगों में भी देखा जा सकता है. कढ़ी पत्ता पाचन स्राव को बढ़ाने और सुबह होने वाली कमजोरी और मतली जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता हैं.
3.जीवाणुनाशक
कढ़ी पत्ते में क्षाराभ पाया जाता है, जो जीवाणुनाशक की तरह काम करता है. जीवाणुनाशक का मतलब है कि यह बैक्टीरिया को मारता है और इसलिए यह पाचन तंत्र के संक्रमण को रोकने में सहायक है.
4.मधुमेह
कढ़ी पत्ते का तीखा स्वाद होता है, जो मधुमेह के लिए उपयोगी है. यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है. कढ़ी पत्ते में जिंक, कॉपर और आयरन जैसे तत्व भी पाए जाते हैं और अग्न्याशय में इंसुलिन के स्राव को सुरक्षित और उत्तेजित करता है.
5.आंखें
परंपरागत रूप से कढ़ी पत्ता मोतियाबिंद के शुरुआती दौर को रोकने के लिए जाना जाता हैं. विटामिन-ए से समृद्ध होने के कारण, वे हमारी आंखों की रक्षा करने और उन्हें पोषण देने के लिए जाने जाते हैं. इसलिए, यह मोतियाबिंद की रोकथाम के साथ-साथ आंखों की रोशनी पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.
6.मोटापा
आयुर्वेद के अनुसार, आहार में 6 स्वाद हैं: मीठा, नमकीन, खट्टा, तीखा, कसैला और कड़वा. मीठे, नमकीन और खट्टे खाद्य पदार्थ वजन बढ़ाने के लिए उपयोगी होते हैं, वहीं अन्य तीन तीखे, कसैले और कड़वे खाद्य पदार्थ वजन घटाने में मददगार होते हैं. कढ़ी पत्ता खाने से शरीर में वसा कम होता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है. कार्बाजोल, पत्तियों में पाया जाने वाला एक क्षाराभ है, जो शरीर में रक्तवसा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
7.घाव भरने और जलन
कढ़ी पत्ते को उपचार गुणों के लिए भी जाना जाता है. कढ़ी पत्ते और पानी का एक ताजा पेस्ट तैयार कर घावों, जलन, खरोंच, फोड़े जैसे समस्या आने पर त्वचा में रात भर लगाकर रखें और इसकी भांप लें. सुबह तक सारी तकलीफ ठीक हो जाएगी.
8.बालों का झड़ना
बालों को झड़ने से रोकने के लिए कढ़ी पत्ते के पेस्ट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. जहां बालों का झड़ना अधिक हो, वहां पेस्ट लगा लें. इसके अलावा, कढ़ी पत्ते के नियमित सेवन से बालों को बढ़ने में मदद मिलती है. यह पूरे भारत में आसानी से उपलब्ध हैं और आप अपने बगीचे में एक छोटा पौधा भी उगा सकते हैं. ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है.