नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सभी बाजारों को खोलने की इजाजत मिल चुकी है. मगर, दिल्ली का सबसे व्यस्त बाजार सदर बाजार नहीं खुल पा रहा है. असल में इस बाजार के 10 प्रतिशत रिहायशी इलाके में कोरोना के मरीज मिले थे. इसके चलते बाजार को भी कंटेनमेंट जोन में डाल दिया गया है. वहीं फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा और गांधी नगर मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतपाल सिंह मंगा ने सोशल मीडिया के जरिए मार्केट खोलने की सरकार से मांग की है.
कोरोना वायरस के चलते लगभग ढाई महीने से देश की सबसे बड़ी होलसेल मार्केट सदर बाजार बंद पड़ी है और दिल्ली के लगभग सभी बाजार खुल गए हैं. मगर सदर बाजार कंटेनमेंट जोन होने के कारण खुलने का नाम नहीं ले रहाहै. फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा और गांधी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतपाल सिंह मंगा ने कहा बड़े दुख की बात है कि सदर बाजार को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. जबकि 70 परसेंट क्षेत्र में ढाई महीने से एक भी कोरोना का केस नहीं सामने आया और जो केस आए भी हैं वह सदर बाजार रेजिडेंट क्षेत्र में आए है. मार्केट में नहीं आए हैं. हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि इसकी जांच कराई जाए और जहां पर केस है उसी को सील किया जाए. बाकी पूरी मार्केट को खोल दिया जाए.
परमजीत सिंह पम्मा ने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सभी मार्केट खोलने के आदेश दे दिए हैं. यहां तक की ऑड-ईवन के आधार पर दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है. मगर सदर बाजार के व्यापारियों को अनदेखा किया जा रहा है.
परमजीत सिंह पम्मा ने कहा कि इस समय व्यापारियों का बड़ा बुरा हाल होता जा रहा है. वे लगातार सरकारी अधिकारियों से संपर्क साध रहे हैं. मगर किसी प्रकार का भी उनको कोई आश्वासन नहीं मिल रहा है और जबकि आसपास की सारी मार्केट जैसी चांदनी चौक, आजाद मार्केट, तेलीवाड़ा सहित अनेक मार्केट खुल गई है. इसलिए अब सोशल मीडिया के जरिए वे केंद्र व दिल्ली सरकार से निवेदन करते हैं कि जहां पर भी कोई कोरोना मरीज नहीं है, वहां पर मार्केट खुलने की इजाजत दी जाए. और जहां पर मरीज है, वहीं पर ही कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाए.
सतपाल सिंह मंगा ने कहा कि व्यापारियों की ढाई महीने से घर बैठे अब हालत बुरी होती जा रही है. उनके पास अब घर चलाने के लिए भी खर्चा नहीं है. वह एक दूसरे से उधार मांगकर गुजारा कर रहे हैं. काफी लेबर तो अपने गांव में चली गई है. मगर जो है उनको खर्चा देने के लिए भी बुरी हालत हो रही है. सरकार व अधिकारियों को जल्द ही सदर बाजार खुलवाने के लिए निर्णय लेना चाहिए.