नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के चुनावी बिगुल बज चुका है और 8 फरवरी को चुनाव होने हैं. ऐसे में दिल्ली की दूसरी सबसे बड़ी विधानसभा विकासपुरी की सबसे महत्वपूर्ण कदम निभाई हुई है. दरअसल, 2008 में यहां पर कांग्रेस का परचम लहराया हुआ था. हालांकि मौजूदा विधायक महेंद्र सिंह हैं जो आम आदमी पार्टी के विधायक रहे हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती विकासपुरी विधानसभा है.
तीन लाख 25 हजार है इस विधानसभा में वोट
आपको बता दें कि मटियाला के बाद विकासपुरी सबसे बड़ी विधानसभा क्षेत्र है. यहां के मतदाताओं की संख्या की बात करें. तो करीब तीन लाख 25 हजार 246 वोटर हैं. जिसमें एक लाख 83 हजार 313 पुरुष मतदाता और एक लाख 41 हजार 905 महिला मतदाता हैं. दिल्ली के चुनाव में विकासपुरी, मटियाला विधानसभा के बाद दूसरी सबसे बड़ी महत्वपूर्ण विधानसभा से बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी यहां से वोट समेटने की जद्दोजहद में हैं.
2008 में कांग्रेस और 2013 और 2015 में 'आप'
गौर करने वाली बात यह है कि विकासपुरी विधानसभा 2008 में बनी थी, यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार नंदकिशोर विधायक रहे. कांग्रेस ने यहां से काफी संख्या में वोट हासिल किए थे. लेकिन 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से महेंद्र यादव ने जीत दर्ज की और वहीं 2015 में भी महेंद्र यादव को काफी वोट हासिल हुए थे. मौजूदा में यहां से महेंद्र यादव की आम आदमी पार्टी से विधायक हैं.
बीजेपी का ध्यान है केंद्रित
अहम बात यह है कि बीजेपी जहां दिल्ली की सत्ता पाने के लिए लंबे समय से इंतजार किए हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर विकासपुरी विधानसभा एक ऐसी सीट है जहां पर बीजेपी कभी भी अपना परचम नहीं रह पाई है. 2008 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की तो वहीं 2013 और 2015 में आम आदमी पार्टी ने. ऐसे में इस विधानसभा सीट पर बीजेपी कहीं भी नजर नहीं आई और ऐसे में 2020 के चुनाव में बीजेपी का ध्यान इस दूसरी सबसे बड़ी विधानसभा क्षेत्र भी है.
फिलहाल देखने वाली बात होगी कि राजधानी की दूसरी सबसे बड़ी विधानसभा विकासपुरी में तीनों पार्टियां किस तरीके से प्रदर्शन करती है और आम जनता किस पर अपना विश्वास जता पाती है.