नई दिल्ली: त्रिनगर विधानसभा से आम आदमी पार्टी की सरकार में कानून मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. जितेंद्र सिंह तोमर पर फर्जी डिग्री का आरोप लगा था, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनकी पत्नी को टिकट दिया था. अब उनकी पत्नी प्रीति तोमर त्रिनगर की विधायक हैं, लेकिन होर्डिंग्स और सरकारी बोर्ड पर आज भी उनके पति और पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह तोमर का ही नाम है.
दरअसल हलफनामे में शैक्षणिक योग्यता की गलत जानकारी देने पर हाईकोर्ट ने इसी साल जनवरी में जितेंद्र सिंह तोमर के 2015 के निर्वाचन को रद्द कर दिया था. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने उनकी पत्नी प्रीति तोमर को त्रिनगर विधानसभा से चुनाव में उतारा था. प्रीति तोमर ने बीजेपी के तिलक राम गुप्ता को हराकर विधानसभा चुनाव जीता था.
अब विवाद ये है कि त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र की विधायक होने के बावजूद प्रीति तोमर का सरकारी बोर्डों पर नाम नहीं है. उनके पति और पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह तोमर का नाम आज भी इलाके के सरकारी बोर्डों और होर्डिंग्स पर लिखा हुआ है.
आपको बता दें कि प्रीति तोमर खुद आजकल फर्जी डिग्री को लेकर विवादों में हैं. त्रिनगर विधानसभा के ही एक स्थानीय मतदाता नवीन पराशर ने प्रीति तोमर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. आरोप है कि प्रीति तोमर ने अपने चुनावी हलफनामे में खुद को एमएससी और बीएड डिग्री धारक बताया है. उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से खुद को वर्ष 1994 में बीएड डिग्री धारक बताया है, वहां पर तब बीएड की पढ़ाई नहीं होती थी.
हालांकि ये जांच का विषय है और दिल्ली हाईकोर्ट ने विधायक प्रीति तोमर को चुनावी शपथ पत्र में गलत शैक्षणिक योग्यता की जानकारी देने के मामले में नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी.