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Chhath Puja 2022: दिल्ली के मादीपुर में छठ घाट में पानी नहीं, रोने पर मजबूर व्रती

छठ पूजा के दूसरे दिन मादीपुर में बने छठ घाट में पानी नहीं होने से छठ व्रती न सिर्फ परेशान हैं बल्कि रोने को भी मजबूर हैं. छठ घाट पर पानी का इंतजाम करने की फरियाद लेकर लोग जब विधायक दफ्तर गए तो उन्हें दुत्कार कर भगा दिया गया. अब उन्हें ये नहीं समझ आ रहा कि आखिर वह बिना पानी का यह पर्व कैसे मनाएंगे.

problem of water for chhath
problem of water for chhath
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Published : Oct 29, 2022, 11:44 AM IST

नई दिल्ली: आज (शनिवार) छठ पूजा (Chhath Puja 2022) का दूसरा दिन है, लेकिन मादीपुर में बने छठ घाट जिसमें तीन दशक से हजारों की संख्या में व्रती पूजा करते हैं, वहां पानी का इंतजाम अब तक नहीं हो पाया है. इस बात से व्रती ना सिर्फ परेशान हैं बल्कि रोने को भी मजबूर हैं.

छठ व्रतियों को छठ पूजा के शुरू होने पर खुश होना चाहिए पर वो रहे हैं. इनके रोने की वजह है छठ घाट में पानी का इंतजाम न होना. लेकिन जब वे लोग पानी के इंतजाम के लिए आप विधायक के दफ्तर गए तो वहां से उन्हें दुत्कार कर भगा दिया गया. आस्था के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा की शुक्रवार से शुरुआत हो चुकी है और हर इलाके में घाटों की तैयारी जोर शोर से चल रही है, लेकिन मादीपुर इलाके के लोग छठ घाट पर पानी का इंतजाम नहीं होने के कारण बेहद परेशान हैं. यहां तक कि कई छठ व्रती तो रो-रो कर अपना दर्द बता रहे हैं. अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि बिना पानी के आखिर आस्था के इस पर्व को मनाएं तो मनाएं कैसे.

मादीपुर में छठ घाट में पानी नहीं होने से रोने पर मजबूर व्रती

इन लोगों का आरोप है कि काफी समय पहले से पानी के इंतजाम को लेकर इलाके के आप विधायक गिरीश सोनी से लेकर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा सहित डीडीए, डीएम ऑफिस तक भागदौड़ कर रहे थे. तब हर किसी ने पानी के साथ-साथ अन्य व्यवस्था को लेकर इंतजामों को करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब जब पूजा की शुरुआत हो चुकी है और एक दिन बाद डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पानी में खड़े होने की धार्मिक परंपरा है. ऐसे में व्रती पानी का इंतजाम नहीं होने को लेकर बेहद परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: Chhath Puja: हिंडन छठ घाट पर आ रही बदबू, पानी में कैसे खड़े होंगे व्रती

आरोप है कि इस समस्या को लेकर शुक्रवार को वे लोग जब इलाके के विधायक के दफ्तर पहुंचे, तो विधायक और विधायक ऑफिस में मौजूद लोगों ने न केवल बदतमीजी की बल्कि, अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया. जब लोगों ने भी थोड़ी नाराजगी दिखाई तो इस पर विधायक जी ने साफ तौर पर लोगों को वहां से यह कहते हुए भगा दिया कि यहां से जाओ हम से पानी का इंतजाम नहीं होगा. तुम्हें जैसे जो करना हो कर लो. विधायक के इस बयान को लोग धार्मिक आस्था का अपमान बता रहे हैं. उनका कहना है एक विधायक का यह रवैया बिल्कुल सही नहीं है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री खुद को दिल्ली का बेटा कहते हुए थकते नहीं. उनके विधायक का यह रवैया समझ से परे है.

लोगों ने बीजेपी और बीजेपी सांसद को भी कटघरे में खड़ा किया है कि पहले तो सब ने आश्वासन दिया लेकिन ऐन वक्त पर पानी के इंतजाम की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अब एक समाजसेवी द्वारा पानी देने की शुरुआत छठ घाट में की गई है, लेकिन इंतजाम ना काफी लग रहा. स्थानीय लोगों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी भी की और शोर-शराबा किया. साथ ही पानी की मांग की.

ये भी पढ़ें: Chhath Puja: खरना आज, जानें प्रसाद ग्रहण की विधि

वहीं जब इलाके के विधायक गिरीश सोनी से इस बारे में फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया जलबोर्ड के पास इतना पानी नहीं है कि उस पानी को घाट में पहुंचाया जाए, साथ ही उन्होंने बताया कि सीवेज प्लांट के पानी के लिए उन्होंने इन लोगों से कहा था लेकिन लोगों ने मना कर दिया. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी पौधों में दिया जाता है, जिसके लिए वह पानी लेने से लोगों ने मना कर दिया, क्योंकि उस पानी में बदबू होती है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कोई पानी मशीन तो हैं नहीं कि पानी का इंतजाम कर पाएं. पानी है नहीं तो कहां से इंतजाम करें.

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नई दिल्ली: आज (शनिवार) छठ पूजा (Chhath Puja 2022) का दूसरा दिन है, लेकिन मादीपुर में बने छठ घाट जिसमें तीन दशक से हजारों की संख्या में व्रती पूजा करते हैं, वहां पानी का इंतजाम अब तक नहीं हो पाया है. इस बात से व्रती ना सिर्फ परेशान हैं बल्कि रोने को भी मजबूर हैं.

छठ व्रतियों को छठ पूजा के शुरू होने पर खुश होना चाहिए पर वो रहे हैं. इनके रोने की वजह है छठ घाट में पानी का इंतजाम न होना. लेकिन जब वे लोग पानी के इंतजाम के लिए आप विधायक के दफ्तर गए तो वहां से उन्हें दुत्कार कर भगा दिया गया. आस्था के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा की शुक्रवार से शुरुआत हो चुकी है और हर इलाके में घाटों की तैयारी जोर शोर से चल रही है, लेकिन मादीपुर इलाके के लोग छठ घाट पर पानी का इंतजाम नहीं होने के कारण बेहद परेशान हैं. यहां तक कि कई छठ व्रती तो रो-रो कर अपना दर्द बता रहे हैं. अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि बिना पानी के आखिर आस्था के इस पर्व को मनाएं तो मनाएं कैसे.

मादीपुर में छठ घाट में पानी नहीं होने से रोने पर मजबूर व्रती

इन लोगों का आरोप है कि काफी समय पहले से पानी के इंतजाम को लेकर इलाके के आप विधायक गिरीश सोनी से लेकर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा सहित डीडीए, डीएम ऑफिस तक भागदौड़ कर रहे थे. तब हर किसी ने पानी के साथ-साथ अन्य व्यवस्था को लेकर इंतजामों को करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब जब पूजा की शुरुआत हो चुकी है और एक दिन बाद डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पानी में खड़े होने की धार्मिक परंपरा है. ऐसे में व्रती पानी का इंतजाम नहीं होने को लेकर बेहद परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: Chhath Puja: हिंडन छठ घाट पर आ रही बदबू, पानी में कैसे खड़े होंगे व्रती

आरोप है कि इस समस्या को लेकर शुक्रवार को वे लोग जब इलाके के विधायक के दफ्तर पहुंचे, तो विधायक और विधायक ऑफिस में मौजूद लोगों ने न केवल बदतमीजी की बल्कि, अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया. जब लोगों ने भी थोड़ी नाराजगी दिखाई तो इस पर विधायक जी ने साफ तौर पर लोगों को वहां से यह कहते हुए भगा दिया कि यहां से जाओ हम से पानी का इंतजाम नहीं होगा. तुम्हें जैसे जो करना हो कर लो. विधायक के इस बयान को लोग धार्मिक आस्था का अपमान बता रहे हैं. उनका कहना है एक विधायक का यह रवैया बिल्कुल सही नहीं है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री खुद को दिल्ली का बेटा कहते हुए थकते नहीं. उनके विधायक का यह रवैया समझ से परे है.

लोगों ने बीजेपी और बीजेपी सांसद को भी कटघरे में खड़ा किया है कि पहले तो सब ने आश्वासन दिया लेकिन ऐन वक्त पर पानी के इंतजाम की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अब एक समाजसेवी द्वारा पानी देने की शुरुआत छठ घाट में की गई है, लेकिन इंतजाम ना काफी लग रहा. स्थानीय लोगों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी भी की और शोर-शराबा किया. साथ ही पानी की मांग की.

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वहीं जब इलाके के विधायक गिरीश सोनी से इस बारे में फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया जलबोर्ड के पास इतना पानी नहीं है कि उस पानी को घाट में पहुंचाया जाए, साथ ही उन्होंने बताया कि सीवेज प्लांट के पानी के लिए उन्होंने इन लोगों से कहा था लेकिन लोगों ने मना कर दिया. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी पौधों में दिया जाता है, जिसके लिए वह पानी लेने से लोगों ने मना कर दिया, क्योंकि उस पानी में बदबू होती है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कोई पानी मशीन तो हैं नहीं कि पानी का इंतजाम कर पाएं. पानी है नहीं तो कहां से इंतजाम करें.

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