नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना और प्रदूषण के साथ कई डेंगू जैसी बीमारी भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में लोगों को साफ-सफाई और सरकार के नियमों के पालन करना चाहिए. देश की राजधानी में यूं तो आपको बड़ी-बड़ी बिल्डिंग दिखेंगी, लेकिन उसके आसपास कूड़े का ढेर भी आपको कहीं ना कहीं नजर आ जाएगा. ऐसा ही दिल्ली के कई इलाकों में देखा जाता है. ईटीवी भारत के जरिए देखिए कैसे इलाकों में कूड़े का ढेर बन रहा लोगों के लिए परेशानी.
- सुभाष नगर में लगा कूड़े का अंबार
सुभाष नगर इलाके में कूड़ा और मलबा मुख्य सड़क के साथ में पड़ा हुआ है, जिससे यहां से आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाका 2 वार्डों के बीच आता है. इस वजह से यहां पूरी तरह से साफ-सफाई नहीं होती. जबकि पास ही में एक ही स्कूल भी है और मुख्य सड़क भी है.
एमसीडी की लापरवाही
सुभाष नगर को टैगोर गार्डन और राजौरी गार्डन से जोड़ने वाली मुख्य सड़क की बदहाली ऐसे है कि यहां पर कूड़े और मलबे का ढेर लगा रहता है. उसे देखकर ऐसा लगता है जैसे यह कूड़ा और मलवा फेंकने की परमानेंट जगह बन गई हो. यह हाल तब है जब सामने एक स्कूल है. हालांकि स्कूल अभी बंद है, लेकिन यहां यह समस्या महीनों से नहीं बल्कि सालों से है. शिकायत होती है कुछ दिन साफ सफाई होती है, लेकिन हालात फिर से जस के तस हो जाती है.
देखिए तस्वीर के जरिए बसों के बीच में किस तरह से कूड़ा और मलवा जमा हो रहा है, जिससे लोगों को भी इसकी बदबू से परेशानी होती है.
- नांगल इलाके में कूड़े से परेशान लोग
नांगल इलाके में कॉलोनी के पास में खुले में कूड़ा पड़ा हुआ है, जिससे लोगों को आए दिन इस कूड़े की बदबू से होकर गुजरना पड़ता है. दरअसल, यहां कूड़ा घर तो बना हुआ है, लेकिन उसकी दीवार टूटी होने से आधे से अधिक कूड़ा खुले में पड़ा रहता है. इसके साथ ही ट्रांसफार्मर भी काफी नीचे है, जिससे लोगों के लिए खतरा और बढ़ गया है.
नांगल इलाके में फोटो के जरिए बदहाली देखिए किस तरह से खुले में चारों ओर कूड़ा फैला हुआ है. इससे आने-जाने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं है ऐसे में लोग बेहद परेशान हो रहे हैं और कई बार उन्होंने एमसीडी से शिकायत भी की बावजूद इसके कुछ नहीं हुआ. स्थानीय लोगों ने कई बार इस बात की शिकायत भी की लेकिन ना तो कूड़े की समस्या ही खत्म हुई और ना ही इस ट्रांसफार्मर को ऊंचा किया गया.
ये हाल तो सिर्फ दिल्ली के दो इलाकों का हमने आपको बताया, लेकिन दिल्ली के कई इलाके ऐसे है जहां इस तरीके की तस्वीरें सामने जरूर आएंगी. अब देखना ये होगा प्रशासन कब तक इस ओर ध्यान देगा.