नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में आर्म्स एक्ट के मामले में बंद विचाराधीन कैदी की पीठ पर जलाकर 'ओम' लिख दिया गया. उसे दो दिनों तक भूखा प्यासा रखा गया और कहा गया कि तेरा धर्म परिवर्तन हो गया है. पीड़ित ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में इस बाबत शिकायत दी, जिसके बाद अदालत ने जेल के सुपरिटेंडेंट को हटाने का आदेश दिया है.
इसके साथ ही जेल के डीजी को मामले की जांच करवाने के आदेश दिए हैं. जानकारी के अनुसार यह घटना तिहाड़ जेल संख्या चार में आर्म्स एक्ट के मामले में बंद विचाराधीन कैदी नबीर उर्फ शब्बीर के साथ हुई. उसके अधिवक्ता जगमोहन विशेष ने कड़कड़डूमा स्थित अदालत में बताया कि बीते 12 अप्रैल को जेल सुपरिटेंडेंट राजेश चौहान ने शब्बीर की पीठ को जलाकर उस पर ओम बना दिया. उसे जेल में 2 दिनों तक भूखा-प्यासा रखा गया और कहा कि उसका धर्म परिवर्तन हो गया. उसने अपने परिवार के सदस्यों को इस बाबत जानकारी दी, जिन्होंने उसके वकील को इस बारे में बताया.
जेल जाकर अधिवक्ता ने पाया सच
परिवार ने जो जानकारी अधिवक्ता को दी, इस पर वह जेल जाकर 16 अप्रैल को शब्बीर से मिले. उन्होंने देखा कि परिवार द्वारा कही गई बात पूरी तरह से सच है. उसके बाद कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट में याचिका दायर कर अधिवक्ता ने बताया कि शब्बीर ने उन्हें अपनी जली हुई पीठ दिखाई. उन्होंने इसकी फोटो भी खींची है. इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि अधिवक्ता द्वारा उठाए गए सवाल बेहद गंभीर हैं. उन्होंने डीजीपी जेल को शब्बीर का मेडिकल कराने के आदेश दिए हैं.
सुपरिटेंडेंट को जेल से हटाने का आदेश
अदालत ने इस बात की जांच करने को कहा है कि कैदी की पीठ पर 'ओम' कैसे जलाकर लिखा गया. इसके अलावा वहां की सीसीटीवी फुटेज भी जुटाने एवं जेल में बंद अन्य कैदियों से भी पूछताछ करने को कहा है. अदालत ने तिहाड़ प्रशासन को यह भी आदेश दिया है कि वह जेल नंबर 4 के सुपरिटेंडेंट राजेश चौहान को तुरंत वहां से हटाए.
कैदी को जलाने का आरोप
पीड़ित के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि शब्बीर ने बीते 12 अप्रैल को गैस चूल्हा नहीं जलने की शिकायत की थी. वहां के सुपरिटेंडेंट राजेश चौहान ने अपने ऑफिस में उसे बुलाकर कहा कि तू बहुत शिकायत करता है और यहां का नेता बनता है आज तुझे हम सबक सिखाएंगे. उसने 3-4 अन्य जेल अधिकारियों के साथ मिलकर उसकी पिटाई की. आरोप है कि राजेश चौहान ने उसकी टी-शर्ट उतार कर उसकी पीठ पर जलाकर ओम लिख दिया.