नई दिल्ली : लोक आस्था का महापर्व छठ 28 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ शुरू हो चुका है. ये पर्व चार दिनों तक चलता है. इसी क्रम में वेस्ट दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जोर-शोर से तैयारी चल रही है. सुभाष नगर इलाके में छठ घाट की तैयारी चल रही है.
यहां एमसीडी पार्क के अंदर ही सीमेंट के छठ घाट का निर्माण किया गया है. जिसमें आसपास रहने वाले पूर्वांचली लोग यहां व्रत करते हैं. इस घाट में सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं. इसलिए घाट पर जो फर्श टूटा था उसकी मरम्मत के साथ-साथ रंग रोगन का काम भी शुरू हो गया है. इसका मुआयना करने इलाके के बीजेपी नेता भी पहुंचे. उन्होंने लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को दूर कर रहे हैं.
बीजेपी नेता का कहना है कि यह छठ घाट 10 साल पुराना है. ऐसे में यहां की तमाम सुविधाओं का न सिर्फ एमसीडी की तरफ से ध्यान रखा जाता है, बल्कि वे लोग खुद इस बात का ध्यान रखते हैं कि घाट की तैयारी और सजावट के साथ-साथ व्रतियों को किसी तरह की किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े. यह आस्था का सबसे बड़ा त्योहार है. इसलिए इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए.
इस घाट पर व्रत करने वाले लोगों का कहना है कि अब तो काफी सुविधाएं यहां मिल रही हैं. यहां लगता ही नहीं कि वह बिहार में नहीं है. क्योंकि सुविधाओं के साथ-साथ पूजा और व्रत का सारा सामान भी मिल जाता है. इससे व्रत करने में आसानी होती है.
शाहदरा डिप्टी कमिश्नर ने घाटों का किया निरीक्षण
दिल्ली में उपराज्यपाल के आदेश के अनुसार सभी छठ घाटों पर छठ बनाने के आदेश जारी किए गए हैं. इसी कड़ी में डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार शर्मा ने अपने क्षेत्रों में बने अस्थाई घाटों का निरीक्षण किया और सफाई व्यवस्था का जायजा भी लिया. उन्होंने सोनिया विहार, शिव विहार, यमुना विहार और सीमापुरी आदि घाटों पर जाकर निरीक्षण कर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. घाटों पर जो भी कमी दिखाई दी है उसे तुरंत समाधान करने के अपने अधिकारियों को निर्देश दिए. ताकि व्यक्तियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना उठाना पड़े. साथ ही लाइट का भी प्रबंध किए गए हैं.
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कालिंदी कुंज यमुना घाट
वहीं, कालिंदी कुंज यमुना घाट पर नहाए खाए के दिन शुक्रवार को सुबह से ही छठ व्रती महिलाएं पहुंचना शुरू कर दी हैं और स्नान ध्यान कर कर अपने इस पावन पर्व की शुरुआत कर रही है. छठ व्रतियों ने बताया कि मान्यता के अनुसार छठ पर्व के नहाय खाए के दिन नदी, तालाब में स्नान कर शुद्ध हो जाता है. फिर छठ पर्व की शुरुआत की जाती है. आज हम लोग कालिंदी कुंज यमुना में आए हैं और स्नान कर रहे हैं. उसके बाद हम कद्दू भात खाएंगे. शनिवार को खरना, रविवार को डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा. फिर सोमवार को उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर चार दिवसीय इस महापर्व का समापन होगा.
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