नई दिल्ली : राजधानी में 1 सितंबर से स्कूल खुलने जा रहे हैं. अब भी पेरेंट्स स्कूल खोलने को लेकर सरकार के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि यह बात समझ से परे है कि एक तरफ सरकार सितंबर या अक्टूबर में तीसरी लहर आने की बात कह रही है. वहीं, स्कूल खोलकर बच्चों की जान जोखिम में डाल रही है.
पेरेंट्स का कहना है कि सरकार का यह फैसला किसी की भी समझ से बाहर की बात है. एक तरफ सरकार सितंबर या अक्टूबर में तीसरी लहर के आने की बात कह रही है. वहीं, सितंबर में ही स्कूल भी खोल रही है. तीसरी लहर आएगी, तो बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी होगी.
पेरेंट्स का कहना है कि दूसरी लहर के दौरान हालात बेहद खराब हो गए थे. पूरी दिल्ली में अफरा-तफरी मच गई थी. तीसरी लहर में वैसी स्थिति नहीं होगी. इसकी क्या गारंटी है. छात्रों को यह लगता है कि ऑनलाइन से बेहतर ऑफलाइन पढ़ाई है. वहीं, उनको यह भी लगता है कि कक्षा में कौन संक्रमित होगा और कौन नहीं. इसको लेकर डर है.
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