नई दिल्ली: सड़क किनारे और चौराहों पर कियोस्क खोलकर जरूरतमंदों को रोजगार देने की योजना कई साल पहले एमसीडी ने शुरू की, कियोस्क भी बन गए, लेकिन इतने सालों बाद एमसीडी की ये योजना तो परवान नहीं चढ़ पाई. उल्टा जहां जहां भी ये कियोस्क बना वो बदहाल है, टूट फूट गया और इतना ही नही टैगोर गार्डन इलाके में बना ऐसा कियोस्क तो स्मैकियों का अड्डा बना हुआ है और आसपास के लोग इस वजह से बेहद परेशान हैं.
इसका एक हिस्सा टूटने से समेकियों के लिए छिपकर बैठने का ठिकाना बन गया है और कईबार पार्क आनेवाले लोगों की तो बाइक भी चोरी हो गयी है और इस बात की शिकायत एमसीडी से की गई, बावजूद इसके कुछ नहीं हुआ. इतना ही नहीं इसके बदहाल होने से आसपास गंदगी का अंबार लगा रहता है लेकिन कोई देखने वाला नहीं
है.
लापरवाही एमसीडी की, परेशानी लोगों की
अब सालों पहले बनी एमसीडी की ये योजना तो सफल नहीं हुई. हां लोगों के टैक्स का पैसा जरूर बर्बाद हो गया और ऊपर से आमलोगों के लिए अब भी ये कियोस्क मुसीबत बना हुआ है. इससे साफ है कि एमसीडी किसी भी योजना को कितनी गंभीरता से बनाती है और कहीं ना कहीं इस योजना में उसकी दूरदर्शिता साफ दिखती है. तभी तो एमसीडी पर सालों से भ्रस्टाचार के आरोप लगते रहते हैं, हालांकि इस योजना के बारे में फिलहाल कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.