नई दिल्ली: नजफगढ़ ड्रेन की सफाई के काम को लेकर दिल्ली के एलजी पूरी तरह से मुस्तैद ही दिख रहे हैं. इसी के तहत नजफगढ़ ड्रेन के तिमारपुर और भारत नगर के बीच सफाई का काम पूरा हो गया, जिसे देखने एलजी विनय कुमार सक्सेना पहुंचे. (Najafgarh drain cleaning work completed)
इस दौरान एलजी ने भावनात्मक अपील करते हुए दिल्ली के लोगों से कहा कि अब नजफगढ़ नाले के कायाकल्प और साहिबी नदी के पुनरुद्धार का असंभव दिखने वाला काम वास्तविकता बनने लगा है. ऐसे में दिल्ली के लोगों को इस मूल्यवान विरासत को अपनाना चाहिए और इसे साफ रखना चाहिए. उन्होंने अब तक किए गए कार्यों की सराहना भी की.
पहले चरण में तिमारपुर और भारत नगर के बीच काम की शुरुआत हुई थी. सितंबर में उपराज्यपाल की सीधी निगरानी में नाले के मुहाने की ओर से शुरू किए गए काम के ठोस परिणाम दिखने लगे हैं. जबकि वजीराबाद से तिमारपुर तक तटबंध की डिसिल्टिंग के काम को नवंबर के अंत तक पूरा कर लिया गया था. माल रोड ब्रिज और भारत नगर के बीच 7.5 किलोमीटर के हिस्से पर आगे का काम जनवरी 2023 के मध्य तक पूरा कर लिया जाएगा, साथ ही यह दिशानिर्देश भी जारी किया गया है.
उपराज्यपाल ने सचिवालय को पत्र लिखकर काम पर संतोष व्यक्त किया है और इसके कायाकल्प में सक्रिय भागीदार बनने की इच्छा व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि दशकों से सरकारी विभागों और एजेंसियों की ओर से उदासीनता और उपेक्षा ने इस संपन्न और जीवित जल निकाय को बदबूदार मृत नाले में तब्दील कर दिया. जोकि यमुना के प्रदूषण में अधिकतम योगदान देने के अलावा लगातार स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहा है. इसके आसपास रहने वाले लोग इससे काफी परेशानियां झेलते हैं. यह ड्रेन सीवरेज और कीचड़ का एक जलाशय बन गया है, जिसमें 80 लाख टन से अधिक पानी के नीचे ठोस कचरा है. इसकी वजह से इसके प्रवाह और बहन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया. पिछले कुछ महीनों के दौरान किए गए प्रयासों के कारण 50 हजार टन से अधिक गाद निकाली गई है और समयबद्ध तरीके से पूरी तरह से गाद निकालने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा इसके सतह पर 27,000 टन कचरा व गाद जो ज्यादातर नाली की बाहरी परिधि पर जमा हुआ है. उसे हटाकर किनारों पर जमा कर दिया गया है.
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नजफगढ़ ड्रेन का कायाकल्प करने में एलजी ने अहम भूमिका निभाई है, जिन्होंने पिछले 5 महीनों में कई सिविक एजेंसियों को शामिल कर कई बैठकें की और ड्रेन से गाद निकालने के संचालन और सफाई की निगरानी के लिए नाले में नाव की सवारी की. सक्सेना ने लगातार प्रभावी और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ व व्यापक योजना तैयार की और इसमें I&FC विभाग, डीडीए दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी और डीएमआरसी जैसे विभिन्न विभागों को लेकर काम शुरू किया 57 किलोमीटर लंबे नाले को साफ़ किया.
राजपाल के दौरे मैं उनके साथ एमसीडी कमिश्नर I&FC के प्रमुख सचिव पर्यटन विभाग के सचिव और अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल थे.
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