नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में विश्व की सबसे भ्रष्ट सरकार साबित हुई है. केजरीवाल ने जनता को ईमानदार सरकार देने का वादा किया था लेकिन उनकी सरकार सबसे भ्रष्ट और निकम्मी सरकार साबित हुई है. उन्होंने जनता का भरोसा तोड़ा है.
गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिधूड़ी ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में ही दो बड़े घोटालों का कलंक केजरीवाल सरकार के नाम लगा है. जासूसी कांड और जल बोर्ड के बिलों के घोटाले में तीन गिरफ्तारियों की खबरों की स्याही अभी सूखी नहीं है. दुनिया में शायद ही कोई ऐसी सरकार होगी जिसका मंत्री पिछले साढे आठ महीने से जेल में पड़ा हो, कोई अदालत उसकी जमानत नहीं ले रही हो और फिर भी उसे केबिनेट से हटाया न गया हो. ठगी के आरोप में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर के आरोपों का केजरीवाल के पास कोई जवाब नहीं है. नई शराब नीति में हजारों करोड़ का घोटाला, क्लास रूम घोटाला, डीटीसी की बसें खरीदने से जुड़ा घोटाला, बिजली की सब्सिडी में घोटाला, जल बोर्ड के बिल जमा कराने में घोटाला, सात अस्थाई अस्पतालों के निर्माण का घोटाला... आखिर कितने घोटालों को गिनाया जाए. हाल ही में आई सीएजी रिपोर्ट में भी दिल्ली सरकार पर कई तीखे सवाल उठाए गए हैं.
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उन्होंने कहा कि पिछले आठ सालों में पानी की सप्लाई में एक एमजीडी की भी बढ़ोतरी नहीं हुई. लोग गंदे पानी से गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. केजरीवाल ने 15 हजार बसें खरीदने का वादा किया था लेकिन डीटीसी की बसों की संख्या आठ साल में 6500 से घटकर 3760 रह गई है और ये सारी बसें भी ओवरएज हो चुकी हैं, जिनमें रोज आग लग रही है. दिल्ली में जो इलेक्ट्रिक बसें आई हैं, वे भी केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराई हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट न मिलने से लोग निजी वाहन सड़क पर उतारने के लिए मजबूर हैं, जिससे भीड़, जाम, प्रदूषण और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनकर रह गई है. केजरीवाल ने 16 स्मॉग टावर लगाने का वादा किया था लेकिन सिर्फ दो लगे और वे भी चालू नहीं हैं. यमुना गंदा नाला बन चुकी है. केंद्र सरकार ने यमुना की सफाई के लिए लगभग 2500 करोड़ रुपये दिए लेकिन वे भी पानी में बहा दिए क्योंकि उनका कोई हिसाब नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक भी नया स्कूल नहीं खुला बल्कि 50 स्कूल बंद कर दिए गए. नेशनल परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में दिल्ली आठवें नंबर पर है. 20 कॉलेज खोलने का वादा था लेकिन एक भी नहीं खोला गया. दिल्ली सरकार के कॉलेजों के स्टाफ का वेतन ही यह सरकार नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल बजट में 8 लाख नौकरियों का वादा किया था लेकिन नई नौकरियां तो दूर, यह सरकार अपने तीन लाख कांट्रेक्ट कर्मचारियों में से किसी को पक्का नहीं कर पाई, जबकि केंद्र सरकार ने हाल ही में एनडीएमसी के 4500 कर्मचारियों को पक्का किया है.
केजरीवाल सरकार बुजुर्गों की पेंशन तक डकार गई है. दिल्ली को नशामुक्त बनाने का वादा किया था लेकिन नई आबकारी नीति से दिल्ली की गली-गली में शराब के ठेके खोलकर हजारों करोड़ रुपए का घोटाला किया गया. केजरीवाल ने किसानों से वादा किया था कि फसलों पर एमएसपी का 50 फीसदी अतिरिक्त देंगे लेकिन इस वादे से मुकर गए. दिल्ली में लालडोरा नहीं बढ़ाया गया और गांवों में नागरिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं. कोरोना काल में किराएदारों को राहत देने के लिए खुद ही यह घोषणा की कि सरकार उनका किराया अदा करेगी लेकिन फिर मुकर गए. यहां तक कि कोर्ट की फटकार के बाद भी किराए का भुगतान नहीं किया.
बिधूड़ी ने कहा कि आज हालत यह है कि दिल्ली सरकार के अपने सबसे बड़े वादे भी फिस्स हो गए हैं. सीसीटीवी और फ्री वाई-फाई बंद पड़ी है. मोहल्ला क्लीनिकों में महीनों तक टेस्ट नहीं हुए और अभी भी स्टाफ को वेतन नहीं मिल रहा है. बसों से मार्शल नदारद हो गए हैं क्योंकि उनका वेतन नहीं दिया गया. मस्जिदों में इमामों को हर महीने 30-30 हजार रुपया वेतन दिया जा रहा है जबकि पुजारियों, ग्रंथियों, बौद्ध मठों और गिरजाघरों के पादरियों को एक पैसे का भी वेतन नहीं दिया जाता. जहांगीरपुरी और यमुनापार हुए दंगों में आप नेताओं और समर्थकों के हाथ को पूरी दिल्ली की जनता देख चुकी है. बिधूड़ी ने कहा कि इस सरकार के पास अपनी उपलब्धि गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है. यह सरकार सिर्फ झूठे प्रचार से जनता को भ्रमित करती रही है लेकिन जनता समय के साथ इनके झूठ को समझ रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अजय सेहरावत भी उपस्थित थे.
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