नई दिल्ली: द्वारका जिला पुलिस को जिले के स्कूल में निर्भीक योजना के तहत लगाए गए कंप्लेंट बॉक्स से 12 साल की एक लड़की की शिकायत मिलने का मामला सामने आया है. लड़की ने निर्भीक बॉक्स में डाली अपनी शिकायत में लिखा है कि स्कूल आते-जाते समय रास्ते में उससे और उसकी बहन से एक अंकल छेड़छाड़ करते हैं. लड़की ने लिखा कि छेड़छाड़ से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस उसकी मदद करे. कंप्लेंट बॉक्स से मिली शिकायत के बाद पुलिस ने स्कूल के प्रिंसिपल से मुलाकात की. इसके बाद महिला काउंसलर से बच्ची और उसकी बहन की काउंसलिंग करवाई गई.
बच्ची ने पुलिस को बताया की जब वह स्कूल आती-जाती है तो इस दौरान एक व्यक्ति उससे और उसकी बहन से छेड़छाड़ करता है और उनका रास्ता रोकता है, जिससे दोनों काफी दिनों से परेशान है. लेकिन वे अपने घरवालों को यह बात नहीं बता पा रही हैं. इसपर पुलिस ने मामला दर्ज कर के ट्रैप लगाया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
क्या है ऑपरेशन निर्भीक: वर्ष 2015 में दिल्ली पुलिस ने स्कूल और कॉलेज की लड़कियों को यौन अपराधों के बारे में जागरूक करने और उन्हें 'गुड टच एवं बैड टच' के बारे में शिक्षित करने के लिए 'ऑपरेशन निर्भीक' शुरू किया था. इसके तहत सभी पुलिस स्टेशनों के एसएचओ को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी स्कूल-कॉलेजों में लड़कियों को यौन अपराधों और दंड के बारे में शिक्षित करने के लिए एक महिला पुलिस अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा गया था.
इसके तहत, निर्भीक महिला पुलिस अधिकारी सप्ताह में एक बार स्कूलों और कॉलेजों का दौरा कर छात्राओं से मुलाकात करती है. साथ ही उन्हें यौन उत्पीड़न से संबंधित उनके बुरे अनुभवों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करती है. इस दौरान उन्हें यह भी बताया जाता है कि वे अपनी शिकायत लिखित रूप में निर्भीक कंप्लेंट बॉक्स में डाल सकती हैं जो पुलिस अधिकारी तक पहुंच जाएगी.
आती हैं ऐसी शिकायतें: निर्भीक योजना के तहत स्कूलों में लगाए गए ड्रॉप बॉक्स में बच्चे अपनी किसी भी तरह की समस्या को लिखकर डाल सकते हैं. इसमें बच्चे अपने साथ हुए यौन हिंसा के साथ ही अपनी घरेलू समस्याओं के बारे में भी जानकारी साझा करते हैं. बच्चे ड्रॉप बॉक्स के माध्यम से अपने माता पिता के बीच होने वाले झगड़े को भी साझा कर चुके हैं, जिसके बाद पुलिस और काउंसलर ने मिलकर उनके माता-पिता को समझाकर समस्या का समाधान भी कराया है.
उपराज्यपाल ने किया सम्मानित: इस साल उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आउटर दिल्ली जिले में तैनात हेड कॉन्स्टेबल रीना और रजनी को निर्भीक योजना के तहत उनके उत्कृष्ट कार्य के सम्मानित भी किया था. उन्होंने 350 सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में निर्भीक ड्रॉपबॉक्स लगवाने के साथ उनकी निगरानी भी की, जिससे हजारों बच्चों को फायदा हुआ.
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बच्चों का मानसिक विकास होता है प्रभावित: काउंसलिंग साइकोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. गुरविंदर अहलूवालिया ने बताया कि बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों का उनके ऊपर गहरा प्रभाव पड़ता है. यह दिल्ली पुलिस की एक पहल सराहनीय है. लोगों को भी यह समझना चाहिए कि बच्चों के साथ यदि ऐसी हरकतें होंगी तो उनका स्कूल तो छूटेगा ही, उनके पूरी जीवन में नकारात्मक प्रभाव आएगा जो उनके मानसिक विकास को भी बाधित करता है.
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