नई दिल्ली: वेस्ट जिले के हरिनगर चौकी पुलिस ने टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए उद्घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है. आरोपी को तीस हजारी कोर्ट द्वारा 174 ए के तहत कुछ निर्देश दिए गए थे, जिसका पालन नहीं करने पर उसे भगोड़ा घोषित किया गया था.
वेस्ट जिले के डीसीपी घनश्याम बंसल से मिली जानकारी के अनुसार 12 जनवरी को तीस हजारी कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मयंक गोयल द्वारा विकासपुरी के रहने वाले धर्मवीर सिंह को उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया था. दरअसल तिलक नगर थाना इलाके में संदिग्ध परिस्थिति में मौत का एक मामला सामने आया था. उसी मामले में गवाह के तौर पर आरोपी कोर्ट में हाजिर हुआ था, लेकिन बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद जब वह कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हो रहा था. तब उसे उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया और उसके बाद उसे पकड़ने की जिम्मेदारी हरि नगर चौकी पुलिस को दी गई. टीम में एसआई सचिन यादव हेड कांस्टेबल राजकुमार और कांस्टेबल विनोद शामिल थे. आरोपी को पकड़ने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था. इसके बाद टीम ने उसके मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया और दूसरे सोर्स से भी आरोपी को पकड़ने के प्रयास किए गए. वहीं, आखिरकार पुलिस को सफलता मिली और उसे केशोपुर मंडी से गिरफ्तार किया गया.
अलग-अलग तरह के आपराधिक मामलों में शामिल ऐसे अपराधी जिसे कोर्ट द्वारा मिली तारीख पर कोर्ट में उपस्थित होना पड़ता है, लेकिन बार-बार समन और नोटिस भेजने के बावजूद वह कोर्ट में पेश नहीं होता, तो कोर्ट ऐसे अपराधियों को भगोड़ा घोषित कर देता है और फिर दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश करे. ऐसे कई मामलों में देखा गया है कि अपराधी भगोड़ा घोषित होने के एक दशक बाद तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आते है. भगोड़ा आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए अभियान जिले में चलाया जाता है.
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